अंजान,असहाय व मुकबधिर मृतक का ग्राम वासियों ने अंतिम संस्कार कर पेश की मिशाल
धनराज साहू ब्यूरो रिपोर्ट
- अंजान,असहाय व मुकबधिर मृतक का ग्राम वासियों ने अंतिम संस्कार कर पेश की मिशाल।
- पंचायत प्रतिनिधियों, नेताओं,युवाओं एवं ग्रामवासियों ने ससम्मान की बिदाई ।
भैंसदेही:- भैंसदेही मुख्यालय से 10 किमी की दूरी पर स्थित भैंसदेही विकासखंड के अंतर्गत बस स्टैंड गुदगांव चौपाटी पर लगभग 15 – 20 वर्षों से रह रहे एक लगभग 50 वर्षीय अंजान मुकबधिर व्यक्ति का ग्राम में निधन हो जाने पर पंचायत प्रतिनिधियों, भाजपा एवं कांग्रेस नेताओं ने मौके पर पहुंचकर विधिक कार्यवाही करते हुए बस स्टैंड स्थित व्यापारियों एवं ग्राम वासियों के सहयोग से एक पारिवारिक सदस्य की भांति ग्राम के निकट स्थित पुर्णा नदी के तट पर उसका ससम्मान अंतिम संस्कार कर एक मिशाल पेश की। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे भाजपा नेता एवं सांसद प्रतिनिधि धनराज साहू,सरपंच श्रीमती हेमलता फूलचंद लोखंडे,उप सरपंच श्रीमती पुनम विश्वनाथ बोडखे,समाज सेवी भगवंतराव डोंगरे ,पूर्व विधायक प्रतिनिधि अशोक अड़लक,कांग्रेस नेता वासुदेव बारस्कर, डॉ.दिनेश दवंडे, कैलाश नाकतुरे,राहूल पवार, किशोर राने, भाजपा नेता दादूराव पाटनकर, लालाराम साहू राजकुमार बोड़खे व गुलाब चढ़ोकार सहित ग्राम के अन्य जागरूक नागरिकों ने विधिवत कार्यवाही करते हुए व्यापारी गणों के सहयोग से मृतक का न केवल अंतिम संस्कार किया बल्कि ग्राम के युवा गजानन मस्की ने एक पारिवारिक सदस्य की भांति मुखाग्नि देकर मिशाल पेश की। यही नही बल्कि नेताओं, युवाओं एवं ग्रामवासियों ने मृतक की आत्मशांति के लिए सत्यनारायण कथा कर तेरव्ही का संक्षिप्त कार्यक्रम करने का निर्णय लिया है जो कि अपने आप में प्रशंसनीय है।
मृतक की विधिवत सूचना भैंसदेही पुलिस को दी गई थी पुलिस प्रशासन का भी इसमें अच्छा सहयोग रहा। यहां यह उल्लेखनीय है कि लगभग पिछले 15 -20 वर्षों से उक्त व्यक्ति बस स्टैंड के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर के पास रहता था किंतु मुख बधिर होने के कारण उसका नाम व उसके गांव व परिवारजनों का नाम आज तक किसी को पता नहीं चला । और ना ही इस अवधि में उसके कोई रिश्तेदार या कोई परिजन कभी कोई खोज खबर लेने आये। जिसके कारण ऐसा लगता है कि दुनिया में उनका अब कोई नहीं बचा होगा। बस स्टैंड पर लोग अक्सर उन्हें देवतुल्य मानते थे ऐसा समझते थे कि ईश्वर के रूप में वह यहां पर आए है इस कारण लोग उन्हे बाबा मानकर उन पर काफी दया व स्नेह रखते थे और सभी लोग उनकी मदद करते थे जिससे उनका गुजर बसर चल जाता था । काफी लंबे समय तक उन्होंने यहां पर अपना जीवन जिया और कल प्रातः लगभग तीन-चार बजे के दरमियान उनका निधन हो गया। एक 50 वर्षीय अनजाने एवं दिव्यांग मुखबधिर व्यक्ति की एक पारिवारिक सदस्य के रूप में भावभीनि अंतिम बिदाई कर ग्राम के नेताओं, जनप्रतिनिधियों, युवाओं एवं ग्राम वासियों तथा व्यापारियों ने एक बेहतर मिसाल पेश की जिसकी सर्वत्र प्रशंसा की जा रही है।