देश के रक्षकों के लिए रक्षासूत्र बनाकर उत्साहित हुए स्कूली बच्चे
गौरी बालापुरे पदम्
देश के रक्षकों के लिए रक्षासूत्र बनाकर उत्साहित हुए स्कूली बच्चे
श्री-श्री ज्ञान मंदिर के विद्यार्थियों ने सैनिकों के लिए एक घंटे में बनाई एक हजार से अधिक राखियां
बैतूल। इस स्कूल में छोटे-छोटे बच्चे तिरंगे के तीन रंगों के मोतियों को रेशम की डोर में पिरो रहे थे। स्कूल परिसर में देशभक्ति के रंग बिखरे हुए थे। कक्षा 5वीं से 8वीं तक के बच्चे सर पर केसरिया पगड़ी बांधकर तिरंगा राखियां, देशभक्ति गीतों की धुन में मनाने में मगन थे। इन सभी बच्चों के चेहरे पर इस बात की खुशी भी जाहिर हो रही थी कि उनके हाथों से बनी राखियां देश की रक्षा कर रहे सैनिकों की कलाईयों पर बांधी जाएगी। बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति का यह रजत जयंती वर्ष है जब बैतूल की बेटियां आंधप्रदेश एवं राजस्थान के दल के साथ भारत पाक सीमा पर तैनात सैनिकों के साथ रक्षा बंधन का पर्व मनाने राजस्थान पहुंचेगी। 19 एवं 20 अगस्त को सैकड़ों सैनिकों की कलाईयों पर रक्षासूत्र सजेगा और राष्ट्र रक्षा मिशन का 25वां पड़ाव पूरा होगा।
जिले में विभिन्न संगठन एवं स्कूलों में सेना के जवानों के लिए राखी बनाई जा रही है। इसी क्रम में हमलापुर के श्री-श्री ज्ञान मंदिर में करीब एक सैकड़ा विद्यार्थियों ने महज दो घंटे में एक हजार से अधिक तिरंगा राखियां बनाई। राखी बनाने के लिए जिस तरह की व्यस्थाएं शाला की संचालक जयश्री शाह एवं शिक्षिका लता, प्रीतिबाला, मीनाक्षी, शोभा, शीला, रुपाली, मोनिका, कंचन, प्रियंका, निधि एवं हर्षित द्वारा की गई थी उसे देखकर लग रहा था जैसे स्कूल प्रांगण में राखियां बनाने मेला लगा हो।
श्री-श्री ज्ञान मंदिर इसलिए है खास
श्रीश्री ज्ञान मंदिर, श्री ज्ञान मंदिर वेद विज्ञान महाविद्यालय पीठ विद्यालयों को संत श्रीश्री रविशंकर द्वारा स्थापित किया है। आर्ट ऑफ लिविंग फ्री स्कूल का उद्देश्य भारत में ग्रामीण, आदिवासी और सामाजिक-आर्थिक रुप से पिछड़े स्थानों में वंचित बच्चों को मुफ्त समग्र मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान करना है। देश के 22 राज्यों में श्री श्री ज्ञान मंदिर हमलापुर की तरह ही नि:शुल्क शालाएं संचालित की जा रही है। पूरे देश में 1 हजार 262 से अधिक स्कूलों में 84 हजार 689 से अधिक बच्चे नि:शुल्क शिक्षा प्राप्त कर रहे है। इन बच्चों को किताबे, गणवेश, जूते-मौजे, स्वेटर, मध्यान्ह भोजन भी प्रदान किया जाता है। योग और ध्यान के साथ-साथ बच्चों को नृत्य, नाटक, खेल, कला, शिल्प, साहित्यक प्रतियोगिताएं, वृक्षारोपण, ध्यान, सत्संग सहित अन्य गतिविधियां कराई जाती है जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास संभव हो सकें।
अभूतपूर्व कार्यक्रम के लिए माना आभार
प्राचार्य जयश्री शाह द्वारा राष्ट्र रक्षा मिशन के माध्यम से स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा बनाई राखियां दूसरी बार सरहद पर भेजी जा रही है। बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति एवं राष्ट्र रक्षा मिशन की संस्थापक गौरी बालापुरे पदम, सदस्य सरिता अतुलकर, उषा अतुलकर ने श्री-श्री ज्ञान मंदिर में आयोजित अभूतपूर्व कार्यक्रम के लिए प्राचार्य एवं उनके पूरे स्टाफ के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। इस अवसर पर श्रीमती पदम ने बच्चों को सरहद पर रक्षा बंधन मनाने की शुरुआत कैसे हुई और पिछले 24 वर्षों में सरहद पर पहुंचने के दौरान के अनुभव सांझा किए। श्रीमती शाह ने कहा कि यह स्कूल के लिए बड़े ही सौभाग्य की बात है कि उन्हें देश के रक्षकों के लिए रक्षा सूत्र बनाने का अवसर राष्ट्र रक्षा मिशन के माध्यम से मिला।