जरूरतमंदों को ठंडी से बचने हेतु वितरित किए कम्बल श्री योग वेदांत सेवा समिति ने की सेवा
ब्यूरो रिपोर्ट
बैतूल। शहर में कड़ाके की ठंड पड़ रही है मंगलवार व बुधवार की रात्रि पारा 11 डिग्री से भी कम था शहर की जनता रात्रि 11 बजे के बाद अपने अपने घरों में कम्बल, रजाई ओढक़र नींद की आगोश में थी ऐसे में शहर की सुनसान सडक़ों पर ठंड से ठिठुरते यदि कोई पड़े थे तो वें जरूरतमंद जिनका अपना न तो कोई आशियाना था और न ही खाने पीने का कोई ठिकाना। ऐसे ही हालातों से मजबूर, एक जरूरतमंद मजदूर की मंगलवार रात्रि में टीबी की बीमारी और ठंड में मौत हो गई।
इस दुखद घटना से व्यथित होकर श्री योग वेदांत सेवा समिति बैतूल के संरक्षक राजेश मदान ने तत्काल समिति के साधकों को साथ लेकर कंबल वितरण की सेवा करते हुए बताया कि सबका मंगल सबका भला करने वाले पूज्य संत श्री आशारामजी बापू की सत्प्रेरणा से श्री योग वेदांत सेवा समिति बैतूल के तत्वावधान में बुधवार रात्रि 9 बजे से 12 बजे तक शहर में घूम घूमकर देखा कि गंज चौक, रेलवें स्टेशन, गंज बस स्टेंड, रैन बसेरा, बस स्टेंड कोठीबाजार, लल्ली चौक और शनि मंदिर के पास दर्जनों जरूरतमंद ठंड से ठिठुरते हुए मिले। जिन्हें ठंड से बचने के लिए गर्म कम्बल वितरित किए गए। गंज बस स्टेंड के सामने एक जरूरतमंद तो सडक़ किनारे रखी गर्म राख के पास भूखा प्यासा, बिना कुछ ओढ़े सोया पड़ा ठंड से कराह रहा था जिसे साधकों ने उठाकर गर्म कम्बल के साथ स्वल्पाहार देकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।
कडक़ड़ाती ठंड में गर्म कम्बल पाकर जरूरतमंदों के चेहरे खुशी से खिल उठे। श्री मदान ने बताया कि वैसे भी समिति द्वारा पूज्य बापूजी की सत्प्रेरणा से हर वर्ष दीपावली के कुछ दिन पूर्व दुर्गम ग्रामीण आदिवासी क्षेत्रों में रह रहे जरूरतमंदों के बीच जाकर उन्हें ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े, कम्बल व गर्म भोजन के साथ मिठाई फल आदि अन्य कई तरह की दैनिक उपयोग की सामग्री हर वर्ष वितरित की जाती है। शहर की अन्य संस्थाओं को भी ठंड में जरूरतमंदों की सेवा में आगे आना चाहिए और नगर पालिका द्वारा अलग अलग क्षेत्रों में अलाव की व्यवस्था कर सडक़ो के किनारे ठिठुरते जरूरतमंद लोगों को रैन बसेरा में विस्थापित करना चाहिए। आयोजन को सफल बनाने में समिति संरक्षक राजेश मदान के साथ, साधक राजीव रंजन झा, श्रीमती नीतू झा, अजय देवकते, अनूप मालवीय, रविकांत आर्य, शैलेन्द्र रघुवंशी, धीरज मदान, मोहन मदान, अर्पणा झा, प्रणव झा, शैलेन्द्र बिहारिया, हिमांशु सोनी, दीप मालवीय सहित अन्य साधकों का सराहनीय योगदान रहा।