सतपुड़ा प्लांट में शासन द्वारा निर्धारित दरों के अनुरूप कई श्रमिकों को नहीं मिल रहा वेतनमान
ब्यूरो रिपोर्ट
1–श्रमिकों के शोषण के मामले मेंआसपास के ग्रामीणो सहित स्थानीय युवा जल्द कर सकते हैं बड़ा आंदोलन
श्रमिकों के शोषण के मामले में प्रबंधन की भी गलतियां अब सामने आने लगी है सतपुरा प्लांट के प्रवेश द्वार 7 नंबर गेट के पास मौजूद बोर्ड पर प्रबंधन के श्रम अधिकारी द्वारा नई दरो को नहीं लिखा गया है और बोर्ड पर पुराने दरे लिखी है जिसके कारण श्रमिकों को पुराने दरो के ही अनुरूप ठेकेदार द्वारा वेतनमान किया जा रहा है और अभी भी कुछ स्थानों पर तो 7000 से ₹8000 ही वेतनमान दिए जा रहे हैं सबसे ज्यादा सिविल विभाग में मजदूरों के शोषण के मामले सामने आ रहे है कर्मचारियों की कॉलोनी मैं जल वितरित करने के लिए बनाया गया पंप हाउस में तो शोषण की पराकाष्ठा ही हो गई है वर्तमान में भी वहां कार्यरत पंप ऑपरेटर को 7500 हजार रुपए दिए जा रहे हैं कुछ समय पूर्व ही है मामला प्रकाशित किए जाने पर ठेकेदार द्वारा₹500 बढ़ाया गया इसके पूर्व श्रमिकों को₹7000 ही दिए जाते हैं जबकि पंप ऑपरेटर स्किल्ड कैटेगरी में आते हैं और उनका वेतनमान लगभग 13500 रुपए होना चाहिए उक्त कार्य में कार्यरत ठेकेदार पर पूर्व में भी मजदूरों के शोषण के मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 ऊर्जा मंत्री द्वारा लगाई गई परंतु उसके बाद भी ठेकेदार द्वारा मजदूरों का शोषण बंद नहीं किया गया और पंप हाउस में 4 ऑपरेटर के बजाय 3 ऑपरेटर लगाकर ही काम चलाया जा रहा है इसके अलावा सिविल विभाग के कॉलोनी के साफ सफाई में कार्यरत श्रमिकों को भी बहुत ही कम वेतनमान दिया जाता है यह सब जानकारी प्रबंधन के श्रम अधिकारी को होने के बावजूद की उनके द्वारा कभी कोई कार्रवाई नहीं की जाती जिसके कारण क्षेत्र में मजदूरों के शोषण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता की शोषण की इन मामले में श्रम अधिकारी और वरिष्ठ अधिकारियों की मिली भगत ना हो सभी के मिली भगत से ही श्रमिकों का शोषण किया जा रहा हैऔर अब श्रमिकों को न्याय के लिए न्यायालय की भी शरण लेनी पड़ रही है