गायत्री परिवार ट्रस्ट गायत्री प्रज्ञापीठ सारणी में दीप महायज्ञ संपन्न
ब्यूरो रिपोर्ट
गायत्री परिवार ट्रस्ट गायत्री प्रज्ञापीठ सारणी में दिनांक 19 जुलाई को सारणी के विभिन्न भजन मंडलों के माध्यम से भजन प्रस्तुति एवं परम पूज्य गुरुदेव द्वारा दिए गए अनुदानों वरदानों पर चर्चा हुई ,तदोपरांत दिनांक 20 जुलाई को प्रातः 5:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक गायत्री महामंत्र का अखंड जाप समस्त विश्व में शांति भाईचारे की स्थापना के निमित्त तथा शायं 5 से 6 बजे तक दीप महायज्ञ संपन्न हुआ।
दिनांक 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर मां सरस्वती का पूजन कर महर्षि वेदव्यास का स्मरण पूजन कर 33 कोटी देव शक्तियों का आवाहन कर पंच कुंडीय गायत्री महायज्ञ जिसमें दीक्षा संस्कार एवं पुंसवनसंस्कार, श्रीमती प्रमिला पानसे श्रीमती ललिता देशमुख, कुमारी कांति गुलबासे, श्रीमती प्रमिला उघडे की ब्रह्मवादिनी बहनों की टोली द्वारा संपन्न हुआ उसके पश्चात श्री प्रेम सूर्यवंशी जी एवं जी आर पांसे, द्वारा भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा में सक्रिय एवं सहयोगी शिक्षक शिक्षिका भाई बहनों का सम्मान समारोह संपन्न हुआ इस अवसर पर उपस्थित अतिथि प्राचार्य एवं शिक्षक भाई बहिनों ने, गायत्री प्रज्ञा पीठ सारणी के आत्मीय एवं साधनामय वातावरण, मे अत्यंत प्रसन्नता व्यक्त की तथा अपने सौभाग्य को सराहा, गायत्री प्रज्ञा पीठ सारणी के मुख्य प्रबंधक ट्रस्टी श्रीजी आर पांसे ने भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा का महत्व, शांतिकुंज का महत्व, यज्ञ का महत्व ,गायत्री महामंत्र का महत्व ,गायत्री प्रज्ञा पीठ सारणी में संपन्न होने वाले कार्यक्रमों का विवरण ,तथा गायत्री प्रज्ञापीठ सारणी में संचालित होने वाले नशा उन्मूलन ,ग्रहे ग्रहे यज्ञ, वृक्षारोपण, बाल संस्कारशाला, विभिन्न प्रशिक्षण संचालित करने में अपना योगदान, 2 घंटा प्रति साप्ताहिक समयदान के लिए अनुरोध किया। तथा समय दान ही युग धर्म का महत्व बताया,तथा शिक्षक सम्मान समारोह में, शिक्षक है राष्ट्र निर्माता, छात्र राष्ट्र के भाग्य विधाता, अद्वितीय है निर्माण में गुरुओं का निर्माण, जिनने फूकी चलती फिरती प्रतिमाओं में प्राण,। सद्गुरुओं के द्वारा ही समर्थ गुरु रामदास जी ने छत्रपति शिवाजी महाराज का निर्माण कर युग समस्याओं का समाधान किया, रामकृष्ण परमहंस जी ने स्वामी विवेकानंद जी का निर्माण कर सनातन संस्कृति को विश्व व्यापी बनाया,स्वामी बिरजानंद जी ने स्वामी दयानंद सरस्वती जी का निर्माण कर समाज में पाखंड एवं अंधविश्वास पर कुठाराघात किया, चाणक्य ने चंद्रगुप्त का निर्माण कर भारतवर्ष को महाभारत बनाने में राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, वैसे ही वर्तमान में युग समस्याओं के समाधान के लिए वेद मूर्ति तपो निस्ट परमपूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जीने प्रचंड तप कर सूक्ष्म वातावरण का परिशोधन किया वर्तमान युग समस्याएं, यथाविचार