गायकी जाति को अनुसूचित जन जाति का प्रमाण-पत्र देने की मांग
ब्यूरो रिपोर्ट
मुलताई। आदिवासी गायकी समाज संगठन ने गायकी समाज को अनुसूचित जनजाति का प्रमाणपत्र देने की मांग की है। इस संबंध में संगठन के सदस्यों ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को ज्ञापन भी सौंपा। जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने से होने वाली परेशानी से भी अवगत कराया। आदिवासी गायकी समाज संगठन के अध्यक्ष रामराव मोगरे, लीलाधर कौराईक, नत्थूराव राऊत सहित अन्य ने बताया बैतूल जिले में गायकी जाति के लोग सालों से रह रहे हैं। मप्र शासन के राजपत्र में गायकी जाति सोलह नंबर पर अंकित है। यह जाति अनुसूचित जनजाति के अंतर्गत आती है। शासन के गाइड लाइन के अनुसार जाति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए गायकी समाज के विद्यार्थियों द्वारा आवश्यक दस्तावेज भी जमा किए जाते हैं। गायकी जाति के
लोगों के पास वर्ष 1918 और वर्ष 1950 के राजस्व रिकार्ड में गायकी जाति स्पष्ट रूप से अंकित है। आवेदन में गाइड लाइन के अनुसार दस्तावेज प्रस्तुत किए जाने के बाद भी राजस्व विभाग द्वारा शासन की गाइड लाइन का पालन नहीं करते हुए जाति अनुसूचित जन जाति में नहीं आने का कहकर प्रमाण पत्र के आवेदन निरस्त किए जा रहे हैं। अनुसूचित जन जाति में आने के बाद भी जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने से विद्यार्थियों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। जिससे समाज के लोगों में नाराजगी है। संगठन के सदस्यों ने गायकी जाति के प्रमाण पत्र शासन की गाइड लाइन के अनुसार रिकार्ड के आधार पर जारी करने के लिए अनुविभाग एवं जिला प्रशासन को निर्देशित करने की मांग की है।