मौसम विभाग ने मानसून को लेकर नया अपडेट जारी किया, कहां कब आएगा मानसून एवं अभी कहां पहुंचा, जानें
मौसम विभाग ने हाल ही में मानसून को लेकर पूर्वानुमान जताया था। वही, अब विभाग ने मानसून को लेकर नहा अपडेट भी जारी कर दिया है। मौसम विभाग के मुताबिक, अभी मानसून अंडमान निकोबार में दस्तक दे दी है। जिसके चलते बीते 24 घंटों के दौरान केरल के तिरुवनंतपुरम में तेज बारिश हुई। हालांकि ये प्री-मानूसन बारिश है। मानसून आने में अभी समय है।
इस साल सामान्य तारीख से जल्दी पहुंचेगा मानसून
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, मानसून अंडमान-निकोबार पहुंच गया है। 31 मई तक यह केरल पहुंच जाएगा। पिछले साल भी मानसून ने अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में 19 मई को ही दस्तक दी थी, लेकिन केरल में 9 दिन देरी से 8 जून को पहुंचा था।
इस साल मानसून सामान्य तारीख से पहले ही केरल में दस्तक दे सकता है। वैसे केरल में मानसून आने की सामान्य तारीख 1 जून है। घोषित तारीख में 4 दिन कम या ज्यादा होने की गुंजाइश रखी गई है। यानी मानसून 28 मई से 3 जून के बीच कभी भी आ सकता है।
एमपी एवं राजस्थान में कब पहुंचेगा मानसून
IMD के अनुसार, मानसून के मध्य प्रदेश में 16 से 21 जून और राजस्थान में 25 जून से 6 जुलाई तक पहुंचने के आसार हैं। वहीं यूपी में 18 से 25 जून और बिहार-झारखंड में 18 जून तक पहुंच जाएगा।
1972 से अब तक का मानसून के रिकॉर्ड
IMD के आंकड़ों के मुताबिक, बीते 150 साल में मानसून के केरल पहुंचने की तारीखें काफी अलग रही हैं। 1918 में मानसून सबसे पहले 11 मई को केरल पहुंच गया था, जबकि 1972 में सबसे देरी से 18 जून को केरल पहुंचा था। बीते चार साल की बात करें तो 2020 में मानसून 1 जून को, 2021 में 3 जून को, 2022 में 29 मई को और 2023 में 8 जून को केरल पहुंचा था।
पिछले साल की तुलना में इस बार अच्छी बारिश का अनुमान
मौसम विभाग के विज्ञानी बताते है की, इस बार ला नीना से अच्छी बारिश का अनुमान है। बता दें की, क्लाइमेट (जलवायु) के दो पैटर्न होते हैं, अल नीनो और ला नीना। पिछले साल अल-नीनो सक्रिय था, जबकि इस बार अल-नीनो परिस्थितियां इसी हफ्ते खत्म हुई हैं और संभावना बन रही है कि तीन से पांच हफ्तों में ला-नीना परिस्थितियां पैदा हो जाएंगी। पिछले साल अल-नीनो के समय सामान्य से कम 94% बारिश हुई थी। 2020 से 2022 के दौरान ला-नीना ट्रिपल डिप के दौरान 109%, 99% व 106% बारिश हुई थी।
क्या होता है ला नीना और अल नीनो ? :-
अल नीनो में समुद्र का तापमान 3 से 4 डिग्री बढ़ जाता है। इसका प्रभाव 10 साल में दो बार होता है। इसके प्रभाव से ज्यादा बारिश वाले क्षेत्र में कम और कम बारिश वाले क्षेत्र में ज्यादा बारिश होती है। वही ला नीना की बात करें तो, इसमें समुद्र का पानी तेजी से ठंडा होता है। इसका दुनियाभर के मौसम पर असर पड़ता है। आसमान में बादल छाते हैं और अच्छी बारिश होती है।
बेहतर बारिश से किसानों को फायदा
IMD ने बताया कि 2024 में 106% यानी 87 सेंटीमीटर बारिश हो सकती है। 4 महीने के मानसून सीजन के लिए लॉन्ग पीरियड एवरेज (LPA) 868.6 मिलीमीटर यानी 86.86 सेंटीमीटर होता है। यानी मानसून Monsoon Update सीजन में कुल इतनी बारिश होनी चाहिए।
पिछले महीने IMD ने बताया था कि, देश में इस साल सामान्य से बेहतर मानसून रहेगा। मौसम विभाग (IMD) 104 से 110 फीसदी के बीच बारिश को सामान्य से बेहतर मानता है। यह फसलों के लिए अच्छा संकेत है। खरीफ की फसलें सामान्य मानसूनी बारिश पर निर्भर करती हैं।
कहां कब पहुंचेगा मानसून
मौसम विभाग ने जानकारी देते हुए बताया कि, हर बार की तरह इस साल भी राजस्थान में सबसे आखिरी में दस्तक देगा।
आइए जानते है कब कहां पहुंचेगा मानसून…
केरल में 1 से 3 जून,
तमिलनाडु में 1 से 5 जून,
आंध्रप्रदेश में 4 से 11 जून,
कर्नाटक में 3 से 8 जून,
बिहार में 13 से 18 जून,
झारखंड में 13 से 17 जून,
पश्चिम बंगाल में 7 से 13 जून,
छत्तीसगढ़ में 13 से 17 जून,
गुजरात में 19 से 30 जून,
मध्य प्रदेश में 16 से 21 जून,
महाराष्ट्र में 9 से 16 जून,
गोवा में 5 जून तक
ओडिशा में 11 से 16 जून,
उत्तर प्रदेश में 18 से 25 जून,
उत्तराखंड में 20 से 28 जून,
हिमाचल प्रदेश में 22 जून,
लद्दाख, जम्मू में 22 से 29 जून,
दिल्ली में 27 जून,
पंजाब में 26 जून से 1 जुलाई,
हरियाणा में 27 जून से 3 जुलाई,
चंडीगढ़ में 28 जून
राजस्थान में 25 जून से 6 जुलाई
तक मानसून पहुंचने का अनुमान है।