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1 जनवरी से ग्राहकों का क्रेडिट स्कोर अब हर 15 दिन में अपडेट -RBI के आदेश – 6 नियम भी अनिवार्य किये

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ब्यूरो रिपोर्ट 

1 जनवरी 2025 से RBI के नए नियम के अनुसार, ग्राहकों का क्रेडिट स्कोर अब हर 15 दिन में अपडेट किया जाएगा। वर्तमान में इसे 30 से 45 दिनों में अपडेट किया जाता है। जिससे पेमेंट करने के बाद भी ग्राहकों को लम्बा इन्तजार करना होता था जो अब सिबिल कंपनियों की मनमानी पर नकेल कसेगा। 

रिजर्व बैंक ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों को समय पर ग्राहकों का क्रेडिट स्कोर अपडेट करने का आदेश दिया है। आरबीआई गवर्नर ने हाल ही में कहा कि क्रेडिट डेटा हर 15 दिन में अपडेट किया जाएगा। यह ग्राहकों को अपने क्रेडिट स्कोर की वर्तमान स्थिति का समय पर पता चलाने और उनकी लोन योग्यताओं पर बेहतर नजर रखने में मदद करेगा।

रिजर्व बैंक (RBI) ने इस सिबिल के साथ छह नए नियम बनाए हैं। 

केंद्रीय बैंक ने सभी क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों को निर्देश दिया है कि जब भी कोई बैंक या एनबीएफसी (NBFC) किसी ग्राहक की क्रेडिट रिपोर्ट देखता है, तो ग्राहक को इसकी जानकारी दी जानी चाहिए। आप इस जानकारी को एसएमएस या ईमेल के माध्यम से भेज सकते हैं। वास्तव में, भारतीय रिजर्व बैंक ने क्रेडिट स्कोर को लेकर कई शिकायतों के कारण यह निर्णय लिया है।

रिक्वेस्ट को अस्वीकार करने का कारण बताना आवश्यक है

भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि अगर किसी ग्राहक की रिक्वेस्ट ठुकरा दी जाती है, तो उसे इसकी वजह बतानी चाहिए। ग्राहक को इससे पता चलेगा कि उसकी रिक्वेस्ट क्यों अस्वीकार की गई है। सभी क्रेडिट कंपनियों को ग्राहकों को रिजेक्शन की संभावित वजहों की सूची देना चाहिए ताकि उन्हें अपनी क्रेडिट स्थिति को सुधारने का अवसर मिल सके।

ग्राहकों को साल में एक बार मुफ्त पूरी CIBIL रिपोर्ट दें

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों के अनुसार, क्रेडिट कंपनियों को अपने ग्राहकों को हर साल एक बार पूरी क्रेडिट रिपोर्ट मुफ्त में देनी चाहिए। इसके लिए, क्रेडिट कंपनियों को अपनी वेबसाइट पर एक लिंक देना होगा, जिससे ग्राहक आसानी से अपनी मुफ्त क्रेडिट रिपोर्ट देख सकें। ग्राहकों को साल में एक बार अपना सिबिल स्कोर और पूरा क्रेडिट इतिहास मिलेगा।

डिफॉल्ट रिपोर्ट करने से पहले ग्राहक को सूचित करें

भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि ग्राहक को डिफॉल्ट (loan default) रिपोर्ट करने से पहले बताना चाहिए। लोन देने वाले संगठनों को SMS या ई-मेल से पूरी जानकारी दें। इसके अलावा, बैंकों और लोन देने वाली संस्थाओं में नोडल अधिकारी होना चाहिए। नोडल अफसर क्रेडिट स्कोर की समस्याओं को हल करेंगे।

30 दिन में शिकायतों का समाधान हो

अगर क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी 30 दिन के अंदर ग्राहकों की शिकायतों को हल नहीं करती है, तो उसे हर दिन 100 रुपये का जुर्माना देना होगा। यानी शिकायत की अवधि जितनी अधिक होगी, उतना अधिक जुर्माना चुकाना होगा। लोन बांटने वाली संस्था को 21 दिन का वक्त मिलेगा, जबकि क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिन का वक्त मिलेगा। 21 दिन में क्रेडिट ब्यूरो को नहीं बताया गया तो बैंक दंड देगा। वहीं, अगर बैंक को सूचना देने के नौ दिन बाद भी शिकायत का समाधान नहीं हुआ, तो क्रेडिट ब्यूरो को दंड देना होगा।

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