सोयाबीन की 8000 रूपये प्रति क्विंटल पर खरीद की मांग को लेकर लिखा पत्र
रंजेश काकोड़िया
राज्य सरकार, केंद्र सरकार से सोयाबीन की एम एस पी बढ़ाने की करें मांग
सोयाबीन की फसल की बढ़ती लागत और घटते उत्पादन को देखते हुए सोयाबीन की 8000 रूपये प्रति क्विंटल एम एस पी बढ़ाने हेतु राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार को पत्र लिखने तथा 8000 रूपये प्रति क्विंटल पर खरीद न होने पर किसानों को भावांतर राशि का भुगतान कराने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिख कर कि मांग
मध्य प्रदेश को सोयाबीन उत्पादन की अधिकता के चलते सोया स्टेट का दर्जा मिला था, लेकिन शासन की किसान विरोधी नीतियों के चलते ये दर्जा बचाए रखना अब चुनौती बन गया है।
केंद्र सरकार ने किसानों से आमदनी दोगुनी करने का वायदा किया था लेकिन किसानों की आमदनी आधी हो गई है। केंद्र सरकार द्वारा इस वर्ष सोयाबीन का समर्थन मूल्य 4892 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है, लेकिन सरकार द्वारा एम एस पी पर सोयाबीन की खरीद नही करने के कारण किसानों को 1000 -1200 रूपये प्रति क्विंटल कम दाम पर बाजार में बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है। खुले बाजार में बिचौलियों की मोनोपोली के चलते किसानों को फसल का लागत मूल्य तक नहीं मिल पा रहा है। अभी बाजार में किसानों से सोयाबीन 12 साल पुराने भाव 3800 – 4000 रुपए प्रति क्विंटल पर खरीदी जा रही है।
उचित दाम नही मिलने और कम उत्पादन के चलते प्रदेश में सोयाबीन का रकबा कम हो गया है जिस कारण धान और मक्का की खेती करना शुरू किया लेकिन प्राकृतिक अनियमितता के कारण धान और मक्का की फसलें काफी प्रभावित हुई है। पहले प्रति एकड़ 7-8 क्विंटल उत्पादन होता था लेकिन अब उत्पादन 4-6 क्विंटल प्रति एकड़ हो गया है, जबकि लागत दोगुनी हो गई है।
पत्र में सोयाबीन में कम फलन होने का सर्वे कराकर राजस्व मुआवजा और फसल बीमा का तत्काल भुगतान कराने की मांग भी की गई।