सारणी में विद्युत मंडल के पंप हाउस में कार्यरत श्रमिकों दिया जा रहा हैं कम वेतनमान
ब्यूरो रिपोर्ट
- सारणी में विद्युत मंडल के पंप हाउस में कार्यरत श्रमिकों दिया जा रहा हैं कम वेतनमान
- विद्युत मंडल के सिविल से जुड़े कार्यों मे श्रमिकों का हो रहा है शोषण
सतपुड़ा प्लांट में आवासीय कॉलोनी में जल वितरित करने के लिए बनाए गए पंप हाउस में सात श्रमिक कार्यरत है इन श्रमिकों को मासिक वेतन लगभग 12000 मिलना चाहिए मगर इन श्रमिकों को सिर्फ 7500 ही वेतनमान दिया जाता है इन श्रमिकों को यह भी नहीं पता कि इनका ठेकेदार कौन है और उनके पीएफ की भी उनके पास कोई सटिंक जानकारी नहीं है एवं प्रतिदिन मजदूरी की दर क्या है उन्हें यह भी नहीं पता
सारणी से लगे ग्रामीण क्षेत्र के जनपद सदस्य पति एवं आदिवासी नेता विश्राम बोसुम ने बताया कि हमारे ग्रामीण क्षेत्र के सीधे-साधे आदिवासी बंधु ज्यादातर सिविल के कार्यों में कार्यरत है जहां उनका अधिकारियों एवं ठेकेदारों द्वारा मिलकर जमकर शोषण किया जाता है और यह पिछले कई समय से चल रहा है उन्होंने बताया कि श्रमिकों के शोषण के मामले में एक बार तो ऊर्जा मंत्री द्वारा स्वयं अन्नपूर्णा ट्रेडर्स एवं आरती इंटरप्राइजेज पर एफआईआर की गई परंतु उसके बावजूद भी कोई सुधार नहीं हुआ कई श्रमिकों से तो माह में 30 दिन काम करा कर भी 7500 ही दिए जाते हैं
ठेका श्रमिकों द्वारा वर्तमान में जो कार्य कराये जा रहे हैं उन्हीं कार्यों को कभी विद्युत मंडल के कर्मचारी करा करते थे जिनका वेतनमान ठेका श्रमिकों के वेतनमान से 10 गुना ज्यादा रहता था और उसी कार्य को अब ठेका श्रमिक पूरी ईमानदारी के साथ कर रहे हैं और उन्हें वेतनमान के नाम पर सिर्फ इतनी राशि दी जा रही है कि वह किसी तरह अपना जीवन की गुजर बसर कर सके जबकि प्रदेश के मुखिया ठेका श्रमिकों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए कई योजनाएं बनाकर काम कर रहे हैं उन्होंने कहा की आदिवासी ठेका श्रमिकों से जुड़े शोषण के मामलों का शीघ्र निराकरण नहीं हुआ तो जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर को उक्त समस्या से अवगत कराकर निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की जाएगी