पितृ मोक्ष अमावस्या को किया सामूहिक साध्य तर्पण नवरात्रि में करेंगे अनुष्ठान साधना
भारती भूमरकर
सारणी स्थानीय गायत्री विद्यापीठ में पितृ पक्ष अवधि में अनेक नागरिकों ने अपने-अपने दिवंगत परिजनों को की स्मृति में श्राद्ध तर्पण किया ।गायत्री प्रज्ञापीठ सारणी द्वारा यह आयोजन प्रतिवर्ष निशुल्क कराया जाता है। पितृमोक्ष अमावस्या को अंतिम दिन अधिक संख्या में लोग तर्पण के लिए पहुंचे। तर्पण संस्कार के बाद सभी ने यज्ञ में दिवंगत आत्माओं की तृप्ति, शांति और सद्गति के लिए विशेष आहुतियां दी। तर्पण संस्कार के दौरान प्रज्ञा पीठ के मुख्य प्रबंधक श्री गुलाबराव पांसे ने कहा कि पितरों की स्मृति में एक बुराई छोड़ने और एक अच्छाई ग्रहण करना चाहिए और वृक्षारोपण करना चाहिए मंदिर और समाज सेवा के लिए समयदान व अंशदान देना चाहिए पूर्वजों की स्मृति में इस तरह के अच्छे कार्य करने से पितृ लोक में स्थित पूर्वजों की आत्माएं संतुष्ट होती है उनकी सद्गति होती है और हमें भी उनके सूक्ष्म आशीष मिलते हैं ।
श्री पांसे ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती के अवसर पर उन्हें याद किया और उनके महान व्यक्तित्व से सम्बन्धित प्रेरक प्रसंग भी बताएं यज्ञ के पश्चात् सभी ने मिलकर मंदिर में स्वच्छता के लिए श्रमदान किया।
उन्होंने बताया कि सभी गायत्री साधक परिजन नवरात्र में सभी के लिए सद्बुद्धि और सबके उज्ज्वल भविष्य के लिए 24000 गायत्री महामंत्र जप का नौ दिवसीय लघु अनुष्ठान करेंगे तथा दुर्गानवमी तक प्रतिदिन प्रातः 6 बजे से सायं 6 बजे तक अखण्ड जप चलेगा अन्तिम दिन पंचकुंडीय महायज्ञ में अनुष्ठान पूर्णाहुति होगी।
गायत्री परिवार ट्रस्ट सारणी के सहायक प्रबंध ट्रस्टी रामराव सराटकर, कोषाध्यक्ष
योगेंद्र ठाकुर ट्रस्टी प्रशांत पानसे, संजीव त्रिपाठी,मीरा गावंडे, राधा चिल्हाटे, कांति गुलवासे, वंदना साहू तथा देवालय समन्वयक प्रमिला पांसे ने सभी धर्म प्रेमी नागरिकों से साधनात्मक आयोजन में भाग लेकर पुण्य लाभ लेने का अनुरोध किया है।