नगर पालिका परिषद सारनी क्षेत्र के नागरिक वर्षो से प्राथमिक उपचार के लिए झोलाछाप भरोसे -बेसुध हुआ स्वास्थ्य विभाग
ब्यूरो रिपोर्ट
सारनी। नगर पालिका परिषद सारनी क्षेत्र के नागरिक वर्षो से प्राथमिक उपचार के लिए झोलाछाप भरोसे बेसुध हुआ स्वास्थ्य विभाग।
नगर पालिका परिषद सारनी क्षेत्र के नागरिक व्यापारी,मजदूर,फुटकर विक्रेता,फल विक्रेता,सब्जी विक्रेताओं के उपचार के लिए संजीवनी बने झोलाछाफ देश,प्रदेश,जिला में बीजेपी सरकार होने के बावजूद न पा सारनी क्षेत्र की आबादी का बड़ा हिस्सा मरीजों के उपचार के लिए देश की आजादी के 78 वर्ष बाद भी भगवान भरोसे है। आज भी अनाधिकृत रूप से एलोपैथिक चिकित्सा से क्षेत्र में बड़े पैमाने पर ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाफ लोग खुलेआम अपने क्लीनिक संचालित कर उपचार कर रहे है और जिम्मेदार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीयों को शायद मोतियाबिंद हो गया हैं जिससे स्तिथि उन्हें स्पष्ट नज़र नहीं आ रही हैं। प्रदेश की डॉ मोहन यादव सरकार के झोलाछाफ और अनाधिकृत पेथी से मरीजों का उपचार करने वालों के खिलाफ सख़्त कार्यवाही करने के आदेश के उपरांत भी नपा सारनी क्षेत्र और आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों में धड़ल्ले से अवेध दवाखानों का संचालन किया जा रहा है। नपा क्षेत्र सारनी में तीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का संचालन किया जा रहा हैं पाटाखेड़ा में डॉ सोनू गोंड,पाथाखेड़ा क्षेत्र में डॉ संजय
बड़ोदिया,शोभापूर क्षेत्र में डॉ निधि गुप्ता लेकिन इनके भी समय तय है सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे के उपरांत इन स्वास्थ्य केंद्रों में ताले लग जाते हैं। कभी कभी ये समय पर स्वास्थ्य केंद्रों में निजी कारणों से उपस्थित भी नही रह पाते हैं। आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयुक्त सचिव अजय सोनी ने बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है की अब शाम 5 बजे के बाद अगर कोई व्यक्ति बीमार होता हैं तो वो झोलाछाफ और अनाधिकृत पेथी से उपचार करने वाले लोगों के भरोसे हैं। जहां इस दौरान आम नागरिक से बड़ी लूट शुरू होती हैं उपचार के नाम पर 1000/500 रू की दवाइयां हर मरीज़ को खरीदनी ही खरीदनी है। और कई झोलाछाफ क्लीनिक संचालित करने वालों ने अपने अपने मेडिकल स्टोर तय कर रखे हुए हैं।अजय सोनी ने बताया की इस व्यवस्था को सुधारने के लिए बाबा साहेब अंबेडकर जी की प्रतिमा के समक्ष 12 दिन के क्रमिक अनशन में अपनी कुछ मांगों में बढ़ते शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाफ दवाखानों के खिलाफ ज़मीनी स्तर से युद्ध स्तर पर कार्यवाही के लिए स्वास्थ्य विभाग के बीएमओ संजीव शर्मा को लिखित रूप से धरना स्थल पर अवगत भी कराया था। इसके बावजूद जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोई सख़्त कार्यवाही न करना स्वास्थ्य उपचार को मात्र रोजगार और आय अर्जित का माध्यम समझने वाले झोलाछाफ लोगों को संरक्षण प्रदान करने जैसा कृत्य नजर आया हैं। स्वास्थ्य विभाग के इस गैर जिम्मेदाराना व्यवहार से प्रतीत हो रहा हैं की क्षेत्र की जनता के लिए शाम 5 बजे के बाद संजीवनी बूटी अनाधिकृत पेथी और झोलाछाफ क्लीनिक संचालित करने वाले बन लोग चुके
हैं। इसकी सिर्फ अनौपचारिक शासन प्रशासन के द्वारा प्रमाण पत्र जारी कर घोषणा मात्र शेष हैं। बड़ा ही गंभीर विषय हैं की जिस विधानसभा क्षेत्र का विधायक स्वयं एक संजीवनी अस्पताल के डॉक्टर,संचालक हैं और उनके ही कार्यक्षेत्र में जनता झोलाछाफ क्लीनिक संचालित करने वालों के भरोसे अपने खून पसीने के कमाई लुटाने और जान जोख़िम में डालकर अपना उपचार कराने पर बाध्य हैं। ये झोलाछाफ और अनाधिकृत पेथी से उपचार करने वाले लोग अपने द्वारा दी जाने वाली दवाइयों का प्रिस्क्रिप्शन लिखकर नहीं देते हैं ये सिर्फ साधारण पर्ची या किसी मेडिकल स्टोर की पर्ची में दवाइयां लिखकर देते हैं जिससे ये बड़ी आसानी से कानून के दावपेच से बच निकलते हैं। लेकिन एक आम नागरिक के स्वास्थ्य व्यवस्था से जुड़े इस अहम हिस्से को हमारे द्वारा विगत कई दिनों से मुख्यमंत्री सीएम हेल्प लाइन पर भी पहुंचाने का कार्य किया गया है जिससे किसी भी आम नागरिक के साथ कोई बड़ी अप्रिय घटना घटित होने से बचाया जा सके। अजय सोनी ने शासन प्रशासन को चेताते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा कि अब ये लड़ाई आगामी दिनों में जल्द ही जिलें स्तर पर सड़क पर उतरकर लड़ी जाएगी अगर समय रहते शासन प्रशासन के
जिम्मेदार लोगों द्वारा जमीनी स्तर पर उचित सख़्त कार्यवाही होती नजर नही आती हैं तो।