खबर का असर -अवैध उत्खनन के प्रकरण में बंसल कंस्ट्रक्शन पर 21.53 करोड़ रुपये का अर्थदंड
ब्यूरो रिपोर्ट
बैतूल-अवैध उत्खनन के दो अलग-अलग प्रकरणों में एडीएम कोर्ट बैतूल द्वारा बंसल कंस्ट्रक्शन ग्रुप भोपाल पर 21 करोड़ 53 लाख 43 हजार 600 रुपये का अर्थदंड के आदेश दिए गए है। इनमें ग्राम खेड़ीसांवलीगढ़ भूमि से मुरूम का अवैध उत्खनन करने पर 3 करोड़ 28 लाख 86 हजार 600 रूपए एवं गोधना जलाशय के जल भराव क्षेत्र से गौण खनिज मिट्टी/मुरम का अवैध उत्खनन के दोषी पाए जाने पर एडीएम श्री जयप्रकाश सैय्याम की कोर्ट से अर्थदंड से दंडित किया गया है। एडीएम न्यायालय से दोनों ही प्रकरणों में 9 मई 2024 को एडीएम के हस्ताक्षर में आदेश जारी किए गए है।
बता दे की एससीएन न्यूज इंडिया द्वारा बंसल कंपनी द्वारा की जा रही अवैध उत्खनन और परिवहन को ले कर समाचारों के माध्यम से शासन प्रशासन को अवगत कराया जा रहा था। देर आये दुरुस्त आये बंसल कंपनी पर जुर्माने की इस कार्रवाही से जिले में हो रहे अवैध उत्खनन जैसे कामों पर लगाम जरूर लगेगी ।
खेड़ीसांवलीगढ़ में मुरम का अवैध उत्खनन
उल्लेखनीय है कि 1.12.21 को ग्राम खेड़ीसांवलीगढ़ में निजी भूमि पर बंसल कंस्ट्रक्शन ग्रुप द्वारा बैतूल से चिचोली फोरलेन मार्ग पर सडक़ बनाने का काम कर रही बैतूल कंस्ट्रक्शन ग्रुप भोपाल द्वारा 10.962 घन मीटर मुरूम अवैध उत्खनन करना खनिज निरीक्षक की रिपोर्ट पर प्रकरण पर अधिकारियों द्वारा किए निरीक्षण मं अवैध उत्खनन पाया गया।
एडीएम न्यायालय में प्रस्तुत साक्ष्य में कंस्ट्रक्शन कंपनी सडक़ निर्माण का कार्य कर रही है और मुरूम को सडक़ निर्माण के उपयोग से इंकार नहीं किया जा सकता। उत्खनन स्थल पर समतलीकरण की बात में अनुमति ना होने का हवाला देते हुए असहमति व्यक्त की गई। न्यायालय द्वारा उपरोक्त तथ्यों के आधार पर 3 करोड़ 28 लाख 86 हजार 600 की शास्ति अधिरोपित की गई।
गोधना जलाशय के जल भराव क्षेत्र से अवैध उत्खनन
इसी प्रकार एक अन्य आदेश में दूसरे प्रकरण में बंसल पाथवे के विरूद्ध जल संसाधन एवं खनिज विभाग की संयुक्त टीम द्वारा गोधना जलाशय के जल भराव क्षेत्र से बंसल पाथवे द्वारा अवैध उत्खनन किए जाने पर शासन पक्ष के उपरोक्त साक्ष्यों के आधार पर यह तथ्य निर्विवादित रूप से प्रमाणित होता है कि अनावेदक कंपनी द्वारा गोधना जलाशय के जल भराव क्षेत्र में उत्खनित क्षेत्र की भराई की गई है,
यदि अनावेदक कंपनी द्वारा गोधना जलाशय के जल भराव क्षेत्र से मुरूम व मिट्टी का अवैध उत्खनन नहीं किया जाता तो, निश्चित रूप से उनके द्वारा उत्खनि क्षेत्र में भराई करने से भी इंकार कर दिया जाता, अनावेदक कंपनी द्वारा जलाशय के उत्खनित क्षेत्र में भराव करने से इंकार नहीं करना उनकी मौन स्वीकारोक्ति को दर्शाता है।
यदि अनावेदक कंपनी द्वारा गोधना जलाशय के जलभराव क्षेत्र से अवैध उत्खनन नहीं किया जाता तो उनके द्वारा जांच दल के समक्ष गोधना जलाशय समिति जनपद पंचायत चिचोली जिला बैतूल का अनापत्ति प्रमाण पत्र दिनांक 25-4-2022 प्रस्तुत नहीं किया जाता। अनावेदक कंपनी द्वारा जांच दल के समक्ष उक्त अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के तथ्य का खण्डन नहीं किया गया है।
इसके अतिरिक्त प्रकरण में यह तथ्य निर्विवादित है कि अनावेदक कंपनी द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 47 बैतूल से चिचोली का निर्माण किया गया है और सडक़ निर्माण कार्य में मुरूम/मिट्टी की आवश्यकता व उपयोग होने के तथ्य से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
अनावेदक कंपनी की ओर से यह नहीं बताया गया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 47 बैतूल से चिचोली के निर्माण कार्य में लगने वाला मुरूम/मिट्टी खनिज उनके द्वारा कहा से लाया गया है, और किस अनुमति या अनुज्ञा के अधीन उत्खनन किया गया है।
अनावेदकगण पर रुपये 18,24,57,000/- (रुपये अठारह करोड़ चौबीस लाख सत्तावन हजार केवल) की शास्ति अधिरोपित की जाती है।