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सतपुड़ा प्लांट में काम करने वाली लोकनाथ कंपनी ने बदला अपना नाम, साथ ही ठेका श्रमिकों के गेट पास में भी की छेड़छाड़

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भारती भूमरकर 

  • वरिष्ठ अधिकारियों की सहमति के बिना गेट पास में छेड़छाड़ करने पर हो सकती है कानूनी कार्रवाई
  • 100 से अधिक ठेका श्रमिक पहुंचे जनसुनवाई में, सफेदा लगाने वाले इंचार्ज पर हुई कानूनी कार्रवाई की मांग
  • सतपुडा प्लांट के श्रम कल्याण अधिकारी ठेका श्रमिकों के मामले में रहते हैं मौन, श्रमिकों का शोषण करने वाली कंपनियों पर नहीं करते कोई कार्रवाई

सारणी प्लांट में काम करने वाली लोकनाथ कंपनी अलग-अलग तरीकों से स्थानीय ठेका श्रमिकों का दमन व शोषण कर रही है इस कंपनी में कार्यरत साइट इंचार्ज ने एक बार फिर अपनी मनमानी दिखाते हुए कार्यरत ठेका श्रमिकों के गेट पास में स्वरुचि से पद स्थान पर व्हाइटनर लगाकर ठेका श्रमिकों के पद व श्रेणी बदल दी। 


भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष राजेंद्र सागर, महामंत्री विनोद भारती, उपाध्यक्ष विनोद गाटे वरिष्ठ पदाधिकारी राजेश भारती ने बताया कि एक तो लोकनाथ कंपनी स्थानीय मजदूरों को उनकी श्रेणी के अनुरूप वेतनमान नहीं दे रही है और लगभग 100 श्रमिक कम लगाकर काम चला रही है इस संबंध में जब आवेदन निवेदन देकर कार्रवाई की मांग की गई तो श्रम विभाग द्वारा दिए गए नोटिस का भी जवाब कंपनी द्वारा नहीं दिया गया और अब कंपनी के साइड इंचार्ज शरद बेहरा और ऑपरेशन इंचार्ज अभिषेक राय ने ठेका श्रमिकों से से जबरन दिनांक 5 व 6 दिसंबर को उनके गेट पास लेकर पद स्थान जहां पर ऑपरेटर लिखा हुआ था वहां पर व्हाइटनर लगाकर रूट मेंन लिख दिया और ठेका श्रमिको को कह दिया कि अब सब ऑपरेटर, रूट मेन बन गए हैं और अकुशल श्रेणी में है। 


उक्त घटनाक्रम के उजागर होने के बाद सुरक्षा अधिकारी द्वारा तो तत्परता दिखाते हुए दिनांक 8 दिसंबर को कार्रवाई की गई इसके बाद लोकनाथ कंपनी द्वारा सभी ठेका श्रमिकों से गेट पास वापस ले लिए गए और अब भी बहुत से ठेका श्रमिकों को गेट पास नहीं दिए गये परंतु श्रमिकों के मामले से जुड़े श्रम कल्याण अधिकारी द्वारा इस मामले में कोई कार्रवाई अब तक नहीं की गई
प्राप्त जानकारी के अनुसार लोकनाथ कंपनी में जो ऑपरेशन इंचार्ज बनाए गए हैं वह भी कम डिग्री डिप्लोमा और योग्यता के हैं ठेका श्रमिकों द्वारा उचित वेतनमान की बात करने पर उनसे योग्यता के अनुसार दस्तावेज मांगे जाते हैं जबकि वहां कार्यरत हर ठेका श्रमिक को लगभग 5 या 6 वर्ष से अधिक का समय हो चुका है जबकि इंचार्ज कम योग्यता वाले व नए है ऐसे में शासन के उपक्रम सतपुड़ा प्लांट के कौल हैडलिग सिस्टम को नुकसान पहुंच सकता है

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