सत्यता की पुष्टि उपरांत ही सोशल मीडिया पर खबर प्रसारित करें – संचालक जनसम्पर्क श्री गुप्ता
ब्यूरो रिपोर्ट
संचालक जनसम्पर्क श्री अंशुल गुप्ता ने कहा है कि खबर की सत्यता की पुष्टि उपरांत ही सोशल मीडिया पर खबर प्रसारित करें। आज के समय में सोशल मीडिया जानकारी का सबसे प्रभावी माध्यम बन गया है। लेकिन इसके साथ हमारी जिम्मेदारी भी बढ़ गई है। पोस्ट बनाते समय डीपीडीटी अधिनियम का पालन करना, पाठकों की रुचि और समझ का ध्यान रखना और सामग्री को सरल और प्रभावी बनाना आवश्यक है। यह ध्यान रखना चाहिए कि सोशल मीडिया पर साझा की गई सामग्री सकारात्मक और पाठकों के लिए उपयोगी हो। जनता हमारे लिखे और बोले पर भरोसा करती है, इसलिए फैक्ट अवश्य चैक करें। खबर तथ्यपरक और सही होने से जनता में हमारा भरोसा बढ़ता है।
संचालक श्री गुप्ता संभागीय जनसम्पर्क कार्यालय, भोपाल द्वारा आयोजित “सोशल मीडिया एवं न्यू एज मीडिया” विषय पर संभागीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर अपर संचालक जनसंपर्क श्री जी. एस. वाधवा, श्री संजय जैन उपस्थित थे। कार्यशाला का संचालन संयुक्त संचालक जनसम्पर्क श्री पंकज मित्तल ने एवं आभार प्रदर्शन उप संचालक श्री अरूण शर्मा ने किया। कार्यशाला में सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर श्री आर्यन चतुर्वेदी, सुश्री रश्मि गोलिया, श्री सर्वेश पंचोली, श्री इरशाद अहमद जैदी,श्री सतीश कुशवाह, श्री सुशांत कौशल आदि ने जानकारी दी।
भोपाल संभाग के सभी जिलों के जनसंपर्क अधिकारी, सोशल मीडिया हैण्डलर एवं सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर ने भाग लिया। कार्यशाला में डिजिटल मार्केटिंग, वीडियो एडिटिंग, ग्राफिक डिजाइनिंग, वीडियो शूटिंग और स्क्रिप्ट राइटिंग जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चर्चा की गई। कार्यशाला में इन्फ्लुएंसर्स को आधुनिक डिजिटल टूल्स और नवीनतम तकनीकों से परिचित कराया गया। साथ ही उन्हें प्रशासनिक और सामुदायिक कार्यक्रमों में अधिक प्रभावी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया गया। वर्कशॉप में डिजिटल मीडिया के प्रभाव, ब्रांड प्रमोशन की रणनीतियों और प्रभावी संवाद कौशल पर विशेष जोर दिया गया। विशेषज्ञ वक्ताओं ने डिजिटल मार्केटिंग के नवीनतम ट्रेंड्स, प्रभावी कहानी, कहने की कला और रचनात्मक कौशल विकसित करने के तरीकों को सरल और व्यावहारिक तरीके से समझाया।
प्रतिभागियों ने सत्रों के दौरान तकनीकी और रचनात्मक पक्ष से जुड़े कई महत्वपूर्ण पहलुओं को सीखा, जिसमें वीडियो शूटिंग के दौरान रोशनी और फ्रेमिंग की तकनीकें, ग्राफिक डिजाइनिंग के मूल सिद्धांत और कहानी को प्रभावी ढंग से लिखने की विधियां शामिल थीं। प्रतिभागियों ने नए ज्ञान और कौशल के साथ डिजिटल युग में अपनी जिम्मेदारियों को और प्रभावी तरीके से निभाने की प्रेरणा ली।