के.सी.सी. खाते पर अधिक ब्याज वसूलने का आरोप, कलेक्टर से शिकायत
विशाल भौरासे की रिपोर्ट
के.सी.सी. खाते पर अधिक ब्याज वसूलने का आरोप, कलेक्टर से शिकायत
आवेदक रामप्रसाद बावने ने भारतीय स्टेट बैंक शाखा प्रभात पट्टन के खिलाफ की शिकायत
बैतूल। भारतीय स्टेट बैंक शाखा प्रभात पट्टन पर नियम विरुद्ध ब्याज वसूलने का गंभीर आरोप लगाते हुए आवेदक रामप्रसाद बावने ने कलेक्टर से शिकायत की है। उनका आरोप है कि उनके के.सी.सी. खाते पर बैंक ने निर्धारित सीमा से अधिक ब्याज वसूला है।
क्या है मामला?
रामप्रसाद बावने, निवासी प्रभात पट्टन, ने अपनी शिकायत में बताया कि उनकी मां कौशीबाई का के.सी.सी. खाता भारतीय स्टेट बैंक, प्रभात पट्टन शाखा में संचालित है। इस खाते की लिमिट 1 लाख 45 हजार रुपये है। शाखा प्रबंधक ने पिछले वर्ष 18 हजार रुपये सालाना ब्याज की राशि बताई थी, लेकिन इस वर्ष बैंक द्वारा 39 हजार रुपये सालाना ब्याज की राशि मांगी गई है। बैंक ने कुल 1,83,120 रुपये की राशि बताई है, जो नियमों के विरुद्ध है।
— सूचना के अधिकार के तहत जानकारी न मिलने का आरोप–
रामप्रसाद बावने ने 18 अप्रैल 2023, 2 जून 2023 और 24 जुलाई 2023 को सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की धारा (6) (1) के तहत जानकारी मांगी थी, लेकिन उन्हें आज तक कोई जानकारी नहीं मिली है।रामप्रसाद ने कलेक्टर से निवेदन किया है कि उनकी मां कौशीबाई के के.सी.सी. खाते पर 39,000 रुपये सालाना ब्याज किस नियम के तहत लगाया गया है, इसकी विस्तृत जानकारी उन्हें प्रदान की जाए। उन्होंने इस शिकायत के साथ 18 अप्रैल 2023 के आवेदन, सूचना के अधिकार के आवेदन की प्रतियाँ और 18 मार्च 2024 के बैंक स्टेटमेंट की छायाप्रति संलग्न की हैं। उल्लेखनीय है कि शाखा प्रबंधक द्वारा सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी नहीं दी गई है, जो खुद एक गंभीर मुद्दा है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि यदि बैंक ने बिना उचित कारण और सूचना के अतिरिक्त ब्याज वसूला है, तो यह ग्राहकों के अधिकारों का उल्लंघन है। यह मामला ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी का प्रतीक हो सकता है। ग्राहकों को उनके अधिकारों से वंचित करना और अनावश्यक रूप से वित्तीय बोझ डालना एक गंभीर अपराध है, जिसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए।