नया खुलासा – फूफा-बुआ के षड्यंत्र में फंसा बेटा, साजिश से जलाई गई बहू
विशाल भौरासे की रिपोर्ट
पाथाखेड़ा क्षेत्र में विवाहिता की जलने से मौत के मामले में आरोपी के पिता ने किया नया खुलासा, एसपी को सौंपा आवेदन
बैतूल। पाथाखेड़ा क्षेत्र में विवाहिता की जलने से मौत के मामले में आरोपी के पिता ने इस घटना में सनसनीखेज खुलासा किया है। गौरतलब है कि विवाहिता पायल दांगी की जलने की घटना ने पूरे जिले में सनसनी फैला दी है। सोमवार 15 जुलाई को इस घटना ने नया मोड़ ले लिया है। आरोपी पति चन्द्रदेव बिहारे के पिता शंकरलाल बिहारे ने पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर अपने बेटे की बेगुनाही के लिए कई तथ्यों का खुलासा किया है।
शंकर लाल के अनुसार उनकी बहू के फूफा नरेन्द्र जगदेव और बुआ वर्षा दांगी ने मिलकर इस षड्यंत्र को अंजाम दिया है।
शंकरलाल का दावा है कि चन्द्रदेव और पायल ने 6 जून 2023 को अपनी मर्जी से शादी की थी, जिसके बाद से ही नरेन्द्र और वर्षा इस शादी के खिलाफ साजिश रचने लगे। उन्होंने पायल को पाथाखेड़ा बुलाकर फर्जी शिकायत दर्ज कराई और चन्द्रदेव को इस मामले में फंसा दिया। शंकरलाल ने पुलिस से निष्पक्ष जांच की मांग की है ताकि उनके निर्दोष बेटे को न्याय मिल सके।
शंकरलाल बिहारे ने बताया कि शादी के बाद चन्द्रदेव और पायल भोपाल में अशोका गार्डन में रह रहे थे। शंकरलाल की छोटी बेटी तरूणा बिहारे भी उनके साथ रहती थी। उसने बताया कि इन नौ महीनों में दोनों के बीच कभी कोई झगड़ा नहीं हुआ। लेकिन नरेन्द्र और वर्षा लगातार पायल को फोन पर शादी तोड़ने के लिए उकसाते रहे।
तरुणा बिहारे युवक की बहन
चार अप्रैल 2024 को, नरेन्द्र और वर्षा ने षड्यंत्र रचकर पायल को पाथाखेड़ा बुलाया। पायल ने मकान मालिक से झूठ बोलकर चार बड़े बैगों में जेवरात और नगद राशि लेकर पाथाखेड़ा चली गई। चन्द्रदेव को जब यह पता चला, तो उसने तुरंत अशोका गार्डन थाने में शिकायत दर्ज कराई।पायल के पाथाखेड़ा पहुंचने के बाद, नरेन्द्र और वर्षा ने सारनी थाने में झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई कि चन्द्रदेव पायल को मारता-पीटता है। पुलिस ने चन्द्रदेव को बुलाकर बयान लिया और छोड़ दिया।
शंकर लाल बिहारे युवक के पिता
इसके बाद, 8 जुलाई 2024 को पायल के जलने की घटना घटी। लेकिन उस समय चन्द्रदेव भोपाल में था। शंकरलाल ने बताया कि 8 जुलाई की रात 12 बजे पुलिस फोर्स उनके घर आई और चन्द्रदेव के बारे में पूछताछ की। चन्द्रदेव भोपाल में था और उसने पोस्ट ऑफिस से पायल को नोटिस भी भेजा था।
पुलिस ने चन्द्रदेव को गिरफ्तार कर लिया, जबकि घटना के समय वह भोपाल में था। शंकरलाल बिहारे ने पुलिस अधीक्षक से निष्पक्ष जांच की मांग की है और कहा कि उनके बेटे को बेवजह फंसाया जा रहा है। उन्होंने सच्चाई सामने लाकर चन्द्रदेव को न्याय दिलाने की अपील की है।
१.मेडिकल स्टोर से लिया गया सीसीटीवी फुटेज घटना की रात युवक भोपाल में था इस फुटेज में 22 बज कर 9 मिनट पर दूकान के सामने से गुजरता युवक।
2 सारणी थाने से रात लगभग घटना के ठीक बाद 11 :30 बजे पुलिस ने युवक के पिता को पूछताछ हेतु घर से ला थाने में बिठाया। इसी दौरान पिता ने पुत्र को थाना प्रभारी और एसडीओपी से सामने कॉल किया। जिसे एसडीओपी रोशन जैन के निर्देश पर अशोका गार्डन थाने में हाजिर होने को कहा गया। और युवक अपनी छोटी बहन को ले कर महज 15 मिनट में पंहुच गया। जब तक उसे ये भी नहीं मालुम था का मामला क्या है। पुलिस यदि अशोका गार्डन थाने के सीसीटीवी फुटेज देखे तो मामला बहुत कुछ साफ़ हो सकता है।