एसआईटी के गठन के बाद भी पुलिस के हाथ खाली,दो के बाद अब तक नहीं हुई कोई गिरफ्तारी -जांच पर सवाल
ब्यूरो रिपोर्ट
देशमुख की आत्महत्या के मामले में अब भी नतीजा सिफर है। और एसआईटी के गठन के बाद भी पुलिस के हाथ खाली है। कुन्बी समाज संगठन के प्रदर्शन के बाद पुलिस अधीक्षक द्वारा गठित एसआईटी से लोगो को उम्मीद थी की अब जल्द सभी स्वर्गीय रविंद्र देशमुख मामले के आरोपी सलाखों के पीछे होंगे। किन्तु एसआईटी के गठन के दिन दो आरोपी प्रमोद गुप्ता और दीपक शिवहरे की गिरफ्तारी के बाद अब तक 8 में से कोई भी फरार आरोपी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया। जबकि पुलिस अधीक्षक द्वारा आरोपियों की सुचना हेतु 3000 -3000 हजार रुपये का ईनाम भी घोषित किया गया है।
जन चर्चा है की एसआईटी के पहले भी सारणी थाना प्रभारी , एसडीओपी और चौकी प्रभारी इस मामले की जांच कर रहे थे। और आरोपी फरार हो गए। और अब एसआईटी में भी यही जांच अधिकारी है। तो एसआईटी के गठन का क्या मतलब। जब तक ये जिम्मा किसी नए अधिकारियों को नहीं दिया जाता तब तक लोगो का संदेह पुलिस की जांच पर बना रहेगा।
हालांकि पुलिस लगातार फरार आरोपियों को तलाश में जुटी है। लेकिन आठों आरोपियों के लापता होने से लोगो में संशय की स्थिति है। वही अन्य संगठन और राजनैतिक दल भी अब पुलिस की कारवाही पर सवाल उठा रहे है। और सामूहिक मुंडन करा रहे है।