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ईशारों को मिला आवाजों का साथ..खामोश दुनियां की समस्याओं पर बैतूल में हुआ मंथन

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ब्यूरो रिपोर्ट 

  • ईशारों को मिला आवाजों का साथ..खामोश दुनियां की समस्याओं पर बैतूल में हुआ मंथन
  • मुकबधिरों के वार्षिक सम्मेलन जुटे अधिकारी, समाजसेवी, डॉक्टर

बैतूल। ताप्ती बधिर सांस्कृतिक विकास कल्याण संघ का वार्षिक सम्मेलन 13 अप्रैल को नगर पालिका बैतूल के सभा कक्ष में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में जिले के अलावा छिंदवाड़ा, भोपाल, अमरावती से भी मुकबधिर पहुंचे। मुक बधिरों ओ आने वाली कठिनाईयों, समस्याओं एवं उनके जीवन स्तर में सुधार कैसे संभव है आदि विषयों को लेकर आयोजित जागरुकता कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सीसीएफ बासु कनौजिया, समाजसेवी मीरा अंथोनी, आरके मेमोरियल हॉस्पीटल की संचालक एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ कृष्णा मौसिक, लायंस क्लब महक बैतूल की अध्यक्ष दीप्ति दुबे शामिल हुई। कार्यक्रम का संचालन ताप्ती बधिर सांस्कृतिक विकास कल्याण संघ की संरक्षक गौरी बालापुरे पदम ने किया। इस अवसर पर संस्था के पदाधिकारी सुषमा मालवीय उपाध्यक्ष, समीसा कुमरे सह सचिव, सदस्य आशा खातरकर ने अतिथियों का पुष्पगुच्छ से स्वागत किया साथ ही स्मृति चिन्ह भेंटकर सभी अतिथियों को सम्मानित किया। ताप्ती बधिर सांस्कृतिक विकास कल्याण संघ अध्यक्ष सोमेश्वर धोटे, सचिव राजेश खातरकर द्वारा आयोजन को लेकर तैयारियां करीब एक महीने से की जा रही थी। साइन लेंग्वेज से कीर्ति ने सभी अतिथियों की बाते संगठन के सदस्यों तक पहुंचाई।


पहली बार इस तरह के कार्यक्रम में हुई शामिल- सीसीएफ
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीसीएफ बासु कनौजिया ने कहा कि अब तक करीब 15 वर्षों नौकरी में उनका यह पहला अवसर है जब वे इस तरह के किसी कार्यक्रम में शामिल हुई है। उन्होंने कहा कि समाज के बीच रहते हुए ये लोग एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे साथ ही स्वयं आत्मनिर्भर भी है। ईश्वर ने भले ही इन्हें आवाज नहीं दी लेकिन इन्होंने अपनी योग्यता से साबित कर दिया कि ये किसी से कम नहीं है। सभी खुश है और जीवन की कठिनाईयों को दूर करने के लिए एकजुट होकर विकल्प तलाश रहे है। यह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि संगठन को जहां कही भी उनकी आवश्यकता होगी वे साथ होंगी।


जब तक सांसे है मैं इनके काम आते रहूंगी-डॉ मौसिक
डॉ कृष्णा मौसिक मुकबधिरों की खामोश दुनियां से वाकिफ होकर अभिभूत थी। उन्होंने कहा कि यदि वे इनके किसी भी काम आ पाएंगी तो यह उनका सौभाग्य होगो साथ ही उन्होंने आश्वस्त किया कि वे मुक बधिर महिलाओं के लिए अपने आरके मेमोरियल हॉस्पीटल में नि:शुल्क उपचार देगी। उन्होंने कहा कि जब मेरी सांसे चल रही है मैं इनके काम आती रहूंगी। साथ ही उन्होंने इस कार्यक्रम से स्वयं प्रेरित होने की बात कही। डॉ कृष्णा ने स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर भी चर्चा की।


समाज का हिस्सा है मुक बधिर भी- मीरा अंथोनी
समाजसेवी मीरा अंथोनी वर्षों से मुक बधिरों से जुड़ी है। उन्होंने बताया कि ये अक्षम नहीं है जरुरत है इनकी प्रतिभा को समझने और इन्हें अवसर देने की। कार्यक्रम में मौजूद महिलाएं अपने बच्चों को शिक्षित कर रही है। स्वयं स्वरोजगार एवं नौकरी कर परिवार को आर्थिक रुप से भी मजबूती प्रदान कर रही है। ये समाज का हिस्सा है इन्हें अलग-थलग न करते हुए इनका हौसला बढ़ाने और साथ देने की जरुरत है।
इस अवसर पर गौरी पदम ने कहा कि वे मुकबधिरों की बाते, समस्याएं एवं अन्य समस्याएं प्रशासन, जनप्रतिनिधियों एवं संबंधित विभागों तक पहुंचाने का माध्यम है।

उनकी कोशिश है कि उनकी आवाज बनकर वे अनकही परेशानियोंं का निराकरण करवानें में हमेशा मददगार बनेंगी। इस अवसर पर महिलाओं के लिए विभिन्न खेलों का भी आयोजन किया गया और विजेताओं को आकर्षक पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। श्रीमती पदम ने आयोजन में सहयोग के लिए नगर पालिका सीएमओ सतीश मटसेनिया, लायंस क्लब महक की अध्यक्ष दीप्ति दुबे एवं सभी सहयोगियों का आभार मानते हुए हुए भविष्य में भी सहयोग के लिए अनुरोध किया।अंत में केक काटकर सभी ने इस कार्यकम का समापन किया।