
ब्यूरो रिपोर्ट
सारनी बगडोना के ब्यूटी पार्लर संचालिका सारिका मिस्त्री को सोशल मीडिया पर बेवजह बदनाम करना अधिवक्ता अय्यूब मंसूरी को भारी पड़ गया। महिला की शिकायत पर गुरुवार को सारनी पुलिस ने एसटी- एससी की विभिन्न धाराओं में अपराध पंजीबद्ध किया। पीड़िता सारिका ने बताया कि सोशल मीडिया पर रुपए नहीं दिए जाने को लेकर मुझे बदनाम किया गया। जिससे मुझे काफी मानसिक पीड़ा हुई है और मेरा परिवार भी परेशान हो गया है। घर से निकलना मुश्किल हो गया है। पूरे घटनाक्रम की मेरे द्वारा शिकायत करने के बाद अयूब मंसूरी बौखला गया। फिर उसने खुद को बचाने के लिए एक परिचित युवती का इस्तेमाल किया। उस युवती से झूठी शिकायत और झूठे आरोप लगवाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। जिससे परिवार और समाज में बदनामी हुई।
गुरुवार को एसडीओपी प्रियंका करचाम ने सारिका मिस्त्री, अधिवक्ता अय्यूब मंसूरी और शिकायत करने वाली युवती तीनों को कार्यालय बुलाया। इस दौरान युवती ने एसडीओपी के सामने कबूल किया कि अय्यूब मंसूरी के इशारे पर ही उसने सारिका की झूठी शिकायत और आरोप लगाए थे। युवती से बार- बार सवाल पूछने पर युवती फोन आने का बहाना बनाकर बाहर निकली और फिर पुलिस के सवालों से बचती नजर आई। इससे साफ हो गया कि यह पूरा मामला सुनियोजित साजिश था। इसके बाद जब मीडिया ने अयूब मंसूरी से उसका पक्ष जानना चाहा, तो वह “नो कमेंट… नो कमेंट” कहकर बचता रहा। लेकिन इससे पहले वह अकेले में सारिका मिस्त्री से बार- बार माफी मांगता रहा, पैर पड़ता और गलती मानता नजर आया, जिसकी चर्चा अब शहर भर में है।