आज 07 जनवरी 2025 का मौसम पूर्वानुमान :
उत्तर प्रदेश के कुछ भागों तथा पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली, ओडिशा के कुछ भागों में घने से बहुत घना कोहरा छाए रहने की संभावना है, तथा हिमाचल प्रदेश, बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम के कुछ भागों में रात्रि/सुबह के समय घना कोहरा छाए रहने की संभावना है।
उत्तर प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर शीत दिवस से लेकर अत्यधिक शीत दिवस की स्थिति रहने की संभावना है;
राजस्थान के अलग-अलग स्थानों पर शीत दिवस की स्थिति रहने की संभावना है।
सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में अलग-अलग स्थानों पर ओलावृष्टि और बिजली गिरने की संभावना है; नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में अलग-अलग स्थानों पर बिजली गिरने की संभावना है।
सोमालिया तट और उससे सटे दक्षिण-पश्चिमी अरब सागर, कोमोरिन क्षेत्र और मन्नार की खाड़ी के ऊपर 45 किमी प्रति घंटे से 55 किमी प्रति घंटे की गति से तेज़ हवाएँ चलने की संभावना है। मछुआरों को इन क्षेत्रों में न जाने की सलाह दी जाती है।
11-13 जनवरी के दौरान एक और पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में पहुंचने की संभावना है। इससे पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड, दिल्ली एनसीआर और जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों में मध्यम से तीव्र वर्षा होगी।
दिल्ली का मौसम पूर्वानुमान: अगले सप्ताहांत (10 से 12 जनवरी 2025) के दौरान बादल छाए रहने और छिटपुट बारिश की संभावना है। वहीं, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नए साल की पहली मापने योग्य बारिश दर्ज हो सकती है। बारिश के इस दौर से पहले मौसम ठंडा, हवा से भरा और धुंधला हो जाएगा।
उत्तर भारत में ठंड के बीच बारिश और ओलावृष्टि, फसलों को हो सकता है नुकसान
भारत के उत्तरी मैदानों में इस सप्ताह के अंत में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से बेमौसम बारिश होने की संभावना है। बीते 24 घंटों में पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के कुछ हिस्सों में हल्की बिखरी हुई बारिश हुई है। यह बारिश पश्चिमी विक्षोभ की हलचल के कारण हुई है।
पश्चिमी विक्षोभ अब इस क्षेत्र से दूर जाना शुरू हो गया है। जैसे ही पश्चिमी विक्षोभ (मौसम प्रणाली) पीछे हटेगा वैसे ही बर्फ से ढके पहाड़ों से सूखी और ठंडी हवाएं उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के भागों में चलेंगी। जिससे न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट आएगी।
नए पश्चिमी विक्षोभ के कारण बदलेगा मौसम: आने वाले दिनों में मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा, क्योंकि एक और पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय की ओर बढ़ रहा है। यह मौसम प्रणाली (पश्चिमी विक्षोभ) उत्तर राजस्थान और उससे सटे पंजाब और हरियाणा में प्रेरित चक्रवातीय परिसंचरण को सक्रिय करेगी।
इस प्रणाली के प्रभाव से उत्तर राजस्थान में सबसे पहले बारिश और गरज-चमक की गतिविधियां शुरू होंगी। धीरे-धीरे यह गतिविधियां पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली एनसीआर के कई हिस्सों में फैलेंगी।
ओलावृष्टि से फसलों को खतरा: गरज-चमक के साथ ओलावृष्टि की संभावना भी बनी हुई है। अगर ऐसा होता है, तो ओलावृष्टि खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा सकती है, विशेषकर जो फसलें विकास के चरण में हैं। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों को सतर्क रहने की जरूरत है, जिससे इस कठोर मौसम में होने वाले नुकसान को कम किया जा सके।