संदिग्ध मामला – मेडिकल वेस्ट का जखीरा मुख्य मार्ग आखिर किसने फेका -खंगालने पर डॉ.का प्रिस्किप्शन भी मिला
भारती भूमरकर संवाददाता एससीएन न्यूज इंडिया (प्रशिक्षु पत्रकार मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना )
सारनी -मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के 1 नम्बर गेट से आगे मुख्य मार्ग पर भारी मात्रा में एक बड़े कार्टून भर मेडिकल वेस्ट का संदिग्ध जखीरा मिला है। जिसमे सैकड़ो की मात्रा में यूज्ड इंजेक्शन वाइल , निडिल ,डिस्पोजेबल यूज्ड सिरिंज ,मेडिसिन रेपर ,टेबलेट्स ,एवं अन्य मेडिकल वेस्ट पड़ा मिला है। जिसमे आधा मेडिकल वेस्ट पुलिया पर और आधा पुलिया से नीचे नाले में पड़ा हुआ है। ऐसा लगता है की चलती गाडी से इसे फेंका गया है।
एससीएन न्यूज इंडिया में मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना की प्रशिक्षु महिला पत्रकार ने जब मामले में गहन निरिक्षण किया तो इतना तो पता चलता है की ये मेडिकल वेस्ट किसी सरकारी अस्पताल या पवार जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के हॉस्पिटल का तो नहीं है। अन्यथा किसी ना किसी दवाई के रेपर पर नॉट फॉर सेल या एमपीपीजीसीएल की सील जरूर मिल जाती ,ये मेडिकल वेस्ट संदिग्ध है और किसी निजी अस्पताल या क्लिनिक का लगता है । जो चिंता का विषय है। ये जानवरों के लिए ,पर्यावरण के लिए ,जलीय जीव जन्तुओ के लिए और इंसानो के लिए भी ये हानिकारक है।
ये उपयोग की गई दवाइयां किसी निजी डिस्पेंसरी, नर्सिंग होम या मेटरनिटी हॉस्पिटल की प्रतीत होती है। वही जब हमारी संवाददाता ने नाले में पड़े कार्टून को बारीकी से खंगाला ,तो इस में से एक डाक्टर का प्रिस्किप्शन भी मिला है। जिस पर किसी डॉक्टर मसूदुल हसन हुसैनाबाद कामठी लिखा है।
इस पते को इंटरनेट पर सर्च करने पर यह पता कामठी नागपुर का होना पाया गया। लेकिन मसूदुल की जगह मसूद हसन मिला है। प्रिस्क्रिशन पर दवाइयां भी लिखी है। अब ये पर्चा इसमें कैसे आया ये भी जांच का विषय है।
अब हमारी टीम ये पता लगाने में जुटी है की ये दवाइयां आखिर किस बिमारी के उपचार में उपयोग में लाइ जाती है। और यहाँ कैसे पहुंची।
इस मामले में जब हमारी टीम मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के हॉस्पिटल डॉक्टर विजय रघुवंशी से मिलने पंहुची तो पता चला वे 15 दिनों के अवकाश पर है।
जिसके बाद अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हमारी संवाददाता भारती भूमरकर ने इस घटना की जानकारी थाना प्रभारी अरविन्द कुमरे को दी है। उन्होंने भी जनहित के मामले में हमें कारवाही का आश्वासन दिया है।
बता दे की कुछ दिन पूर्व ही ऐसा ही मेडिकल वेस्ट गुणवंत बाबा मंदिर के पास सड़क किनारे पड़ा मिला था। जिसे डिस्पोस करने हमारे द्वारा नगर पालिका स्वास्थ्य निरीक्षक को अवगत कराया गया था। लेकिन दुर्भाग्य ही कहे ये नहीं उठाया जा सका। जो उड़ कर इधर उधर बिखर गया।
ये मेडिकल वेस्ट संक्रामक है। गलती से भी कोई इसकी चपेट में आ जाये तो संक्रमण का शिकार हो सकता है। और जानलेवा भी हो सकता है।