पेशे के साथ इन्साफ करने से समाज मे सम्मान बढ़ता है- जेपी यादव
धनराज साहू ब्यूरो रिपोर्ट
भैंसदेही:- शिक्षकों में कर्तव्यनिष्ठा , समय पालन, शिक्षा गुणवत्ता और अभिनव कार्य को प्रेरित करने के उद्देश्य से जनजातीय कार्य विभाग नर्मदा पुरम संभाग के संवेदनशील उपायुक्त श्री जेपी यादव ने बुधवार और गुरुवार को दो सत्रों मे भैंसदेही विकासखंड के शिक्षकों के साथ शिक्षक प्रेरणा संवाद किया I उपायुक्त श्री यादव की विशेष पहल पर प्रदेश मे अपनी तरह की यह पहली अभिनव पहल है, जिसमे सभी शिक्षकों से संवाद कर उन्हें समय से स्कूल पहुंचकर ईमानदारी से कर्तव्य पालन के लिए प्रेरित किया जा रहा है I संभागीय उपायुक्त जनजातीय कार्य विभाग श्री यादव ने शिक्षकों से कहा कि नौकरी ने हमे जीवन जीने के संसाधन प्रदान किये और जीवन स्तर को उन्नत किया इसलिए हमे इसका सम्मान करना चाहिए I
शिक्षक का पेशा सबसे महत्वपूर्ण है, यह नई पीढ़ी को जीवन की राह दिखाकर भविष्य बनाने मे सबसे ज्यादा सहयोगी है समाज की इस धारणा को बदलना है कि सरकारी स्कूल के शिक्षक कर्तव्यनिष्ठ नही है I प्राथमिक शाला के शिक्षक नींव को तैयार करते हैं,अगर नींव कमजोर होती है तो बच्चों के भविष्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है I सरकारी स्कूल मे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चे आते हैं, उन पर विशेष ध्यान देना चाहिए I शिक्षा का मूल उद्देश्य सरकारी नौकरी प्राप्त करना नहीं है, बल्कि देश के लिए अच्छे नागरिक तैयार करना है I हमे बच्चों मे शिक्षा के साथ नैतिक और सांस्कृतिक मूल्य भी विकसित करना होंगे I बच्चों मे संवेदना, दया और एक दूसरे के प्रति सम्मान की भावना का विकास होना चाहिए I शिक्षक अपने आचरण, व्यवहार और कर्तव्य निष्ठा से बच्चों के समक्ष आदर्श प्रस्तुत करें I श्री यादव ने शिक्षकों से कहा कि यह आत्म चिंतन का विषय है कि क्या सरकार जितना वेतन हमें देती है उतना काम हम कर पा रहे हैं? सरकारी नौकरी आपकी मेहनत और सौभाग्य से मिली है, उसकी इज्जत करना होगी यह हमारे जीवन का आधार है I
वेतन से हम अपनी और अपने परिवार की सारी आवश्यकताऐं पुरी करते हैI I जिनके पास सरकारी नौकरी नही है उनके हालात आपने देखें होंगे I इसलिए हर शिक्षक आदत विकसित करें कि वह समय से पहले स्कूल पहुंचे, और विद्यालय समाप्ति के पश्चात ही स्कूल छोड़े I स्कूल समय में किए गए अपने कामों का मूल्यांकन भी स्वयं करें, और देखे की क्या उसने अपने कर्तव्य का भली-भांति निर्माण किया है I हमारे अनुभव सिखाते हैं कि दुनिया में कितनी चुनौतियां हैं, मुश्किलें हैं, और उनका समाधान कैसे करना हैI अगर हम अपने जीवन को आत्म अनुशासन मे ढाल लें तो हम समय प्रबंधन और तनाव प्रबंधन दोनों कर लेंगे I आज के दौर में मोबाइल के अधिक उपयोग ने पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों मे तनाव उत्पन्न किया है I
अतः मोबाइल का कम से कम उपयोग करें I खाली समय मे किताबें पढ़ें, किताबें सबसे अच्छी दोस्त और पथ प्रदर्शक है,अफसोस है कि हम सबके पढ़ने की आदत खत्म हो चुकी है उसे विकसित करना जरूरी हैI श्री यादव ने कुछ प्रश्नों के माध्यम से समय पालन, कर्तव्य बोध, सामाजिक एवं लोक व्यवहार, शिक्षा की गुणवत्ता आदि के बारे रोचक तरीके से चर्चा कर शिक्षकों को प्रेरित किया I उन्होंने शिक्षकों को कहा की आत्म अनुशासन जीवन को व्यवस्थित बनाकर गरिमा बढ़ाता है, इसलिए आत्म अनुशासन विकसित करें I कर्तव्य की अवहेलना पर की जाने वाली अनुशासनिक कार्यवाही गरिमा को ठेस पंहुचाती है I सरकारी नौकरी एक सौभाग्य है, इसने हमारे परिवार का सहारा दिया I सकारात्मक सोचिये, नकारात्मक विचारों और नकारात्मक लोगों से दूर रहें I अनुशासित एक्टिव, क्रिएटिव, इनोवेटिव बनें I भीड़ मे अलग वे ही लोग दिखते हैं जो सबसे अलग करके दिखाते हैं I स्कूल के बच्चों की चिंता अपने खुद के बच्चों की तरह करें I पेशे से किया गया इंसाफ समाज मे सम्मान दिलाता है I
श्री यादव ने कहा की हमारा उद्देश्य दंड देकर बदलाव लाना नही, वरन प्रेरणा देकर कर्तव्यबोध कराना है , सच पूछो तो दंड देने मे कभी मज़ा नही आता बल्कि दुःख होता है Iआत्म सम्मान और गौरव बढ़ाने वाले काम करें I
शिक्षकों ने बताया की आज के कार्यक्रम से सच मे बहुत सी चीज़ेँ सीखने को मिलीं बहुत प्रेरणा भी मिली, ऐसे आयोजन समय समय पर होते रहना चाहिए I संवाद कार्यक्रम में
विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्री जी. सी. सिंह, विकासखंड के प्राचार्य तथा लगभग 550 शिक्षक उपस्थित रहे I आभार प्रदर्शन विकास खंड शिक्षा अधिकारी जीसी सिंह ने किया I कार्यक्रम का सफल संचालन सीएमराईज स्कूल के प्राचार्य संदीप राठौर ने किया I