
ब्यूरो रिपोर्ट
विद्या भारती मध्य भारत प्रांत द्वारा विभाग नर्मदा पुरम के द्वारा आयोजित नेतृत्व विकास शिविर में पधारे श्री विनोद कुमार कैथवार ने कहा कि मैं सरस्वती शिशु मंदिर का पूर्व छात्र हूं और आज मुझे इस बात का गर्व है कि मैं शिशु मंदिर में पढ़ कर मध्य प्रदेश के विद्युत केंद्र का मुख्य अभियंता हूं शिशु मंदिर के द्वारा मिले संस्कारों ने आज मुझे इस पद पर पहुंचा है उन्होंने भैया बहनों से कहा कि पढ़ाई का माध्यम कोई महत्व नहीं रखता हिंदी माध्यम के छात्र देश के उच्च पदों पर पहुंच सकते हैं।

इस अवसर में पधारे सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान के प्रादेशिक अध्यक्ष श्री मोहनलाल गुप्ता एवं सह संगठन मंत्री अनिल जी अग्रवाल एवं कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि श्री संजीव त्रिपाठी अधीक्षण अभियंता एवं सतपुड़ा सरस्वती शिक्षा समिति की सदस्य श्रीमती गीतांजलि वराठे अतिथि के रूप में उपस्थित हुए कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना एवं अतिथियों के स्वागत से प्रारंभ हुआ अतिथियों के स्वागत स्थानीय समिति के कोषाध्यक्ष श्री योगेंद्र जी ठाकुर एवं सचिव श्री नरेंद्र जी गुर्जर एवं आरती परदेसी दीदी ने किया कार्यक्रम की प्रस्तावना में विभाग समन्वयक श्री सौरभ जी उपाध्याय नेतृत्व विकास शिविर के प्रस्तावना पर प्रकाश डाला इसी परियोजना बताते हुए तीन चरणों में यह पूर्ण होती है प्रथम चरण में दिशा बोध शिविर द्वितीय चरण में नेतृत्व विकास एवं तृतीय चरण में देश दर्शन से पूर्ण होती है कार्यक्रम के मुख्य वक्ता सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान के अध्यक्ष महोदय द्वारा पंचकोशी विकास पर प्रकाश डाला आपने कहा कि विद्या भारती अपने लक्ष्य के अनुरूप कार्य कर रही है जिसमें शारीरिक प्राणिक मानसिक एवं बौद्धिक विकास का उल्लेख किया विद्या भारती ने अपने पाठ्यक्रम में पंचकोशी विकास को विशेष मैच दिया है ।

प्रत्येक कोष एक दूसरे से प्रत्यक्ष संबंध होता है कार्य का मन पर विशेष प्रभाव पड़ता है सकारात्मक एवं नकारात्मक विचार दो प्रकार के होते हैं सकारात्मक विचार से व्यक्ति का विकास होता है नकारात्मक विचार से व्यक्ति का पतन होता है आपने कहा कि प्रत्येक छात्र को अपनी दिनचर्या में सकारात्मक एवं नकारात्मक ऊर्जा का अवलोकन सोने से पूर्व करना चाहिए आपने कहा किअन्न का मन विशेष प्रभाव पड़ता है अपने महाभारत की कथा का उल्लेख भी किया कार्यक्रम के अंत में आभार प्राचार्य श्री अशोक जी दुबे ने व्यक्त किया एवं कार्यक्रम का संचालन प्राचार्य विनोद बोरसे ने किय




