400+ लड़कियों के Video बना पोर्न साइट पर डाला, कमाए 22 करोड़, मियाँ-बीवी चला रहे थे रैकेट, ED की छापेमारी
ब्यूरो रिपोर्ट
नोएडा में ED की छापे मारी में सनसनी खेज खुलासा हुआ है। यहाँ उज्जवल किशोर और नीलू श्रीवास्तव नाम की पति-पत्नी की जोड़ी पिछले पाँच साल से एक कोठी में गंदा धंधा चला रहे थे। इनका काम था सोशल मीडिया से लड़कियों को मॉडलिंग का लालच देकर पोर्न वीडियो बनाना और उसे साइप्रस की कंपनी टेक्नियस लिमिटेड को बेचना। ये कंपनी XHamster और Stripchat जैसी मशहूर पोर्न वेबसाइट्स चलाती है।
बता दे की जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जब नोएडा के सेक्टर-105 की इस कोठी में छापा मारा, तो सारा खेल खुल गया। इस रैकेट से इन्होंने 15.66 करोड़ रुपये कमाए और नीदरलैंड के एक गुप्त खाते में 7 करोड़ रुपये जमा किए। कुल मिलाकर 22 करोड़ से ज्यादा की कमाई का पता चला है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईडी की टीम जब कोठी में पहुँची, तो वहाँ 8 लाख रुपये नकद मिले और तीन मॉडल्स भी मौजूद थीं, जो शूटिंग कर रही थीं। इन मॉडल्स के बयान लिए गए हैं। दंपत्ति ने अपनी कंपनी ‘सबडिजी वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड’ के जरिए ये धंधा चलाया।
बाहर से देखने में लगता था कि ये विज्ञापन, मार्केट रिसर्च और जनमत सर्वेक्षण का काम करते हैं, लेकिन असल में ये विदेशी पोर्न साइट्स के लिए अश्लील कंटेंट बना रहे थे। सोशल मीडिया पर फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप के जरिए ये लोग मॉडल्स को ढूँढते थे। विज्ञापन में मॉडलिंग का झाँसा देकर लड़कियों को बुलाया जाता था। ज्यादातर मॉडल्स दिल्ली-एनसीआर से थीं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, नोएडा में पाँच साल में 400 से ज्यादा लड़कियों को इस धंधे में झोंका गया। वीडियो शूटिंग में हाफ फेस शो, फुल फेस शो और न्यूड जैसी कैटेगरी थीं। काम के हिसाब से मॉडल्स को पैसे मिलते थे, लेकिन कुल कमाई का सिर्फ 25% ही उन्हें दिया जाता। बाकी 75% ये दंपत्ति खुद रखते थे।
इनके खातों में विदेश से पैसे क्रिप्टो और अंतरराष्ट्रीय डेबिट कार्ड के जरिए आते थे। नीदरलैंड के खाते से भी इन्होंने भारत में नकदी निकाली। ईडी का कहना है कि ये FEMA कानून का उल्लंघन है, क्योंकि पोर्न से कमाई को सर्विस फीस बताकर छिपाया गया। इस रैकेट का नेटवर्क साइप्रस, यूरोप और अफ्रीका तक फैला था।
जाँच में पता चला कि उज्जवल पहले रूस के सेक्स सिंडिकेट से जुड़ा था। उसका तजुर्बा इस धंधे में काम आया। कोठी को दिल्ली के एक डॉक्टर से किराए पर लिया गया था और वहाँ स्टूडियो बनाया गया। शूटिंग के लिए कैमरे, लाइट्स और बाकी साजो-सामान तैयार रखे जाते थे। जब धंधा बढ़ा, तो इन्होंने सोशल मीडिया पर ऑडिशन की खबरें फैलाकर और लड़कियों को फँसाया।
इन मॉडल्स को मोटी कमाई का लालच दिया जाता, लेकिन हकीकत में उनका शोषण होता था। ईडी ने बैंक लेनदेन की जाँच शुरू की है और सूत्रों का कहना है कि जल्द ही और गिरफ्तारियाँ हो सकती हैं।