दुर्घटना वाले वाहन की जगह पुलिस ने दूसरी गाड़ी की जब्त, SP ने TI सहित पांच को किया निलंबित
ब्यूरो रिपोर्ट
मध्यप्रदेश के जिला मुख्यालय सागर- राजघाट रोड पर हुई सड़क दुर्घटना के मामले में पुलिस द्वारा टक्कर मारने वाले वाहन की जगह दूसरे वाहन को जब्त करने का मामला सामने आया है। शिकायत पर पुलिस अधीक्षक ने बड़ी कार्रवाई करते हुए थाना प्रभारी, मामले के विवेचक और आरक्षक सहित पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। मामले की विभागीय जांच शुरू कर दी गई है ।
क्या है मामला
दरअसल 6 फरवरी की रात सिविल लाइन थाना क्षेत्र के राजघाट रोड पर बरात से लौट रहे डीजे वाहन ने तिली निवासी 17 वर्षीय किशोर शंकर आदिवासी को टक्कर मार दी थी। हादसे में मौके पर ही किशोर की मौत हो गई थी। पुलिस ने रात में ही हादसे के आरोपित बगैर नंबर के कंडम वाहन को जब्त कर दिया था। पुलिस ने वाहन के चालक पर धारा 304 ए का मामला कायम कर विवेचना भी शुरू की थी ।
एसपी से शिकायत
जिसके बाद इस मामले में पुलिस अधीक्षक को शिकायत मिली कि हादसे के बाद पुलिस द्वारा जिस वाहन को पकड़ा गया, उसके स्थान पर दूसरे वाहन को जब्त कर सुपुर्द नामा की कार्रवाई की गई। एसपी ने पूरे मामले की जांच की। इसमें प्रथम दृष्टाया शिकायत सही पाए जाने पर थाना प्रभारी कार्यवाहक निरीक्षक अजय प्रताप सिंह, उप निरीक्षक केएस ठाकुर एवं सहायक उप निरीक्षक रेखा सिंह, आरक्षक लखन यादव एवं प्रिंस जोशी को निलंबित किया है। इन सभी को रक्षित केंद्र में अटैच कर दिया गया है।
बीमा क्लेम के कारण बदला वाहन
वाहन बदलने के पीछे बीमा कंपनी से क्लेम को लेकर भी एक पक्ष सामने आता है। दुर्घटना या हानि कारित करने वाले वाहन से पीड़ित पक्ष को मिलने वाली क्षतिपूर्ति वाहन मालिक या बीमा कंपनी देती है।
यदि वाहन का बीमा है तो ज्यादा पीड़ित पक्ष को क्षतिपूर्ति प्राप्त करने में ज्यादा परेशानी नहीं होती, लेकिन यदि वाहन का बीमा नहीं है तो मालिक को कोर्ट द्वारा निर्धारित क्षतिपूर्ति राशि पीड़ित पक्ष को देनी होती है, जिसकी वसूली काफी मुश्किल होती है।सिविल लाइन में वाहन बदलने के पीछे एक यह कारण भी हो सकता है। फिलहाल इस मामले में अभी चालान पेश नहीं हुआ है। एसपी मामले की विभागीय जांच करवा रहे हैं। चालान पेश होने तक पुलिस जब्ती के दौरान पकड़े गए वाहन की सत्यता जांच कर कोर्ट को मामले का स्पष्टीकरण पेश करेंगे।