प्रावधानों का उल्लंघन पाये जाने पर एक दवा दुकान का लायसेंस निलंबित और एक का लायसेंस निरस्त
ब्यूरो रिपोर्ट
दवाओं का नशे के रूप में दुरुपयोग तथा नकली एवं अमानक दवाओं के विक्रय को रोकने कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देशानुसार औषधि निरीक्षकों द्वारा दवा दुकानों की लगातार जाँच की जा रही है । इस दौरान दवाओं के नमूने भी लिये जा रहे हैं और परीक्षण के लिए भोपाल स्थित राज्य प्रयोगशाला भेजा जा रहा है|
इसी क्रम में औषधि निरीक्षको शरद जैन एवं देवेंद्र जैन द्वारा कटंगी रोड स्थित मेसर्स माँ नर्मदा फार्मेसी का गत दिवस आकस्मिक निरीक्षण किया गया । इस दौरान दुकान के संचालन में औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन पाया गया । निरीक्षण में इस दुकान पर निरीक्षण पुस्तिका नहीं थी, फार्मासिस्ट की अनुपस्थिति में दुकान का संचालन किया जा रहा था , दवाओं का स्टॉक मिलान नहीं पाया गया तथा रेफ्रीजिरेटर में संधारित दवाओं का उचित संग्रहण भी नहीं पाया गया ।
औषधि निरीक्षक शरद जैन के मुताबिक दुकान संचालन में पाई गई इन अनियमिततओं के आधार पर दुकान संचालक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। नोटिस का जबाब संतोषजनक नहीं होने के कारण मेसर्स माँ नर्मदा फार्मेसी कटंगी रोड जबलपुर का लाइसेंस तीस दिनों के लिए निलंबित किया गया है । उन्होंने बताया कि निलंबन आदेश के बाद इस दुकान से औषधि के क्रय अथवा विक्रय को पूर्णतः अवैधानिक माना जायेगा तथा फर्म के लाइसेंस को निरस्त भी किया जा सकेगा।
समायरा एसोसिएट का लाइसेंस निरस्त
औषधि निरीक्षक शरद जैन के मुताबिक नशे के रूप में दुरूपयोग की जाने वाली कोडीन युक्त सिरप के दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने के कारण पूर्व में मैसर्स समायरा एसोसिएट्स बलदेवबाग, जबलपुर का लाइसेंस निलंबित किया गया था । पर्याप्त समय अवधि के उपरांत भी लाइसेंस धारी के द्वारा क्रय- विक्रय दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने पर औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत फर्म की प्रोप्राइटर श्रीमति ममता कोरी को थोक दवाओं के व्यापार हेतु प्रदत्त थोक औषधि विक्रय अनुज्ञप्तियाँ तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी गई है । उन्होंने बताया कि निरस्तीकरण आदेश के पश्चात अनावेदक द्वारा औषधि के क्रय अथवा विक्रय को पूर्णतः अवैधानिक माना जायेगा। यदि ऐसा किया जाता है तो यह कृत्य प्रशासनिक अथवा न्यायालयीन कार्यवाही किये जाने योग्य होगा।
दवा दुकान के संचालन के संबंध में दिये निर्देश
औषधि निरीक्षक शरद जैन के मुताबिक नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन मयंक अग्रवाल ने विगत दिनों व्हीसी के जरिये आयोजित बैठक में औषधि दुकानों के संचालन के संबन्ध में विस्तृत निर्देश दिये हैं । इन निर्देशों में भारत सरकार द्वारा निर्धारित प्रमुख शेड्यूल एच 2 की दवाओं पर क्यूआर कोड या बारकोड लगाना अनिवार्य किया गया है । शासन द्वारा अधिसूचित जिन औषधियों पर क्यू आर कोड या बारकोड नहीं है दवा दुकान संचालकों को उन्हें स्टॉकिस्ट या निर्माता को वापस भिजवाना होगा।
इसी प्रकार शेड्यूल एच, एच 1, एवं एक्स के अंतर्गत आने वाली दवाओं का विक्रय चिकित्सक के प्रिस्क्रिप्शन के आधार पर फार्मासिस्ट की उपस्थिति में किया जाना होगा। दवा दुकानों से वेटरनरी उपयोग हेतु ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन एवं अन्य प्रतिबंधित दवाओं का विक्रय नहीं करने के निर्देश भी दिये गये हैं। दवा दुकान में जेनेरिक दवाओं के संग्रहण के लिए औषधि विक्रय संस्थान में पृथक से व्यवस्था करने तथा कोडीन, ब्यूप्रीनारफीन, अल्प्रज़ोलम एवं अन्य नारकोटिक औषधियों का बिना प्रिस्क्रिप्शन के विक्रय नहीं किया जा सकेगा।
दवा दुकान संचालक नशे के रूप में दुरूपयोग की जाने वाली दवाओं एविल, पाकाविल आदि का विक्रय भी बिना प्रिस्क्रिप्शन के नहीं कर सकेंगे। दवा दुकान संचालकों को एंटीबायोटिक का विक्रय अनिवार्य रूप से रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर के प्रिस्क्रिप्शन के आधार पर ही करना होगा। ऐसे औषधि विक्रय संस्थान जो फूड सप्लीमेंट या न्यूट्रास्यूटिकल्स का विक्रय करते हैं उनके द्वारा एफएसएसएआई के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन एवं लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
संचालन सबन्धी दिये गये निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि कोई भी औषधि विक्रेता ऐसी कोई भी दवाओं का बच्चों को विक्रय नहीं करेगा जिनकी नशे के रूप में दुरूपयोग किए जाने की संभावना होती है। एबॉर्शन किट की दवाओं का विक्रय नियमानुसार चिकित्सक के प्रिस्क्रिप्शन पर ही किया जाना होगा। समस्त दवा विक्रेता टी बी के इलाज में उपयोग आने वाली दवाओं का विक्रय नियमानुसार चिकित्सक के प्रिस्क्रिप्शन पर किया जाना सुनिश्चित करेंगे तथा उन्हें टी बी ग्रसित मरीजों की जानकारी एवं दी गई दवाई की जानकारी शासन के पोर्टल (https://fdatb.mponline.gov.in/) पर अनिवार्य रूप से दर्ज करना होगी।
निर्देशों में कहा गया है कि किसी भी मेडिकल स्टोर के संचालक की किसी भी अवमानक औषधि की जानकारी संज्ञान में आती है तो उसे इसकी सूचना ड्रग इंस्पेक्टर को प्रेषित करना होगी। औषधी निरीक्षक ने जिले के समस्त थोक व रिटेल दवा व्यापारियों से कहा है कि दवा दुकान संचालन के दौरान औषधी एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम और नियमावली का पालन करना सुनिश्चित करें। नींद में उपयोग होने वाली दवाओं, गर्भपात की दवाओं और शेड्यूल दवाओं का विक्रय नियमानुसार ही करें तथा उनका रिकॉर्ड भी संधारित किया जाये।