बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम में निम्न दबाव का क्षेत्र बना
भारत मौसम विज्ञान केन्द्र:
बुधवार, 18 दिसंबर, 2024
जारी होने का समय: 0800 बजे IST (सुबह)
अखिल भारतीय मौसम सारांश एवं पूर्वानुमान बुलेटिन
मौसम की महत्वपूर्ण विशेषताएं:
मौसम प्रणालियाँ:
आज यानी 18 दिसंबर को सुबह 0530 बजे बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम में निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इससे जुड़ा चक्रवाती परिसंचरण मध्य क्षोभमंडल स्तर तक फैला हुआ है। अगले 2 दिनों में इसके और अधिक स्पष्ट होने और पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में तमिलनाडु तट की ओर बढ़ने की संभावना है।
18 दिसंबर, 2024 से एक नया पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित करने की संभावना है।
पूर्वानुमान एवं चेतावनियाँ (7 दिनों तक):
तमिलनाडु और रायलसीमा: 18 और 19 दिसंबर को कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है, जबकि 18 दिसंबर को कुछ स्थानों पर बहुत भारी वर्षा हो सकती है।
तटीय आंध्र प्रदेश: 18 और 19 दिसंबर को कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है। 20 दिसंबर को कुछ स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना है।
18-20 दिसंबर के दौरान तमिलनाडु, पुडुचेरी, 18-21 के दौरान तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, 18 और 19 दिसंबर को रायलसीमा और 19 और 20 दिसंबर को ओडिशा में अलग-अलग स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा के साथ-साथ कुछ स्थानों पर गरज और बिजली गिरने की संभावना है।
ii. तापमान, शीत लहर और कोहरे का पूर्वानुमान:
पिछले 24 घंटों के दौरान आज 0830 बजे तक के तापमान की स्थिति (अनुलग्नक IV):
न्यूनतम तापमान रहा,जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के अधिकांश हिस्सों में यू°C से नीचे;पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान के अधिकांश हिस्सों और मध्य प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में 0-6°C;उत्तर-पश्चिम, पूर्व, मध्य और पश्चिम भारत के शेष भागों में 6-12°C तक तापमान रहने की संभावना है।
आज देश के मैदानी इलाकों में सबसे कम न्यूनतम तापमान 1.0°C आदमपुर आईएएफ (पंजाब) में दर्ज किया गया।
पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र के कुछ भागों तथा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और आंतरिक ओडिशा में न्यूनतम तापमान में 1-2 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है, तथा बिहार, पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी क्षेत्र, पश्चिमी मध्य प्रदेश के कई भागों, उत्तर-पश्चिम और पश्चिम भारत में 1-2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है।
दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत और पूर्वोत्तर भारत को छोड़कर देश के अधिकांश भागों में न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे रहा। तेलंगाना में अलग-अलग स्थानों पर यह सामान्य से काफी नीचे (-5 डिग्री सेल्सियस या उससे कम) रहा, मध्य महाराष्ट्र में कुछ स्थानों पर सामान्य से काफी नीचे (-3 डिग्री सेल्सियस से +5 डिग्री सेल्सियस), मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, विदर्भ, कोंकण और उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में अलग-अलग स्थानों पर, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली, उत्तर प्रदेश और गुजरात राज्य में कुछ स्थानों पर सामान्य से नीचे (-1 डिग्री सेल्सियस से +3 डिग्री सेल्सियस), जम्मू-कश्मीर-लद्दाख-गिलगित-बाल्टिस्तान-मुजफ्फराबाद, पंजाब, राजस्थान, असम और मेघालय, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और सिक्किम, तटीय कर्नाटक में अलग-अलग स्थानों पर और देश के बाकी हिस्सों में सामान्य के करीब रहा।
तापमान का पूर्वानुमान:
अगले 2 दिनों के दौरान पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में न्यूनतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन होने की संभावना नहीं है तथा उसके बाद के 3 दिनों के दौरान इसमें 2-3 डिग्री की क्रमिक गिरावट होने की संभावना है।
अगले 4-5 दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन होने की संभावना नहीं है।