प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण के समाधान के लिए व्यक्ति निर्माण, परिवार निर्माण, समाज निर्माण के माध्यम से समस्त विश्व में करोड़ो गायत्री परिजनों के माध्यम से, हजारों शक्तिपीठों प्रज्ञा पीठो के माध्यम से, 32 00 पुस्तके युग साहित्य जो इस युग के समस्त समस्या का समाधान है, उपचार है भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा के माध्यम से हम लोग छात्र-छात्राओं को कर्तव्य परायण ,संवेदनशील, नैतिक, अनुशासन प्रिय, बनाकर राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं ? श्री मां ने कहा है शिक्षक शिक्षिका बंधु तो वर्ष में एक दो बार छात्र छात्राओं की परीक्षाएं लेते हैं लेकिन छात्र-छात्राए शिक्षक भाई बहनों की प्रतिपल, प्रतिक्षण, परीक्षा लेते हैं? अतः शिक्षक शिक्षिका भाई बहनों को आदर्शनिषट , कर्तव्य परायण तथा अपने चिंतन, चरित्र ,व्यवहार से छात्र-छात्राओं को, आदर्शवादिता के सांचे में ढालने की आवश्यकता है, शिक्षक शिक्षिका भाई-बहन है जो कि छात्र-छात्राओं के आदर्श पुरुष है। के माध्यम से उच्च स्तरीय व्यक्तित्व ,एवं उच्च स्तरीय ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं युग साहित्य का स्वाध्याय कर, गायत्री उपासना कर, हम परमात्मा से निकट से निकटतम बनकर ,भगवान के कार्य में भागीदारी कर भगवान के अनुदान वरदानों की पात्रता प्राप्त कर सकते, पढ़ते हैं इतिहास तो कहते काश कि हम भी होते, हम भी कुछ करके दिखलाते कभी ना अवसर खोते कभी ना अवसर खोते भैया सबसे आगे होते हैं, लाखो वर्षों के बाद में आज पुनः वही समय चल रहा है, इस अवसर पर गायत्री प्रज्ञा पीठ सारणी के ट्रस्ट मंडल के कार्यकर्ता भाई बहनों सहित आदर्श गायत्री विद्यापीठ के शिक्षक शिक्षिकाएं कन्या स्कूल की प्राचार्य श्रीमती अंजनी भालेकर ,श्री शंकर भंडारे श्री रमेश कुमार पाटिल श्री अजय साहू श्री आकाश कुमार दुबे श्री देवराम खाड़े श्री सुनील चौधरी श्री सुरेश काकोड़िया श्री वामनराव पांसे श्री हिम्मत सिंह वर्मा श्रीमती रेणु सोनी श्रीमती सुशील पवार श्री प्रेम नारायण सूर्यवंशी जी श्री सुनील भूमरकर श्री दिनेश वरदे श्री ज्ञान सिंह भूसारे कमल सूर्यवंशी संजय देशमुख जी रघुनाथ चदोकर जी सरिता झरबडे कविता देवी संध्या सोनी ध्रुव सिंह ठाकुर संजय वराठे हमारे आदर्श गायत्री विद्यापीठ से श्री गुमान सिंह ठाकुर अर्जुन सिंह नगदे महेश सोनी लक्ष्मीकांत म माथनकर नाथूराम दहाड़े सुशीला एडलक श्रीमती सुमित्रा राजपूत सुनीता देशमुख सारिका एरोलू पंचकूला धोते शालिनी घाणेकर कंचन देशमुख पुष्पा वराठे, श्री यशवंत वराठे जी संजीव त्रिपाठी जी कार्यपालन अभियंता, श्री श्याम मदन सहित नगर के प्रतिष्ठित लोग उपस्थित थे सभी भाई बहनों से आज गुरु पूर्णिमा से गायत्री महामंत्र अनुष्ठान का संकल्प दिलाया गया जिसमें नए लोगों को 24 बार गायत्री महामंत्र 11 बार त्र्यंबक महामंत्र तथा गायत्री परिजनों को 24000 सवा लाख के अनुष्ठान ब्रह्मास्त्र के लिए संकल्पित किया सभी परिजनों ने समाज कार्य में समयदान देने का संकल्प लिया🙏🙏