
निर्वाचन आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद प्रारूप प्रकाशन 2026 निर्वाचक नामावलियों का प्रकाशन आज कर दिया है। जिसे आप https://ceoelection.mp.gov.in/VL.aspx लिंक पर जा कर देख सकते है।
भारत निर्वाचन आयोग (ECI) द्वारा मध्य प्रदेश में निर्वाचक नामावलियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) स्पष्ट रूप से परिभाषित उद्देश्यों के साथ किया जा रहा है, ताकि अधिकतम निर्वाचक सहभागिता, सभी पात्र नागरिकों का पूर्ण समावेशन तथा प्रक्रिया के प्रत्येक चरण में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
SIR के अंतर्गत किए गए प्रमुख कार्य निम्नानुसार हैं—
1. सभी निर्वाचकों एवं सभी राजनीतिक दलों की सहभागिता :
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दिनांक 23.12.2025 तक, कुल 5,74,06,143 निर्वाचकों में से 5,31,31,983 निर्वाचकों द्वारा गणना प्रपत्र प्रस्तुत किए जा चुके हैं, जो विशेष गहन पुनरीक्षण के प्रथम चरण में व्यापक एवं प्रभावी सहभागिता को दर्शाता है।
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इस चरण की सफल समाप्ति राज्य के सभी 55 जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों (DEOs) , 230 निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों (EROs) , 532 सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों (AEROs) तथा 65,014 मतदान केंद्रों पर तैनात बूथ लेवल अधिकारियों (BLOs) के समन्वित एवं सतत
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प्रयासों का परिणाम है, जिन्हें स्वयंसेवकों का भी सहयोग प्राप्त हुआ।साथ ही, सभी छह राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के क्षेत्रीय प्रतिनिधियों, जिनमें उनके जिला अध्यक्ष भी सम्मिलित थे, द्वारा सक्रिय सहभागिता की गई तथा उनके द्वारा 1,35,882 बूथ लेवल एजेंट (BLAs) नियुक्त किए गए।
2. यह सुनिश्चित करना कि कोई भी पात्र निर्वाचक वंचित न रहे :
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सार्वभौमिक जागरूकता एवं समावेशी सहभागिता सुनिश्चित करने हेतु गणना अवधि के दौरान मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO), जिला निर्वाचन अधिकारी एवं निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों द्वारा व्यापक जन-जागरूकता अभियान संचालित किए गए। प्रक्रिया की जानकारी देने एवं प्रगति से अवगत कराने के लिए राजनीतिक दलों के साथ अनेक बैठकें भी आयोजित की गईं।
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बीएलओ द्वारा बीएलए के साथ बूथ -स्तरीय बैठकें आयोजित की गईं, जिनमें उन्हें प्रतिदिन अधिकतम 50 गणना प्रपत्र प्रस्तुत करने की अनुमति दी गई, जिससे उनकी प्रभावी सहभागिता सुनिश्चित हो सके। बीएलओ द्वारा 27.10.2025 तक की निर्वाचक नामावली में सम्मिलित सभी निर्वाचकों के घर-घर जाकर गणना प्रपत्र वितरित किए गए तथा उनके संग्रह हेतु कम से कम तीन बार संपर्क/भ्रमण किया गया। बीएलए एवं स्वयंसेवकों द्वारा भी यह सुनिश्चित करने हेतु विशेष प्रयास किए गए कि कोई भी पात्र निर्वाचक छूट न जाए ।
3. किए गए विशेष प्रयास
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क्षमता निर्माण एवं हैंड-होल्डिंग: बीएलओ के लिए पुनरावृत्त प्रशिक्षण कार्यक्रम, शंका-निवारण सत्र एवं वीडियो ट्यूटोरियल आयोजित किए गए। कार्य के त्वरित एवं शुद्ध निष्पादन हेतु बीएलओ को स्थानीय पंचायत सचिवों, राजस्व अमले, ग्राम रोजगार सहायकों (GRS), स्वयंसेवकों तथा आईटी-सक्षम अधिकारियों का सहयोग प्रदान किया गया।
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विशेष शिविरों का आयोजन : शहरी क्षेत्रों में चिन्हित स्थलों पर विशेष शिविर आयोजित कर निर्वाचकों को गणना प्रपत्र भरने, प्रपत्र जमा करने तथा पूर्व SIR-2003 से नामों की मैपिंग में सुविधा प्रदान की गई।
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सोशल मीडिया का व्यापक उपयोग : SIR से संबंधित जानकारी के प्रचार-प्रसार हेतु सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का व्यापक रूप से उपयोग किया गया।
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श्रव्य माध्यमों से प्रचार : SIR से संबंधित संदेशों का प्रसारण आकाशवाणी एवं विभिन्न एफएम रेडियो चैनलों के माध्यम से किया गया। साथ ही, शहरी स्थानीय निकायों के कचरा संग्रहण वाहनों के माध्यम से भी जन-जागरूकता संदेश प्रसारित किए गए।
