श्रीराम ने किया ताड़का का संहार, अहिल्या को दी मुक्ति
ब्यूरो रिपोर्ट
श्रीराम ने किया ताड़का का संहार, अहिल्या को दी मुक्ति, जय जय श्री राम के जयकारों से गूंजा रामलीला मैदान
राम-लक्ष्मण की भूमिका ने किया दर्शकों को मंत्रमुग्ध
बैतूल। गंज रामलीला मैदान में श्री कृष्ण पंजाब सेवा समिति के तत्वावधान में आयोजित रामलीला महोत्सव में मंगलवार 23 सितंबर को तीसरे दिन भक्ति और उत्साह का अनूठा संगम देखने को मिला। आदर्श श्री इंद्रलोक रामलीला मंडल खजूरी, जिला सीधी के कलाकारों ने यज्ञ रक्षा, ताड़का वध और अहिल्या उद्धार के महत्वपूर्ण प्रसंगों का सजीव मंचन कर दर्शकों को भावविभोर कर दिया।
रामलीला की शुरुआत उस दृश्य से हुई, जब श्रीराम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न शिक्षा समाप्त कर अयोध्या लौटते हैं। तभी अयोध्या में ऋषि विश्वामित्र पधारते हैं और राजा दशरथ से राम और लक्ष्मण को अपने साथ यज्ञ रक्षा के लिए मांगते हैं। दशरथ के संकोच के बावजूद गुरु वशिष्ठ की अनुमति पर विश्वामित्र श्रीराम और लक्ष्मण को अपने साथ ले जाते हैं।
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रास्ते में जब वे अपने आश्रम की ओर बढ़ते हैं, तो वन में भयानक स्वरूप वाली राक्षसी ताड़का से सामना होता है। विश्वामित्र उसे साधुओं को परेशान करने वाली राक्षसी बताते हैं और उसका वध करने का आदेश देते हैं। श्रीराम धर्म की रक्षा के लिए ताड़का का वध करते हैं, जिससे पूरा वातावरण राम नाम के जयघोष से गूंज उठता है।
इसके बाद आश्रम पहुंचकर विश्वामित्र यज्ञ प्रारंभ करते हैं, लेकिन मारीच और सुबाहु राक्षस आकर यज्ञ भंग करने का प्रयास करते हैं। श्रीराम अपने दिव्य बाण से मारीच को सौ योजन दूर समुद्र पार भेजते हैं और सुबाहु का वध कर देते हैं। यज्ञ सफलता से संपन्न होता है।
इसके पश्चात विश्वामित्र के पास राजा जनक का निमंत्रण आता है। वे श्रीराम और लक्ष्मण को लेकर जनकपुर के लिए प्रस्थान करते हैं। मार्ग में महर्षि गौतम की पत्नी अहिल्या, जो श्रापवश पत्थर बनी थीं, श्रीराम के चरण स्पर्श से उद्धार प्राप्त करती हैं। जैसे ही श्रीराम का चरण अहिल्या की शिला पर पड़ता है, वह पुनः सजीव हो उठती हैं। यह दृश्य इतना भावनात्मक था कि पंडाल तालियों और जयघोष से गूंज उठा।
समिति के मीडिया प्रभारी राजेश मदान ने बताया कि रामलीला के ये अद्भुत प्रसंग देखकर दर्शक देर रात तक पंडाल में डटे रहे। पूरा वातावरण राम भक्ति में डूबा हुआ था। दूर-दराज़ से आए श्रद्धालु मंचन देखने पहुंचे। रामलीला का यह तीसरा दिन आध्यात्मिकता, नाट्यकला और भक्ति का त्रिवेणी संगम बनकर उभरा। श्री कृष्ण पंजाब सेवा समिति द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित की जाने वाली रामलीला में इस वर्ष भी लोगों की भारी सहभागिता देखने को मिल रही है। समिति के अध्यक्ष दीपक खुराना ने बताया कि आगामी दिनों में जनकपुर यात्रा, धनुष यज्ञ, राम-विवाह जैसे दिव्य प्रसंगों का मंचन किया जाएगा। गुरुवार को सायं 5 बजे श्री कृष्ण मंदिर राजेंद्र वार्ड से प्रभु श्री रामजी की भव्य बारात निकलेगी जो गंज पेट्रोल पम्प के पास स्थित बड़ी माता मंदिर पहुंचेगी जहां रात्रि 8 बजे प्रभु श्री राम एवं सीता जी का वैदिक मंत्रोच्चार से शुभ विवाह संपन्न कराया जाएगा। समिति द्वारा जिले की धर्मप्रेमी जनता से सहपरिवार प्रभु श्रीरामजी की बारात एवं विवाह समारोह में शामिल होने का आग्रह किया गया है।