अकुशल कर्मचारी या लापरवाही -मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान” में भी रात भर अँधेरे में डूबी रही सड़के और गलियां
ब्यूरो रिपोर्ट
सारणी नगर पालिका इन दिनों भगवान् भरोसे चल रही है। लोगो के काम तो चक्कर लगाए बिना होते नहीं है। वही जनता के कामों में बाधा डालने वाले कर्मचारी अलबत्ता फलफूल रहे है।और अकुशल लोग कुर्सी में जमे बैठे है।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने जहाँ अपने कार्यकाल के एक वर्ष पूर्ण होने पर जनता दरबार यानी मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान” के तहत जनता की समस्याओ का त्वरित निराकरण हेतु वृहद अभियान चलाया है ताकि निचले तबके तक लोगो को शासकीय योजनाओ का लाभ मिल सके। और कोई भी वंचित ना रहने पाए। वही इनकी मंशा के विपरीत मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान”पखवाड़े के दूसरे ही दिन नगर पालिका सारणी विद्युत प्रदाय विभाग ने अपनी अकुशलता साबित कर दी। जिसका नतीजा रात भर वार्ड नम्बर 3 के लोगो को सडको और गलियों में अँधेरे का सामना करना पड़ा।
और नगर पालिका मुख्यमार्ग सहित वार्डो की गलियों में रात भर अन्धेरा पसरा रहा। जो मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान” में नगर पालिका की गंभीरता हो दर्शाता है।
जब हमारे संवाददाता ने विद्युत् प्रदाय विभाग प्रभारी श्रीपत कातुलकर जी से मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान पर्व पर पसरे अँधेरे के बारे में जानकारी चाही तो उनका कहना था दो बार मोटा मोटा फ्यूज डाल दिया उड़ रहा है। अब सुबह ही फाल्ट देखा जाएगा।
अब सवाल उठता है की ऐसा जवाब तो कोई अनाड़ी या अकुशल व्यक्ति ही दे सकता है। जिसे इस काम की समझ ना हो। एक कुशल व्यक्ति रात में ही फाल्ट ढूंढ कर उसे दुरुस्त कर सकता है। क्योंकि स्टेट लाइट रात में ही जलाई जाती है ताकि नागरिको को आवागमन में सुविधा हो। और टेक्निकली देखा जाय तो नगर की स्टेट लाइट का भी अलग अलग सर्किट होता है।
समस्या तो उस वक्त होती थी जब ओपन एल्युमिनियम केबल से व्यवस्था संचालित भी। किन्तु अब तो सेपरेट सिल्डेड केबल के माध्यम से स्ट्रीट लाइट व्यवस्था का संचालन होता है।
ऐसे में मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान के दौरान भी कर्मचारियों द्वारा समस्या को टालना इनकी अकुशलता या लापरवाही को प्रदर्शित करता है। अधिकारियो और जनप्रतिनिधियों द्वारा समय समय पर इनके कार्य कौशल का भी परिक्षण करते रहना चाहिए। ताकि ऐसे बेतुके जवाब सामने ना आये।
जमाना हाईटेक हो चुका है मोबाइल सिंगनल भी अब टॉवर के बदले सीधे सेटेलाइट से मिलने जा रहे है , आल्टरनेटिंग करेंट टेस्टर भी आधुनिक हो गए है जो केबल के ऊपर से ही करेंट का फ्लो बता दे ते है। वही ऊपर से ही ये भी बता दे ते है की केबल के बहने वाला करेंट फेस ये या न्यूटल।
इन कर्मचारियो को प्रशिक्षण की आवश्यकता है। या फिर नगर पालिका को नए प्रशिक्षित युवाओ को अवसर देना चाहिए।क्योकि ऐसा अन्धेरा हर माह में दो से पांच दिनो तक सडको और वार्डो में कायम रहता है।