
ब्यूरो रिपोर्ट
फर्जी फर्म के जरिए खाते उपलब्ध कराने वाला, सिम बेचने वाला व अकाउंट खरीदने वाला गिरफ्तार !
बैतूल जिले में अब तक के सबसे बड़े संगठित साइबर ठगी एवं अवैध ऑनलाइन बेटिंग नेटवर्क का बैतूल पुलिस द्वारा प्रभावी कार्रवाई करते हुए बड़ा खुलासा किया गया है!
जांच में सामने आया है कि मात्र 7 माह की अवधि में एक ही म्यूल (फर्जी) खाते के माध्यम से ₹10 करोड़ से अधिक का अवैध ट्रांजैक्शन किया गया। प्रकरण में अब तक ₹9.84 करोड़ से अधिक की मनी-ट्रेल उजागर की जा चुकी है तथा कुल 09 आरोपी पुलिस अभिरक्षा में हैं।
दिनांक 14 दिसंबर 2025 को की गई नवीन कार्रवाई में तीन अतिरिक्त आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। जांच में पाया गया कि आरोपी अश्विन धर्मवाल द्वारा फर्जी फर्म बनाकर चालू खातों के माध्यम से करोड़ों रुपये का अवैध लेन-देन किया गया। प्रवीण जयसवाल इस पूरे नेटवर्क में फर्जी दुकानों के माध्यम से करंट अकाउंट खुलवाकर उन्हें आगे उपलब्ध कराने की प्रमुख कड़ी रहा, जबकि पीयूष राठौड़ द्वारा अवैध रूप से सिम कार्ड उपलब्ध कराकर साइबर अपराध को सशक्त बनाया गया।
जांच के दौरान यह भी स्पष्ट हुआ कि अवैध ऑनलाइन बेटिंग से प्राप्त राशि को पहले फर्जी फर्मों के चालू खातों में भेजा जाता था, तत्पश्चात म्यूल खातों के माध्यम से आगे ट्रांसफर किया जाता था। कमीशन के लालच में बैंक खाते, डेबिट कार्ड, OTP अथवा सिम उपलब्ध कराना स्वयं एक गंभीर दंडनीय अपराध है, जिसमें संबंधित खाताधारकों के विरुद्ध भी कठोर वैधानिक कार्रवाई की जाती है।
यह संपूर्ण कार्रवाई पुलिस अधीक्षक श्री वीरेंद्र जैन एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती कमला जोशी के निर्देशन में गठित विशेष टीम द्वारा की गई। इस ऑपरेशन में DSP दुर्गेश आर्मो, निरीक्षक नीरज पाल, SI अश्विनी चौधरी, SI नवीन सोनकर (Cyber), SI उत्तम मस्तकार, SI राकेश सारेयाम, SI रवि शाक्य, HC तरुण पटेल, HC शिव उइके, आर. दीपेन्द्र सिंह, आर. राजेंद्र धाड़से, आर. बलराम राजपूत, आर. पंकज एवं आर. सचिन (Cyber) की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
डिजिटल साक्ष्यों का फॉरेंसिक विश्लेषण जारी है तथा नेटवर्क से जुड़े अन्य फरार एवं सहयोगी आरोपियों की तलाश लगातार की जा रही है।
📍 जिला पुलिस बैतूल (म.प्र.)



