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मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय से श्रमिकों के शोषण के मामले में समन जारी

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ब्यूरो रिपोर्ट 

1–सीएमडी जबलपुर, प्रमुख सचिव ऊर्जा विभाग सहित मंडल/कंपनी सारनी के दो अधिकारी सहित लोकनाथ एवं क्रांति कंपनी को मिला नोटिस

2– सतपुड़ा प्लांट में कार्यरत लोकनाथ कंपनी की बैंक गारंटी की राशि लगभग 1करोड़ 98 लाख रोकी गई

3–विधानसभा के मानसून सत्र के ध्यानआकर्षण प्रश्न में भी उठेगा सतपुडा प्लांट के श्रमिकों के शोषण का मामला

सतपुडा प्लांट में श्रमिकों के शोषण का मामला निरंतर तुल पकड़ते जा रहा है इस मामले में पहली बार हाईकोर्ट ने ऊर्जा विभाग के बड़े अधिकारियों सहित कंपनी के भी अधिकारियों से जवाब मांगा है ऊचित जवाब नहीं देने की स्थिति में न्यायालय द्वारा कंपनी एवं संबंधित अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जा सकती है प्लांट में कार्यरत लोकनाथ कंपनी में शोषण का मामला पिछले कई समय से चल रहा था जिसमें श्रमिकों द्वारा शोषण से जुड़े दस्तावेजो एवं अनेको बार प्रबंधन एवं शासन को दिए गए आवेदन निवेदन की प्रतियो के साथ प्रकरन दर्ज कराया गया जिसमें न्यायालय द्वारा गंभीरता से लेते हुए सभी जिम्मेदारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया

स्क्रैप कांड जैसा हो सकता है सतपुड़ा प्लांट का श्रम कांड

सारनी नगर के समाजसेवी सतीश बामने एवं प्लांट में कार्यरत श्रमिक भागीरथ भन्नारे और प्लांट में कार्यरत रहे श्रमिक वसंत महोबे ने बताया कि कोलकाता कि कंपनियां जो कि सतपुड़ा प्लांट में कार्यरत है उसमें श्रमिकों को उनकी कैटेगरी के अनुरूप वेतनमान नहीं दिया जाता और आवश्यकता से कम श्रमिक लगाकर स्थानीय मजदूरों से कार्य कराया जाता है कोलकाता की कंपनियों की इस प्रकार की तानाशाही से आसपास के आदिवासी श्रमिको सहित स्थानीय युवाओं में भी आक्रोश है और संभावना है जताई जा रही है कि जल्द ही स्क्रैप कांड जैसा कोई बड़ा खुलासा इस मामले में भी किया जा सकता है
श्रमिकों के वेतनमान और उसमें कार्यरत श्रमिकों की संख्या के संबंध में कई बार स्थानीय स्तर पर मंडल/कंपनी के मुख्य अधिकारी एवं श्रम विभाग से जुड़े अधिकारियों से जानकारी जुटाने का प्रयास भी किया गया मगर उनके द्वारा कुछ भी जानकारी नहीं दी जाती यहां तक की शासन द्वारा जानकारी बताने के लिए सूचना के अधिकार को भी दर किनार कर दिया जाता है और जानकारी मांगने पर जवाब दिया जाता है कि यह श्रमिकों की नीजी जानकारी है जबकि पूर्व में इस प्रकार की जानकारी सूचना के अधिकार में दी जा चुकी है इस प्रकार लोकनाथ कंपनी के संबंध में कंपनी/मंडल में मुख्यालय स्तर से किसी भी प्रकार की कोई जानकारी नहीं दी जा रही है

श्रमिकों के शोषण के कई मामले हैं न्यायालय में लंबित मगर हाईकोर्ट में पहली बार

सतपुड़ा प्लांट के सीएचपी मैं कोल सैंपलिंग के कार्य में कार्यरत सिंफर एवं उसकी पेंटी कॉन्टैक्टर कंपनी कोटकना द्वारा भी कोल सैंपलिंग के कार्य में कार्यरत स्थानीय युवाओं को कम वेतनमान देकर कई वर्षों तक उनका शोषण किया गया इस मामले में स्थानीय युवाओं द्वारा जिला न्यायालय एवं भोपाल श्रम न्यायालय में न्याय के लिए पकरण दर्ज कराया गया जिसमें मामला प्रक्रिया में है और श्रमिकों के हित में न्याय होने पर कंपनी के अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है
दूसरे एक और मामले में लोकनाथ कंपनी में पूर्व में कार्यरत श्रमिक द्वारा श्रमिको के हितों को लेकर आवाज उठाने पर बिना नोटिस दिए हीं काम से निकाल दिए जाने के मामले में उक्त श्रमिक द्वारा न्यायालय की शरण ली गई है जिसमें वरिष्ठ अधिकारी को न्यायालय द्वारा नोटिस देकर जवाब मांगा गया
इसी प्रकार सतपुड़ा प्लांट के ऐस हैंडलिंग प्लांट में ऑपरेशन एवं मेंटेनेंस के कार्य में पूर्व में कार्यरत हरियाणा फरीदाबाद की मेलको प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा भी स्थानीय श्रमिकों को कम वेतनमान देकर और कैटिगरी के अनुरूप वेतनमान नहीं देकर काम कराया जा रहा था जिस पर स्थानीय श्रमिकों द्वारा न्यायालय की शरण ली गई और न्यायालय द्वारा श्रमिकों के हित में फैसला सुनाया गया और बाद में दोषी कंपनी द्वारा स्थानीय श्रमिकों को डिफरेंट पेमेंट प्रदान किया गया एवं मंडल /कंपनी द्वारा उस कंपनी पर कार्रवाई की गई

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