सतपुड़ा प्लांट में कार्यरत श्रमिकों के शोषण का मामले में उच्च न्यायालय से होगा न्याय
ब्यूरो रिपोर्ट
1—श्रम विभाग के दखल से लोकनाथ कंपनी की 1 करोड़ 97 लाख 56 हजार 780 रुपए की रोकी जाएगी बैंक गारंटी
जिला श्रम कार्यालय से मुख्य अभियंता कार्यालय को पत्र हुआ जारी
2— श्रमिकों के पक्ष में हुआ न्याय तो इसी बैंक गारंटी की राशि में से कार्यरत स्थानीय श्रमिकों को दिया जाएगा डिफरेंस पेमेंट
सारनी। सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी में कार्यरत ठेका श्रमिकों का आर्थिक शोषण लंबे समय से किया जा रहा हैं। इसके खिलाफ आवाज उठाने वाले ठेका श्रमिकों को दबाने का काम कंपनी द्वारा किया जाता हैं। इसके मद्देनजर समाजसेवी सतीश कुमार बामने ने इस पूरे मामले को लेकर जनहित याचिका जबलपुर हाईकोर्ट में दायर की हैं।
सतीश बामने ने बताया कि पावर प्लांट में कार्यरत लोकनाथ कंपनी द्वारा ठेका श्रमिकों को कैटिगरी के हिसाब से भुगतान नहीं किया जा रहा है इस कंपनी द्वारा पूर्व में भी श्रमिकों का शोषण किया गया एवं वर्तमान में भी कंपनी द्वारा कार्यरत स्थानीय श्रमिकों का शोषण किया जा रहा है लोकनाथ कंपनी द्वारा स्किल्ड, सेमी स्किल्ड, अन स्किल्ड कर्मचारियों के साथ नियमानुसार भुगतान करने में धांधली की जा रही हैं। इसको लेकर कई बार ठेका कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन कर आंदोलन भी किया। लेकिन किसी भी अधिकारी ने श्रमिकों का हक दिलाने में पहल नहीं की। वही ठेका श्रमिकों के मामले की जानकारी श्रम विभाग को भी है। लेकिन यहां से भी किसी प्रकार का सहयोग ठेका श्रमिकों को नहीं मिला हैं। इतना ही नहीं यहां कार्य करने वाली सभी कंपनियांयो द्वारा निर्धारित मजदूरों की संख्या से कम मजदूरों को काम पर रखकर काम करवाया जा रहा हैं ठेके की शर्तों को पालन करने में धांधली होना आम बात हो गया है अधिकारियों को भी इस बात की जानकारी होने के बाद किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जाती है इसी के चलते ठेका कंपनीयों के हौसले बढ़ते जा रहे हैं।
इधर सतपुड़ा प्लांट में ठेका श्रमिकों की समस्याओं का निदान करने के लिए श्रम अधिकारी भी है परंतु उनके द्वारा भी श्रमिकों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया जाता जिसके कारण अब मामला न्यायालय की ओर बढ़ गया है