निराकार परमात्मा शिव सर्व धर्मात्माओं के पिता – ब्रह्माकुमारी नेहा दीदी
भारती भूमरकर
- निराकार परमात्मा शिव सर्व धर्मात्माओं के पिता – ब्रह्माकुमारी नेहा दीदी
- ▫सभी धर्मात्माओं ने परमात्मा को ज्योति स्वरूप में माना
- ▫ईश्वर की सत्य पहचान न होना ही मतभेद और साम्प्रदायिकता का कारण
सारनी 17/12/24 – ग्राम सलैया में चल रहे सात दिवसीय गीता प्रवचन के तीसरे दिन आयोजन में पधारे श्रद्धालुओं को परमात्मा का सत्य परिचय देते ब्रह्माकुमारी नेहा बहन जी ने कहा कि “सभी धर्म पिताओं ने परमात्मा का रूप निराकार ज्योति स्वरूप बताया है। सनातन धर्म में ज्योति तो इस्लाम में नूर ए इलाही वही क्रिश्चियन धर्म में लाइट, सिक्ख धर्म में एक ओंकार के रूप में उसे जाना और याद किया जाता है।एक ईश्वर पिता होने के नाते यह विश्व एक परिवार है। सभी धर्मो में इसका वर्णन मिलता है। बस आवश्यकता है परमात्मा के सत्य स्वरूप को जानकर उसे स्वीकार करने की। यही सत्य ज्ञान हमारे अंदर विश्वबंधुत्व जागृत करता है। जब ईश्वर का परिचय हमे हो जाता है तो उससे संबंध जोड़ना आसान हो जाता है।
शिव ने ही सर्वप्रथम दिया गीता ज्ञान
जब हम गीता और पुराणों का गहराई से अध्ययन करते है तो ये सुस्पष्ट होता है कि इस सृष्टि पर सर्वप्रथम गीता ज्ञान देकर राजयोग सीखने वाले स्वयंभू परमात्मा शिव भोलानाथ है जिसे हम ज्योतिर्लिंगों के रूप में पूजते है। महाभारत काल में भी श्रीकृष्ण को माध्यम बनकर अर्जुन को गीता सुनाने वाले स्वयं शिव भोलानाथ ही थे। इस रहस्य को समझने से हम परमात्मा के सत्य स्वरूप और कर्तव्य को समझ सकते है।
विदित हो कि यह प्रवचन माला का तीसरा दिन था तथा और चार दिन यह प्रवचन चलेंगे।