हर्रई विकास खंड में शिक्षा के नाम पर काले करतूत से नाराज कैबिनेट मंत्री भारत सरकार के केंद्रिय जांच दल नई दिल्ली से लगाएंगे जांच की गुहार
विशाल भौरासे की रिपोर्ट
छिंदवाड़ा।तहसील हर्रई के विकासखण्ड में अवकाश नगदीकरण के भुगतान बिलों की जांच कराने के संबंध में भारियाविकास प्राधीकरण के अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री दिनेश कुमार अंगारिया ने। केंद्रीय जांच दल से भ्रष्टाचार के खिलाफ़ करवाही की मांग की है
उन्होनें जांच के लिए महानिदेशक जांच ब्यूरो भारत सरकार के नाम लिखे आवेदन में कई गंभीर भ्रष्ट्राचार होने की आसंका जताई है।
उन्होनें गंभीर आरोप लगाते हुए लिखा है उन्हे प्राप्त जानकारी के अनुसार
छिन्दवाड़ा जिले के विकास खण्ड हर्रई के संकुल केन्द्र सुरलाखापा के सेवानिवृत्त शिक्षक को संकुल प्राचार्य द्वारा आर्थिक रूप से परेशान किया जा रहा है। एवं विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी हर्रई कालंबे के माध्यम से मननाने तरीके से सेवानिवृत्त शिक्षकों के अर्जित अवकाश का नगदीकरण का भुगतान कराया जा रहा है एवं अधिक राशि का भुगतान कराया जा रहा है। विगत 6 वर्षों से वर्तमान तक संकुल केन्द्र सुरलाखापा के सेवानिवृत्त एवं मृत्यु के नियमित शिक्षक के भुगतान किये गये अर्जित अवकाश नगदीकरण के बिलों की जांच कराई जावे, जिसमें कई खानिया एवं शासकीय राशि के गबन की वास्तविकता सामने आ सकती है।
आवदेन के माध्यम में संदर्भित है की महोदय शिकायतों की जांच आयुक्त कार्यालय भोपाल से कराई जाती है तो उक्त शिकायत को दबा दिया जाता है यहां तक कि जांच को बदल भी दिया जाता है।
महोदय एक बार तो ऐसा भी हुआ है कि विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी हर्रई कालंबे के द्वारा शंकरलाल मांझी नाम के शिक्षक से मेरा नाम का गलत उपयोग करके ट्रांसफर के लिये 50000 रूपये की राशि ली थी यह जानकारी शिक्षक के द्वारा
मुझे तब बता दी गई जब शिक्षक का पैसे देने के बाद भी ट्रांसफर नहीं हुआ जिसकी वीडियो क्लिप मेरे पास सुरक्षित रखी हुई है। कैबिनेट मंत्री ने लिखा है की यह मध्यप्रदेश में केवल एक ऐसे विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी प्रकाश कालंबे है जो लगातार 14 वर्षों से एक ही जगह में कार्यरत है जो कि शासकीय सेवा के नियम विरूध्द है।
उन्होनें आवदेन में अंकित किया है की विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कालंबे एकलव्य आर्दश आवासीय विद्यालय हर्रई के प्रभारी प्राचार्य भी है इन्होंने इस पद का भी दुरूपयोग करते हुये कई भ्रष्टाचार किये है एवं कोरोना काल में भी इन्होंने कई फर्मों से खरीदी कर फर्जी वाड़ा किया है जबकि उस समय स्कूल कॉलेज सब कुछ बंद था।
श्री अंगरिया ने आवेदन में कहा है की इस शिकायत को श्री मान जांच ब्यूरो आपके द्वारा, लेखा शाखा ग्वालियर द्वारा एवं लोकायुक्त के द्वारा इस संबंध में जांच कराई जावे । तो संभावना है कि कई तरह की खामियां व शासकीय राशि का घोटाला, भ्रष्टाचार सामने आने की
शतप्रतिशत संभावना है। जिससे शासकीय विभागीय कोष को बचाया जा सकता है। अतः उन्होनें आवेदन को दृष्टिगत रखते हुये उचित जांच की मांग कि हैं।
अतः उन्होनें गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है की ऐसेअधिकारीयो के कारण ही शिक्षा का स्तर दिन बदीन गिरता जा रहा है और जनजाति समाज के बच्चे शासकीय व्यवस्थाओ से वंचित रह जाते है । इससे जिले की अंदाजा लगाया जा सकता है की जिले में आदीवासी बच्चो के लिय संचलित शासकीय सेवाओं में शिक्षा विभाग की लापरवाही साफ साफ देखी जा सकती है।