गायत्री प्रज्ञापीठ में श्री हनुमान जयंती के उपलक्ष में विशेष हवन
ब्यूरो रिपोर्ट
गायत्री परिवार ट्रस्ट गायत्री प्रज्ञापीठ सारणी में श्री हनुमान जयंती के उपलक्ष में विशेष हवन किया तथा भगवान सीताराम जी हनुमान जी महाराज के नाम विशेष आहुतियां समर्पित की इस कार्यक्रम का संचालन श्री राम किशोर मालवी, परिव्राजक एवं जी आर पांसे, द्वारा किया गया, हनुमान जयंती के उपलक्ष में बताया गया कि इसमहापर्व के परिपेक्ष में भोजन भंडारा ,चालीसा पाठ, सुंदरकांड तो आवश्यक है। लेकिन इससेभी अधिक आवश्यक है, भगवान का कार्य करना, हनुमान जी महाराज कहते थे? रामकाज कीनहे बिना मोहि कहा विश्राम ,,,कौन जानता हनुमान को ,कौन जानता राम ,अगर ना विश्वामित्र तपाकर उनसे लेते काम ,,राम और श्री राम एक है दुनिया जान ना पाई, दोनों ने ही एक तरह की रामायण दोहराई, यूं तो करने वाले करते भारी पूजा पाठ लेकिन प्रभु का काम न करते? करते ,कोरी बात, बात ही, बात ना देते साथ? भृम के भटकाव छोड़ो कुछ काम प्रभु का कर लो रे, लूटा रहा युग पुरुष सिद्धियां ,चाहे झोली भर लो रे? भर लो रे ?भर लो रे? भगवान का हर युग में एक ही कार्य होता है सद प्रवृत्ति संवर्धन, दुषप्रवृत्ति उन्मूलन, बुराई घटना अच्छाई बढ़ाना, जिस समय शरीर रूप से राक्षस रहे रावण ,कंस ,दुर्योधन दुशासन,जरासंघ ,अहिरावण, हिरण्यकश्यप तब भगवान ने तीर कमान तलवार सुदर्शन चक्र नाखूनों से राक्षसों को मारा लेकिन वर्तमान में उपज पड़े रावण अहिरावण ,अपने ही घर में, सूपनखाए नाच रही है जैक्सन के स्वर में, । वर्तमान में विकृत विचारों के रूप में दुर्बुद्धि दुर्भावना के रूप में आसुरी विचार मनुष्य के मन मस्तिष्क में चिंतन ,चरित्र ,व्यवहार में घुस गए हैं तो भगवान ने उसे ठीक करने के लिए विचार क्रांति अभियान के रूप में आए और जल प्रदूषण,वायु प्रदूषण विचार प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण दूर करने व्यक्ति निर्माण, परिवार निर्माण, समाज निर्माण ,बाल निर्माण, नारी जागृति अभियान , युवा जागरण, राष्ट्र जागरण, गौशालाओं का निर्माण, शिक्षा में नैतिक शिक्षा, श्रम के प्रति निष्ठा, नशा उन्मूलन पर्यावरण संवर्धन, निशुल्क संस्कारों की व्यवस्था,,जड़ी बूटियां से उपचार लघु उद्योग कुटीर उद्योग धंधे इत्यादि कार्यक्रमों के माध्यम से समस्त युग का कायाकल्प 5000 से अधिक शक्तिपीठ प्रज्ञा पीठ 40000 से अधिक महिला मंडल प्रज्ञा मंडल 80 देश में लगभग15 करोड़ का गायत्री परिवार भगवान राम के कार्य में अपना श्रम ,समय प्रतिभा ,धन ,बुद्धि, पुरुषार्थ लगाकर, सनातन संस्कृति की सीता को वापस लाने का पुरुषार्थ कर रहे हैं। यहीआज का युग,धरम है? वास्तव में भगवान राम का सच्चा कार्य है, परम पूज्य गुरुदेव वेद मूर्ति तपोनिष्ठ,पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने कहा है कि मेरा हर कार्यकर्ता हनुमान से कम स्तर का ना ,हो आज वर्तमान युग का, युग धर्म भी यही है चलो अश्लील चित्रों की हमें होली जलाना है, गिराई जा रही नारीत्व की गरिमा बचाना है,,हो रहा है संस्कृतिक सीता हरण? राम के हनुमान तुम क्यों मौन हो, क्यों मौन हो, आज हर हनुमान भक्त को राम राज्य की स्थापना के लिए व्यक्ति के अंदर देवत्व की स्थापना के लिए देवतव की अभिवृद्धि के लिए प्रयास करना ही राम राज्य की स्थापना सच्चा भगवान का कार्य है ,हनुमान जयंती के उपलक्ष में श्री फगणू गुलवासे एवं श्रीमती देवकी गुलवासे द्वारा खीर का प्रसाद वितरण किया गया इस अवसर पर श्री अविनाश ,कांति गुलबासे सुनील कुमार साहू, श्री महेश साहू, श्री योगेश साहू, श्री लक्ष्मीकांत माथनकर श्री गंगाधर धोटे, श्रीमती गीता मालवी, श्रीमती गीता, पचौरी, श्रीमती वर्षा , आदर्श गायत्री विद्यापीठ के शिक्षक शिक्षिकाएं एवं अन्य कार्यकर्ता भाई-बहन उपस्थित थे।