रणभूमि में रावण की गर्जना से गूंजा रामलीला मैदान रामलीला के अंतिम दिन राम- रावण युद्ध ने दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध
ब्यूरो रिपोर्ट
रणभूमि में रावण की गर्जना से गूंजा रामलीला मैदान
रामलीला के अंतिम दिन राम- रावण युद्ध ने दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध।
आज लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम में दहन होंगे रावण-कुंभकरण के पुतले, निकलेगा विजय जुलूस
बैतूल। श्री कृष्ण पंजाब सेवा समिति के तत्वावधान में रामलीला मैदान गंज में आयोजित रामलीला के अंतिम दिन बुधवार की रात दर्शकों को अद्भुत और रोमांचक दृश्य देखने को मिला, जब लंकेश्वर रावण स्वयं रणभूमि में उतर आया और भगवान श्रीराम के साथ भीषण युद्ध का मंचन हुआ। आदर्श इंद्रलोक रामलीला मंडल खजूरी के पारंगत कलाकारों ने मंचन के दौरान अपने अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
रावण की सेना के सभी योद्धाओं के मारे जाने के बाद भी जब रावण ने हार नहीं मानी और स्वयं युद्ध में उतरा, तो पंडाल में सन्नाटा छा गया। उसके गर्जन, चमत्कारिक शक्तियाँ और उग्र रूप ने माहौल को भयावह बना दिया। युद्ध के दौरान श्रीराम और रावण के बीच शक्तिशाली बाणों की बौछार होती रही। कभी रावण भारी पड़ता दिखा तो कभी श्रीराम की दिव्य शक्ति से वह पीछे हटता दिखा। युद्ध के कई ऐसे दृश्य भी आए जिन्हें देखकर बच्चे ही नहीं, बड़े दर्शक भी सहम उठे। तालियों की गूंज और राम नाम के जयघोष से पूरा पंडाल भक्तिमय हो गया।
– आज निकलेगा विजय जुलूस
रामलीला एवं दशहरा उत्सव के तहत आज गुरुवार 2 अक्टूबर की शाम श्री कृष्ण पंजाब सेवा समिति द्वारा भव्य विजय जुलूस निकाला जाएगा। समिति के मीडिया प्रभारी राजेश मदान ने बताया कि यह विजय जुलूस गंज स्थित श्री कृष्ण मंदिर से सायं 4 बजे प्रारंभ होकर 5 बजे लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम पहुँचेगा, जहाँ पर 55 फीट ऊँचे रावण और 50 फीट ऊँचे कुंभकरण के पुतलों का दहन किया जाएगा। समिति के सदस्य डांडिया खेलते हुए विजय जुलूस में सहभागी होंगे। जुलूस में समिति के पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में श्रद्धालु नागरिक शामिल रहेंगे।
पुतला दहन से पूर्व मंच पर युद्ध का अंतिम दृश्य मंचित किया जाएगा, जिसमें श्रीराम रावण का वध करेंगे। इसके बाद रंगीन आतिशबाजी का भव्य प्रदर्शन होगा, जो दशहरे की रात्रि को उल्लासमय बनाएगा। श्री कृष्ण पंजाब सेवा समिति के अध्यक्ष दीपक खुराना और अन्य पदाधिकारियों ने जिले वासियों से विजय जुलूस और दशहरा उत्सव में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेकर धर्म, संस्कृति और विजय के पर्व का गौरव बढ़ाने की अपील की है।