भैंसदेही में चल रही रामलीला को देखने दर्शकों की उमड़ रही भीड़
धनराज साहू तहसील ब्यूरो
भैंसदेही:— नगर के बाजार चौक में रामलीला मंडल द्वारा आयोजित रामलीला मंचन को देखने प्रतिदिन दर्शको की भारी भीड़ उमड़ रही है। रामलीला मंचन के सातवें दिन प्रभु श्रीराम सीता जी की खोज करते करते मातंग ऋषि के आश्रम में सबरी से मिलते है।
जो सबरी कई दिनों से श्रीराम के आने का इंतजार पलक पांवड़े बिछा कर कर रही थी भगवान श्रीराम के आने पर सबरी भगवान का स्वागत करती है। उन्हें बेर चख- चख कर खिलाती है भगवान श्रीराम की महिमा देखिए कि भक्ति में बंध जाने के बाद सबरी के झूठे बेर बड़े स्वाद से खाते है। इसे कहते है सबरी की अटूट भक्ति श्रीराम सबरी की भक्ति से प्रसन्न होकर सबरी को नवधा भक्ति प्रदान करते है जो इस संसार में हर किसी को आमतौर पर प्राप्त नहीं होती। श्रीराम सीता का पता पूछते है तब सबरी उन्हें पंपापुर पर रह रहे सुग्रीव का पता बताती है तब वहां से श्रीराम जी लक्ष्मण के साथ पंपापुर की ओर जाते है। उनके जाते ही सबरी अपने प्राण त्याग देती है ।
पंपापुर पहुंचते ही उनकी मुलाकात हनुमान जी से होती है जो श्रीराम की मित्रता सुग्रीव से कराते है। मित्रता होने पर सुग्रीव भाई बाली द्वारा उन पर किए गए अत्याचार को विस्तार पूर्वक बताते है कि प्रभु मेरी पत्नी को बाली ने अपने पास रख लिया है और मैं उसके सामने नहीं जा सकता क्योंकि भाई बाली को ब्रह्मा का वरदान है कि जो कोई भी उसके सामने जायेगा उसका बल आधा हो जाएगा। तब श्रीराम सुग्रीव को बाली से युद्ध करने के लिए कहते है सुग्रीव युद्ध करने से मना कर देता है और कहता है कि मुझे विश्वास नहीं है कि आप बाली को मार पाओगे जो इन सात ताड के वृक्षों को जो एक बाण में गिराएगा वह विजय बाली पर पाएगा। प्रभु ताड के वृक्षों को एक ही बाण में गिराकर सुग्रीव की शंका को दूर करते है तब बाली और सुग्रीव में युद्ध होता है इसी समय श्रीराम छिपकर बाली को मारते है तब बाली कहता है कि आप तो भगवान हो फिर मुझे छिपकर क्यों मारा मै बैरी और सुग्रीव प्यारा फिर मुझे क्यों मारा बाली को श्रीराम समझाते है कि तुम्हे प्राप्त वरदान का सम्मान करते हुए तुम्हे छिपकर मारा है। तुमने छोटे भाई की पत्नी को अपने पास रखा ये अन्याय है इसलिए तुम्हारे साथ ये हुआ। बाली अपने पुत्र अंगद को श्रीराम को सौंपते है और प्राण त्याग देते है।सुग्रीव भाई बाली का अंतिम संस्कार करता है उसके बाद लक्ष्मण जी सुग्रीव का राजतिलक करते है। रामलीला मंडल के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता संजय तिवारी एवं समिति के अन्य सदस्यों के कुशल निर्देशन में सबरी का अभिनय जाने माने कलाकार श्रीराम बारस्कर के द्वारा किया गया। बाली का अभिनय शुभम् तिवारी द्वारा एवं हनुमानजी का अभिनय अतुल ठाकुर द्वारा किया जा रहा है सुग्रीव का अभिनय राहुल पाटनकर के द्वारा किया गया है । दर्शकों को सहयोग कर्ता एवं रामलीला मंडल की तरफ से रोज रात्रि 12 बजे फलाहारी खिचड़ी बाटी जा रही है दर्शकों द्वारा रामलीला के सफल संचालन व इस पुनित कार्य की दिल से तारीफ की जा रही है।