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जलावर्धन योजना में  लक्ष्मी कंस्ट्रक्शन बिना रॉयल्टी रेत से किया जा रहा भंडार

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ब्यूरो रिपोर्ट

सरणी नगर पालिका क्षेत्र में 100 करोड़ से भी अधिक की लागत से कछुए की गति से चल रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी और महत्वाक्षाँशी जलावर्धन योजना में काम करने वाली कंपनी लक्ष्मी कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा प्रोजेक्ट में कई गंभीर अनियमितताएं लगातार जारी है। तय  समय के गुजरजाने के बाद भी कंपनी की नियमों को ताक पर रख कर कारगुजारी जारी है। लेकिन प्रशासनिक नहीं होने से आम जनता को रोज दो चार होना पड़ता है।

वही अब कंपनी सरकार के राजस्व को भी चुना लगाती नजर आ रही है। कंपनी लगातार रेत का भंडारण कर रही है जिसकी रॉयल्टी के बारे में पूछने पर मैनेजर रमेश बड़वाई ने बताया कि कंस्ट्रक्शन में रेत का लगना तो उचित है ही लगेगी ही मगर इसके रॉयल्टी की जानकारी मैं ऑफिस पहुंचने के बाद ही दे पाऊंगा तीन दिन का समय मांगा था उन्होंने 3 दिन में भी रॉयल्टी की जानकारी देने से चूक गए।

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जलावर्धन विभाग के अधिकारी के संरक्षक में देखने में आया है की कैलाश नगर में बनी पानी की टंकी के भीतर ग्राउंड में रेत का भंडारण किया गया है।

नगर पालिका परिषद सारनी द्वारा बनाई गई पानी की टंकी के ग्राउंड में सैकड़ो घन मीटर रेत का डंप देखा गया।
नियमानुसार जो 50 घन मीटर रेत स्टॉक की जानी चाहिए थी वह स्टॉक होकर खत्म हो जाती है दूसरी 50 घन मीटर रेत फिर आ जाती है ।

ऐसे ही करके सैकड़ो ट्रैक्टर और ट्राली से रेत का भंडारण किया जा रहा है, जबकि मनीष पालीवाल खनिज विभाग अधिकारी ने ज्ञात कराया है कि अभी एकमात्र लोनिया खदान जो कुछ दिनों में चालू होने वाली है मगर सारनी क्षेत्र के आसपास किसी भी खदान का चालू होना नहीं देखा जा रहा है।

फिर भी रोज तेंदूखेड़ा खदान से दिनदहाड़े और रातों-रात ट्रैक्टर ट्राली के माध्यम से पूरे शहर भर में कंस्ट्रक्शन के काम में ट्रालियों से रेत भरकर शहर में पहुंच रही है खनिज अधिकारी नागवंशी से चर्चा करने पर उन्होंने बताया था अभी जिले की दूसरी ओर कार्रवाई करने पहुंचे है आपके क्षेत्र में भी कार्यवाही करेंगे।

 मगर सारनी नगर पालिका क्षेत्र में अब तक विभाग के अधिकारी नागवंशी की कार्रवाई करने में कामयाबी हासिल नहीं कर पाना राजस्व को लाखों रुपए का चुना लगाना दोनों में ही माहिर साबित हो रहे हैं ।

रेत माफिया के  हौसले बुलंद 

रेत माफिया का हौसला इतना बुलंद है कि प्रशासन की नाक के नीचे से रोज की रोज रात और दिन में खुलेआम धड़ल्ले से रेत का व्यापार करते हुए देखे जा रहे हैं, ट्रैक्टर ट्रालियों के पेपर भी कंप्लीट नहीं देखे जा रहे हैं फिर भी धड़ल्ले से फर्राटे मार कर ट्रैक्टर स्थानीय कंस्ट्रक्शन में एवं जल आवर्धन योजना के अंतर्गत होने वाले काम पर रेत पहुंचाई जा रही है ।जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ कार्रवाई की बात करते हैं ,मगर अब तक सारनी क्षेत्र में कार्रवाई करने में अधिकारी असमर्थ  है।

जिससे प्रशासन के मापदंड के अनुसार अब तक लाखों रुपए का राजस्व का नुकसान हो चुका है और आगे भी होता रहेगा।  इस नुकसान की आखिर जिम्मेदारी कौन लेगा ..?

आखिर जिम्मेदार है कौन

बैतूल जिला कलेक्टर को भी लिखित पत्र के द्वारा जानकारी प्राप्त है मगर जिला प्रशासन की ओर से भी अब तक दंडात्मक कार्रवाई होने से बच रहे हैं रेत माफिया , हमारे क्षेत्र से लाखों घन मीटर रेत का चोरी कर राजस्व काे  बेजा नुकसान पंहुचा  रहे  है। इन माफिया लोगों की काली कमाई गोरी हो रही है मगर कोई देखने सुनने वाला नहीं है। भ्रष्टाचार चरम सीमा लांघ गया है फिर भी प्रशासन आखिर मौन क्यों है ये सोच का विषय है। की आखिर किसकी संरक्षण में ये पूरा गोरख धंधा पनप रहा है।

इनका कहना है –

*डबल्यू आर की रशीद काटकर रेत का आना बताया गया है ।
जलावर्धन अधिकारी रमेश बड़वाईक

*डबल्यू आर की रसीद हमारे विभाग द्वारा नहीं दी जाती है अगर रॉयल्टी देकर रेत लाई जा रही हो तो ठीक है बाकी सभी रेट अवैध उत्खनन के दायरे में आती है।
खनिज अधिकारी भगवंत नागवंशी

*रेत डंप की जानकारी अधिकारी को सूचना दे कर आपकी बताई हुई जगह पर कार्रवाई करने के लिए अधिकारी को भेज रहे हैं।
बैतूल खनिज अधिकारी मनीष पालीवाल

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