फर्जी डी.एड. अंकसूचियों से शासकीय शिक्षक बने 8 शिक्षकों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध

ब्यूरो रिपोर्ट
मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल, भोपाल की फर्जी एवं कूटरचित डी.एड. (डिप्लोमा इन एजुकेशन) अंकसूची का उपयोग कर शासकीय शिक्षक की नौकरी प्राप्त करने वाले शासकीय सेवकों तथा उनसे जुड़े संगठित गैंग के विरुद्ध विशेष कार्रवाई करते हुए एसटीएफ मध्यप्रदेश द्वारा अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
पुलिस महानिदेशक श्री कैलाश मकवाणा द्वारा संगठित अपराध एवं संगठित अपराधी गैंग के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई करने के लिए पुलिस को निर्देशित किया गया है। इसी तारतम्य में एसटीएफमप्र को जानकरी प्राप्त हुई कि मप्र शिक्षा विभाग में कुछ व्यक्तियों द्वारा संगठित गैंग के साथ मिलकर फर्जी एवं कूटरचित डी.एड. की अंकसूचियां तैयार की जाकर शासकीय शिक्षक की नौकरी में उपयोग कर सरकारी नौकरी का लाभ ले रहे हैं।
सूचना पर विशेष पुलिस महानिदेशक, एसटीएफ श्री पंकज कुमार श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में पुलिस अधीक्षक एसटीएफ इकाई ग्वालियर श्री राजेश सिंह भदौरिया, सहायक पुलिस महानिरीक्षक, एसटीएफ मुख्यालय श्री नवीन कुमार चौधरी तथा उप पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ इकाई ग्वालियर श्री प्रवीण सिंह बघेल के नेतृत्व में 05 सदस्यीय विशेष टीम द्वारा गोपनीय सत्यापन किया गया। संबंधित शिक्षा कार्यालयों से प्राप्त रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि जिन डी.एड. अंकसूचियों के आधार पर शिक्षकों ने नौकरी प्राप्त की, वे या तो जारी नहीं की गई थीं अथवा अन्य व्यक्तियों को जारी की गई थीं।
गोपनीय सत्यापन के आधार पर 08 शिक्षक- श्री गंधर्व सिंह रावत, श्री साहब सिंह कुशवाह,श्री बृजेश रोरिया,श्री महेन्द्र सिंह रावत,श्री लोकेन्द्र सिंह,सुश्री रूबी कुशवाह,श्री रविन्द्र सिंह राणा एवं श्री अर्जुन सिंह चौहान के विरुद्ध थाना एसटीएफ भोपाल में अपराध पंजीबद्ध किया गया है। उक्त सभी शिक्षक वर्तमान में मुरैना, शिवपुरी, ग्वालियर, इंदौर सहित विभिन्न जिलों में कार्यरत हैं। साथ ही अन्य 26 संदेहियों के विरुद्ध जांच जारी है। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान प्रस्तुत दस्तावेज सत्यापन रिपोर्ट भी कूटरचित थी।
एसटीएफ की प्रारंभिक विवेचना में यह तथ्य उजागर हुआ कि फर्जी डी.एड. अंकसूचियों के निर्माण एवं उपयोग में एक संगठित गैंग सक्रिय है, जिसने शासकीय सेवा में अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए सुनियोजित षड्यंत्र रचा। इस गैंग के नेटवर्क एवं सहयोगियों की पहचान के लिये विवेचना जारी है।