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बीएलओ का सम्मान : कार्य के शीघ्र एवं उत्कृष्ट निष्पादन हेतु विभिन्न जिलों में 2,500 से अधिक बीएलओ को सम्मानित किया गया।
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गणना प्रपत्रों के शीघ्र डिजिटाइजेशन हेतु सुविधा : SIR के प्रारंभिक चरण में राज्य में कमजोर अथवा धीमे नेटवर्क वाले क्षेत्रों की पहचान की गई। ऐसे क्षेत्रों के बीएलओ को सुदृढ़ नेटवर्क वाले स्थानों पर एकत्रित होकर गणना प्रपत्रों के डिजिटाइजेशन की सुविधा प्रदान की गई, जिससे कार्य समयबद्ध रूप से पूर्ण किया जा सके।
4. युवा निर्वाचकों का समावेशन
वे युवा नागरिक, जिन्होंने या जो 01.01.2026 को अथवा उससे पूर्व 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर लेंगे , उन्हें निर्धारित घोषणा के साथ प्रपत्र-6 के माध्यम से आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
5. निर्वाचकों एवं राजनीतिक दलों के साथ समन्वय
दिवंगत, स्थायी रूप से स्थानांतरित, अप्राप्य अथवा जिनके गणना प्रपत्र प्राप्त नहीं हुए हैं, ऐसे निर्वाचकों की बूथ-स्तरीय सूचियाँ राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बूथ लेवल एजेंट्स के साथ सत्यापन हेतु साझा की गईं।
6. निर्वाचन कर्मियों एवं स्वयंसेवकों द्वारा सहायता
सम्पूर्ण निर्वाचन तंत्र, स्वयंसेवकों के सहयोग से, विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग (PwD) निर्वाचकों तथा संवेदनशील वर्गों को आवश्यक सहायता प्रदान कर रहा है। स्वयंसेवकों द्वारा विभिन्न शासकीय विभागों के साथ समन्वय कर निर्वाचकों पर पड़ने वाले बोझ को न्यूनतम किया जा रहा है।
7. गणना अवधि के दौरान प्राप्त शिकायतों का निराकरण
राज्य के सभी 55 जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा प्रिंट मीडिया, टेलीविजन अथवा सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त प्रत्येक शिकायत का व्यक्तिगत रूप से संज्ञान लेकर त्वरित निराकरण सुनिश्चित किया गया, ताकि कोई भी शिकायत लंबित न रहे।
8. प्रारूप निर्वाचक नामावली की जाँच
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SIR आदेश के अनुरूप 23 दिसंबर 2025 को प्रारूप निर्वाचक नामावली का प्रकाशन किया गया। इसकी मुद्रित एवं डिजिटल, बूथ-वार प्रतियाँ सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराई गई हैं तथा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की वेबसाइट (https://ceoelection.mp.gov.in ) पर भी प्रदर्शित की गई हैं।
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प्रारूप नामावली में सम्मिलित न किए गए अनुपस्थित/स्थानांतरित/दिवंगत/डुप्लीकेट निर्वाचकों की बूथ-वार सूचियाँ संबंधित पंचायत भवनों, शहरी स्थानीय निकाय कार्यालयों तथा जनपद पंचायत/शहरी निकाय अधिकारियों के कार्यालयों के सूचना-पटल पर प्रदर्शित की जा रही हैं। उक्त सूचियाँ, नाम न जुड़ने के संभावित कारणों सहित, DEO/CEO की वेबसाइटों पर भी सुलभ प्रारूप में प्रकाशित की जा रही हैं।
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23.12.2025 से 22.01.2026 तक की दावा-आपत्ति अवधि के दौरान कोई भी निर्वाचक अथवा राजनीतिक दल पात्र निर्वाचकों के समावेशन अथवा अपात्र नामों के विलोपन हेतु दावा या आपत्ति प्रस्तुत कर सकता है। ऐसे मामलों की जाँच हेतु 230 ERO तथा 532 AERO , जिनमें 22.12.2025 को मध्य प्रदेश में SIR हेतु अतिरिक्त रूप से अधिसूचित 725 AERO भी सम्मिलित हैं, तैनात किए गए हैं।
9. विधिक प्रक्रिया के बिना कोई विलोपन नहीं
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SIR दिशा-निर्देशों के पैरा 5(ख) के अनुसार, 23 दिसंबर 2025 को प्रकाशित प्रारूप नामावली से किसी भी नाम का विलोपन ERO/AERO द्वारा विधिवत सूचना एवं कारणयुक्त आदेश (Speaking Order) के बिना नहीं किया जाएगा। कोई भी असंतुष्ट निर्वाचक जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 24 के अंतर्गत जिला दण्डाधिकारी तथा तत्पश्चात मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के समक्ष अपील प्रस्तुत कर सकता है। अपील दायर करने में निर्वाचकों की सहायता हेतु स्वयंसेवकों को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है।
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आयोग ने एक बार फिर पारदर्शी, सहभागी एवं समावेशी पुनरीक्षण प्रक्रिया के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई है, जिससे कोई भी पात्र निर्वाचक वंचित न रहे और कोई भी अपात्र नाम निर्वाचक नामावली में शेष न रहे ।