लोक अदालत में कुल 24341 मामलों का हुआ निराकरण
ब्यूरो रिपोर्ट
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अमिताभ मिश्रा द्वारा मॉं सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण कर नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम में जिला न्यायाधीश/सचिव श्रीमती आरती शर्मा, विशेष जिला न्यायाधीश श्री राजर्षि श्रीवास्तव, अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय, जिला न्यायालय भोपाल के सभी न्यायाधीशगण, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त भोपाल श्री पंकज श्रीवास्तव, अपर कलेक्टर श्री अंकुर मेश्राम, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री दीपक खरे एवं जिला अभिभाषक संघ भोपाल के सदस्यगण एवं जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री अभय सिंह उपस्थित रहे। नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया जिसमें कुल 60 खण्डपीठों का गठन किया गया।
नेशनल लोक अदालत के उद्घाटन अवसर पर विद्यादायिनी इंस्टीट्यूट भोपाल के विधि विद्यार्थियों द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के समन्वय से सामाजिक कुरूतियों एवं समाज के विचारो को लेकर नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति दी। नेशनल लोक अदालत में जिला न्यायालय भोपाल के प्रवेश द्वार स्थित हॉल में विधि विद्यार्थियों द्वारा रंगोली बनायी गयी तथा विधिक सेवा प्राधिकरण की समस्त योजनाओं के प्रिंट लगाकर आमजन को बताया गया साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की योजनाओं के पेम्पलेट वितरित किये गये।
नेशनल लोक अदालत में कुल निराकृत प्रकरणों की संख्या 24341, लंबित रेफर्ड प्रकरणों की कुल संख्या 16227, निराकृत लंबित प्रकरणों की कुल संख्या 1938, प्री-लिटिगेशन रेफर्ड प्रकरणों की कुल संख्या 52560, निराकृत प्री-लिटिगेशन प्रकरणों की कुल संख्या 22403, चेक बाउंस से संबंधित निराकृत कुल प्रकरणों की संख्या 495, मोटर दुर्घटना दावा से संबंधित निराकृत कुल प्रकरणों की संख्या 405, आपराधिक राजीनामा योग्य प्रकरणों की संख्या 461, पारिवारिक प्रकरणों की संख्या 116, बैंक रिकवरी के प्रकरणों की संख्या 216,व्यवहार वाद के प्रकरणों की संख्या 60, विद्युत अधिनियम के प्रकरणों की संख्या 367,श्रम विभाग से संबंधित प्रकरणों की संख्या 10, यातायात नियमों के उल्लघन संबंधी ई-टैफिक चालान 734, जलकर एवं सम्मपति कर संबंधी प्रकरणों की संख्या 20858 अन्य प्रकरणों की संख्या 444 रविवार को आयोजित नेशनल लोक अदालत में अभी तक प्राप्त आकंड़ो के अनुसार कुल निराकृत प्रकरणों की संख्या 24341, नेशनल लोक अदालत में कुल अवार्ड राशि 40 करोड़ 65 लाख 28 हजार 801 अधिक की राशि जिला भोपाल में नेशनल लोक अदालत के माध्यम से प्रीलिटिगेशन के टैफिक-ई चालान जमा करने की सर्वप्रथम शुरूआत की गयी जिसे प्रदेश के सभी महानगरों में टैफिक-ई चालान के प्रीलिटिगेशन प्रकरण नेशनल लोक अदालत में रखे जाने लगे ।
लोक अदालत के सफल आयोजन में जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, अधिवक्तागण, कर्मचारीगण, न्यायाधीशगण का भरपूर सहयोग रहा। विद्युत न्यायालय शैलजा गुप्ता के न्यायालय में अभियुक्त द्वारा अपने प्रकरण में 7,62,104 रूपये की राशि मध्य प्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड पश्चिम संभाग में जमा कर अपने प्रकरण का निराकरण कराया गया। कुटुम्ब न्यायालय के प्रकरण में आवेदिका का विवाह वर्ष 2020 में अनावेदक से हुआ था। विवाह के पश्चात पति – पत्नी के मध्य अत्यधिक लड़ाई झगड़ा, मन मुटाव होने से अनावेदक बगैर किसी सूचना के अपनी पत्नी आवेदिका को घर पर छोड़कर बिना बताये कही चला गया। उक्त संबंध आवेदिका द्वारा अपने पति की गुमशुदा की रिपोर्ट दर्ज करायी गयी और 125 का भरण पोषण का आवेदन कुटुम्ब न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। आवेदिका एवं अनावेदक आज दिनांक को आयोजित नेशनल लोक अदालत में न्यायालय न्यायाधीश श्रीमती वर्षा शर्मा द्वितीय अतिरिक्त प्रधान न्यायालय कुटुम्ब न्यायालय भोपाल के समक्ष उपस्थित हुये जिसमे न्यायाधीशगण द्वारा सुलह समझौता के माध्यम से पक्षकारो के मध्यम राजीनामा कर प्रकरण का निराकरण किया गया। प्रकरण प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अमिताभ मिश्र द्वारा पति-पत्नी को उपहार स्वरूप फलदार पौधा दिया गया। मोटर दुर्घटना के एक प्रकरण में हुआ एक करोड़ 86 लाख रूपये का मुआवजा राशि का भुगतान।
नेशनल लोक अदालत के माध्यम से गठित खण्डपीठ न्यायाधीश श्री अजय नील करोठिया के न्यायालय में मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के एक प्रकरण में दुर्घटना में मृत्यु हो जाने से आई.सी.आई.सी.आई लोम्बार्ड कंपनी द्वारा1,86,00000/-रूपये की मुआवजा राशि का भुगतान किया गया। प्रकरण में कंपनी अधिवक्ता श्री ओ.पी. श्रीवास्तव, पक्षकार अधिवक्ता कृष्णा प्रजापति, अशोक दुबे रहे । न्यायालय न्यायाधीश श्री संतोष कोल साहब के न्यायालय में लंबित एक प्रकरण में यूनाईटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी द्वारा नेशनल लोक अदालत मे एक ही दुर्घटना से संबंधित प्रकरणों में 83,70,000/- रूपये का दोनों पक्षकारो की सहमति से निराकरण किया गया। प्रकरण में आवेदक की ओर से अधिवक्ता श्री मनीष द्विवेदी एवं कंपनी की ओर से अधिवक्ता श्री अरूण सिंह परिहार द्वारा पैरवी की गई।