
भारती भूमरकर
उत्कल घासी समाज उत्थान समिति सारणी के पदाधिकारियों ने बाबा मठारदेव मेले में चिकित्सा सुविधा, सुरक्षा आदि अन्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जाए नगर पालिका को ज्ञापन सौंपा
उत्कल घासी समाज उत्थान समिति सारणी के पदाधिकारियों सदस्यों ने मकर संक्रांति पर्व पर मठारदेव बाबा की पहाड़ी पर लापरवाही न हो और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु मुख्य नगर पालिका अधिकारी सारणी एव नगर पालिका अध्यक्ष के नाम ज्ञापन सौंपा ।

उत्कल घासी समाज के प्रदेशाध्यक्ष रंजीत डोंगरे, सचिव निराकार सागर ने बताया कि विगत पिछले वर्ष उत्कल घासी समाज समिति के सदस्य समाजसेवी आल इंडिया फुटबॉल खिलाड़ी मप्र पा ज क ली सारणी में कार्यरत कर्मचारी स्व श्याम डोंगरे का मेले के 14 जनवरी मकर संक्रांति के दिन पहाड़ी चढ़ते समय आधे दूर में अचानक उनकी सांस फूलने घबराहट होने से हार्ट अटैक होने पर उनका निधन हो गया था जो कि हमारे उत्कल समाज ओर उनके परिवार के लिए बहुत दुखदायी विषय है ।उस समय बीच पहाड़ी में ना ऑक्सीजन सिलेंडर की उचित व्यवस्था थी ना ही मेडिकल कीट न ही डॉकटर की कोई व्यवस्था थी और ना ही सुरक्षा के सहायता के कर्मचारी भी भी थे उनको नीचे उतारने की स्ट्रेचर भी नहीं था न ही परमानेंट एम्बुलेंस थी अगर सही समय में सभी व्यवस्थाएं सुविधाएंमिल जाती तो हो सकता हैं शायद उनको बचाया जा सकता है ।

ऐसी घटना दुर्घटना से आने वाले समय भविष्य ना हो उससे निपटने के लिए उत्कल घासी समाज के सामाजिक संगठन के पदाधिकारियों सदस्यों ने मांग की है।मकर संक्रांति पर्व के अवसर पर बैतूल जिले की सारणी नगर पालिका के अधीन मठारदेव बाबा की पहाड़ी पर लाखों श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। इस वर्ष पर्व के दौरान नगर पालिका द्वारा व्यवस्थाओं को ओर भी ज्यादा जनता की मांग को देखते हुए चुस्त दुरुस्त की जाए ताकि मेले में आए श्रद्धालुओं की जान को कोई खतरा न हो और आकस्मिक आपातकालीन घटनाओं में लोगो की सुरक्षा की जा सके ऐसी आपातकाल से निपटने के लिए चिकित्सा के पुख्ता इंतजाम हो ।मुख्य समस्याएं:
1. सीसीटीवी कैमरों की खराबी:
65 कैमरे लगाने के बावजूद, उनमें से आधे से अधिक बंद पाए गए। यह सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी चूक है और इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के लिए गंभीर खतरा है।2. मेडिकल सुविधाओं की कमी:
पर्व के दौरान पहाड़ी के नीचे और शिखर मंदिर पर पर्याप्त डॉक्टर और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था नहीं थी।
इमरजेंसी सहायता और स्टेचर जैसी सुविधाओं का पूर्णतः अभाव रहा।
3. घटना की लापरवाही:
मकर संक्रांति के दिन एक श्रद्धालु की हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई। न तो उन्हें समय पर प्राथमिक चिकित्सा मिली, ना ही ऑक्सीजन सिलेडर की व्यवस्था थी ,न ही एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध थी। यह घटना नगर पालिका की उदासीनता का स्पष्ट उदाहरण है।
सुझाव:
हम आपसे निवेदन करते हैं कि इस प्रकार की लापरवाही भविष्य में न हो, इसके लिए निम्नलिखित कदम उठाए जाएं:
1. मेडिकल सुविधा:
हर 500 से 700 मीटर पर प्राथमिक चिकित्सा केंद्र और मेडिकल टीम की ओर 5 से कर्मचारी की तैनाती की जाए जो आवश्यक होने पर बीमार श्रद्धालु को स्ट्रेचर पर एम्बुलेंस तक पहुंचा सके ।
पहाड़ी के हर हिस्से में स्टेचर और इमरजेंसी एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध हो।
2. सीसीटीवी कैमरे और सुरक्षा:
सभी सीसीटीवी कैमरों को सक्रियता से मॉनिटरिंग की जाए किया जाए।
सुरक्षा कर्मियों की पर्याप्त संख्या में तैनाती सुनिश्चित की जाए
3. सुरक्षा मानक:
ऐसे आयोजनों के लिए सुरक्षा मानकों को लागू किया जाए।
अमरनाथ यात्रा जैसे बड़े आयोजनों से प्रेरणा लेते हुए व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त किया जाए और ऑक्सीजन सिलेंडर की उचित व्यवस्था हो ।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा आपकी जिम्मेदारी है। समाज के लोगों ने आग्रह किया है कि भविष्य में इस पवित्र आयोजन को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए त्वरित कदम उठाएं जाए । इस अवसर पर उत्कल घासी समाज के युवा अध्यक्ष अमित सिंदूर सचिव कीर्ति नायक, उपाध्यक्ष बिरांची महानंद रवि सिंदूर वरिष्ठ देवेंद्र डोंगरे धनवंत सिंदूर जय सिंदूर ससबिंदू डोंगरे लबों डोंगरे सुभाष सिंदूर राकेश सोनी कामदेव सोनी दिनेश सोनी कैलाश तायडे परमानंद सिंदूर पीतम सिंदूर चंद्रकांत सोनी सत्यम नागेश शिवम नागेश माधवी सिंदूर संयोगिता सागर निशा महानंद धनिष्ठ कुमार आशीष डोंगरे राकेश डोंगरे आत्माराम डोंगरे दयानिधि नागेश हितेश सिंदूर हितेन सिंदूर अजय विजय सिंदूर सिमोन सिंदूर सुरेशन नागेश अर्जुन सिंदूर आदि अन्य लोग भारी संख्या में मौजूद थे ।