अतिक्रमण की करवाही से पीड़ित गुमठी धारियो ने किया अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन
विशाल भौरासे की रिपोर्ट
बैतूल जिला मुख्यालय के सबसे बड़े कॉलेज जयवंती हाक्सर महाविद्यालय के सामने शहर से अतिक्रमण हटाए जाने की करवाही के बाद से बेरोजगार गुमठी धारक एक साथ आ कर जमकर विरोध करने लगे हैं। रोजगार से वंचित गुमठी धारक इन दिनों काफी परेशानी और आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं अतिक्रमण हटाने के बाद उनके सामने उनके जीवन जीने के लिए संकट सा आ गया है अतिक्रमणकारियों ने शासन प्रशासन से मांग कि है कि वह उन्हें उचित स्थान देकर उन्हें रोजगार देने का काम करें। जिसको लेकर इन गुमठी धारकों ने कई बार जिला प्रशासन को ज्ञापन भी दिए है परंतु प्रशासन में बैठे तनाशाह अधिकारियों ने उनकी एक ना सुनी।
जिसके बाद इन गुमठी धारक कॉलेज के सामने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए अनिश्चितकालीन हड़ताल की खबर सोशल मीडिया पर वायरल होते ही देर रात कांग्रेस नेत्री प्रेणा शर्मा धरना स्थल पर पहुंची। और उन्होने प्रदर्शनकारी गुमठी धारकों का संबल बढ़ाया और गरीब लाचार युवाओं का दर्द सुना उन्होंने शासन प्रशासन व स्थानीय नेता पर निशाना साधते हुए कहा प्रदेश की तनाशाह सरकार को रोजगार हटाने से पहले रोजगार देने की सोच रखना चाहिए। आज की युवा पीढ़ी को इस तरह बेरोजगार करना गरीबों पर जुल्म करना विकास थोडी है।हमारे जिले बैतूल के लिए बड़े ही दुर्भाग्य की बात है केंद्रीय मंत्री डीडी उईके विधायक हेमन्त खंडेलवाल जो वर्तमान में लोकसभा चुनाव के मध्य प्रदेश प्रभारी रहे हैं उनके निवास से महज कुछ ही दूरी
पर जयवंती हासकर माहा विद्यालय के सामने बैतूल में अतिक्रमण की करवाही से पीड़ित गुमठी धारकों ने तंभू गाड़ कर स्थानीय नेता व जिला प्रशासन के इस तना शाह रवए के खिलाफ़ धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया धरने पर बैठे गुमठी धारकों से जब हमारी बात हुई तो उन्होंने बताया कि हम अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिय सड़क के किनारे अस्थाई दूकान लगा कर अपनी जीविका चला रहे थे। परंतु बैतूल जिले में विकाश के नाम पर कुछ महिने से गरीबों को परेशान किया जा रहा है। पूरे शहर में विकास के नाम पर ताबड़तोड़ अतिक्रमण की कार्यवाही प्रशासन और स्थानीय नेताओं के द्वारा की जा रही है। और हम जिस कॉलेज के सामने धरना प्रदर्शन कर रहे हैं हमने उसी कॉलेज में पढ़ाई इसलिए की थी कि हमें सरकार रोजगार देगी परंतु दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि इतनी पढ़ाई लिखाई करने के बावजूद भी जब हमें रोजगार नहीं मिला तो हमने अपनी जीविका चलाने के लिए सड़क के किनारे गुमठिया लगाई थी परंतु आज पूरे शहर से अतिक्रमण के नाम पर गुमठी हटा कर गरीबों को आर्थिक रूप से खत्म किया जा रहा है। हमारी आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत भी नहीं है कि हम किराए से दुकान लेकर चला सके अतिक्रमण की कार्रवाई के खिलाफ हम स्थानीय नेता एवं प्रशासन से लगातार कई बार गुहार लगा चुके हैं कि हमें कहीं स्थापित किया जाए जिससे कि हम अपने व अपने परिवार का भरण पोषण सही तरीके से कर पाए ।
एक तरफ तो देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी युवाओं को सशक्त बनाने स्वनिधि योजना चला रहे हैं। और इस योजना के के अंतर्गत बेरोजगार युवाओं को रोजगार करने ऋण दिया जा रहा है। परंतु बैतूल जिले का दुर्भाग्य है कि देश के प्रधानमंत्री द्वारा संचालित योजना का लाभ लेने के बाद भी स्थानीय प्रशासन हमें रोजगार करने से अछूत करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा। धरने पर बैठे गुमटी धारक सागर करकरे, सुरेंद्र महाले,का कहना है की हम लोग अतिक्रमण की कार्यवाही से परेशान होकर स्थानीय विधायक हेमंत खंडेलवाल से कई बार गुहार लगा चुके हैं। उनका कहना है की विधायक जी ने गुमठी धारकों को अस्वश्न भी दिया था की लोकसभा चुनाव की आचरण संहिता खत्म होते ही वह गुमठी धारकों की समस्या का समाधान करेंगे । आचरण संहिता लागू होने के कारण जिला प्रशासन उनकी बात को अनसुना कर रही है।
पीड़ित गुमठी धारको की पीड़ा मंत्री जी भी नहीं ले रहे हमारे हाल चाल
और अब तो मोदी सरकार ने बैतूल जिले के सांसद दुर्गादास उइके को केंद्रीय मंत्री भी बना दिया जिससे बैतूल का नाम पुरे देश में हो गया। परन्तु मंत्री बनने के बाद भी दुर्गादास उइके ने हम गुमठी धारकों के हाल चाल तक नहीं पूछे। जिससे हम आहत हुए हैं। और हम ने संकल्प लिया है की जबतक हम सभी गुमठी धारकों की समस्या का निराकरण नहीं हो जाता हम सरकार के स्थानीय नेता और प्रशासन का विरोध करेंगे। और धरना प्रदर्शन प्रारंभ रखेंगे।