अगले 4-5 दिनों के दौरान मध्य और पश्चिम भारत में न्यूनतम तापमान में 3-5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने की संभावना है।
अगले तीन दिनों के दौरान पूर्वी भारत में न्यूनतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने की संभावना है, उसके बाद कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन नहीं होगा।
शीत लहर की चेतावनी:
18-21 दिसंबर के दौरान हिमाचल प्रदेश और पंजाब के कुछ हिस्सों में शीत लहर से लेकर गंभीर शीत लहर की स्थिति व्याप्त होने की संभावना है, 22 और 23 दिसंबर को पंजाब के कुछ हिस्सों में, 19-22 दिसंबर के दौरान पूर्वी राजस्थान में,18-23 के दौरान जम्मू-कश्मीर-लद्दाख-गिलगित-बाल्टिस्तान-मुजफ्फराबाद और पश्चिमी राजस्थान के अलग-अलग इलाकों में शीत लहर की स्थिति होने की संभावना है।
18-22 दिसंबर को चंडीगढ़, 18 और 23 दिसंबर को पूर्वी राजस्थान, 22 और 23 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में शीत लहर की स्थिति होने की संभावना है।
घने कोहरे की चेतावनी:
पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में 18 दिसंबर तक देर रात/सुबह के समय घना कोहरा छाए रहने की संभावना है।
असम और मेघालय में 18-20 दिसंबर के दौरान, राजस्थान में 19-22 दिसंबर के दौरान देर रात/सुबह के समय घना कोहरा छाए रहने की संभावना है।।
ग्राउंड फ्रॉस्ट चेतावनियाँ:
18-21 दिसंबर के दौरान हिमाचल प्रदेश, पंजाब के कुछ स्थानों पर ज़मीनी पाला पड़ने की संभावना है।
iii. 18 से 20 दिसंबर 2024 के दौरान दिल्ली/एनसीआर में मौसम की स्थिति और पूर्वानुमान
मौसम पूर्वानुमान:
18.12.2024: आसमान साफ रहेगा। सुबह के समय मुख्य सतही हवा उत्तर-पूर्व दिशा से चलेगी, जिसकी गति 04 किमी प्रति घंटे से कम होगी। सुबह के समय धुंध/मध्यम से घना कोहरा छाए रहने की संभावना है। इसके बाद हवा की गति बढ़ेगी और दोपहर के समय उत्तर-पश्चिम दिशा से 06 किमी प्रति घंटे से कम हो जाएगी। इसके बाद शाम और रात के समय परिवर्तनशील दिशा से इसकी गति 04 किमी प्रति घंटे से कम हो जाएगी। शाम/रात में धुंध/हल्का कोहरा छाए रहने की संभावना है।
19.12.2024: आसमान साफ रहेगा। सुबह के समय दक्षिण-पूर्व दिशा से हवा चलने की संभावना है, जिसकी गति 04 किमी प्रति घंटे से कम होगी। सुबह के समय धुंध/मध्यम से घना कोहरा छाए रहने की संभावना है। दोपहर के समय हवा की गति धीरे-धीरे बढ़कर दक्षिण-पूर्व दिशा से 04-06 किमी प्रति घंटे हो जाएगी। इसके बाद शाम और रात के समय दक्षिण-पूर्व दिशा से हवा की गति 04 किमी प्रति घंटे से कम हो जाएगी। शाम/रात में धुंध/हल्का कोहरा छाए रहने की संभावना है।
20.12.2024: आसमान साफ रहेगा। सुबह के समय हवा की गति 04 किमी प्रति घंटे से कम रहने की संभावना है, तथा प्रमुख सतही हवा उत्तर-पूर्व दिशा से आने की संभावना है। सुबह के समय धुंध/मध्यम से घना कोहरा छाए रहने की संभावना है। इसके बाद दोपहर के समय हवा की गति बढ़कर उत्तर-पश्चिम दिशा से 08-10 किमी प्रति घंटे हो जाएगी। शाम और रात के समय यह धीरे-धीरे कम होकर उत्तर-पश्चिम दिशा से 06 किमी प्रति घंटे से कम हो जाएगी। शाम/रात में धुंध/धुंध छाए रहने की संभावना है।
मौसम संबंधी विश्लेषण (0530 बजे IST पर आधारित)
दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना निम्न दबाव क्षेत्र और उससे जुड़ा चक्रवाती परिसंचरण समुद्र तल से 5.8 किलोमीटर ऊपर तक बना हुआ है। अगले 2 दिनों में इसके और अधिक स्पष्ट होने और पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में तमिलनाडु तट की ओर बढ़ने की संभावना है।
उपोष्णकटिबंधीय पश्चिमी जेट स्ट्रीम, औसत समुद्र तल से 12.6 किमी ऊपर 115 नॉट तक की मुख्य हवाओं के साथ उत्तर-पश्चिमी भारत में व्याप्त है।
18 दिसंबर, 2024 से एक नया पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित करने की संभावना है।
मध्य एवं ऊपरी क्षोभमंडलीय पश्चिमी हवाओं में एक द्रोणिका के रूप में पश्चिमी विक्षोभ, मोटे तौर पर देशांतर 73° पूर्व से अक्षांश 30° उत्तर के उत्तर में पूर्व-उत्तर-पूर्व की ओर चला गया है।
उत्तरी राजस्थान पर समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर तक फैला हुआ संबद्ध प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण कम स्पष्ट हो गया है।