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तत्काल टिकटों का काला बाजार: दलालों की कमाई का ‘बॉट-ड्रिवन’ खेल, रेलवे ने 77 लाख अकाउंट ब्लॉक कर दी सख्ती

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वरिष्ठ अधिवक्ता भरत सेन 

**नई दिल्ली, 20 नवंबर 2025 (स्पेशल रिपोर्ट)**
तत्काल टिकट बुकिंग, जो यात्रियों की आखिरी उम्मीद होती है, अब दलालों के लिए ‘फटाफट कमाई’ का सुनहरा मौका बन चुकी है। ऑटोमेटेड बॉट्स की मदद से ये दलाल हाई-डिमांड ट्रेनों के टिकट चंद सेकंडों में हथिया लेते हैं और ब्लैक मार्केट में दोगुना-तिगुना दाम बेच देते हैं। लेकिन भारतीय रेलवे ने अब कमर कस ली है। फरवरी से अक्टूबर 2025 तक 77 लाख फर्जी अकाउंट्स ब्लॉक कर दिए गए हैं, जबकि एक महीने में ही 105 करोड़ फर्जी कोशिशें नाकाम की गईं। आखिर ये दलाल कैसे मुनाफा कमा रहे हैं और रेलवे क्या कदम उठा रहा है? आइए, इस ‘टिकट घोटाले’ की पूरी कहानी जानें।

#### दलालों का ‘बॉट आर्मी’ कैसे लूट रही है यात्रियों को?
तत्काल बुकिंग विंडो खुलते ही (सुबह 10 बजे एसी क्लास के लिए, 11 बजे नॉन-एसी के लिए) लाखों यात्री IRCTC वेबसाइट या ऐप पर जुट जाते हैं। लेकिन दलालों के पास ‘सुपरफास्ट’ हथियार हैं—ऑटोमेटेड सॉफ्टवेयर या बॉट्स। ये बॉट्स इंसानी स्पीड से कहीं तेज काम करते हैं, डेटा एंट्री को 35 सेकंड से पहले ही पूरा कर देते हैं (जबकि सामान्य यूजर को इतना समय लगता है)। खासतौर पर 100 हाई-डिमांड रूट्स पर ये हमला बोलते हैं, जहां रोजाना 2.5 लाख तत्काल टिकट बुक होते हैं—इनमें 80% तो पहले 15 मिनट में ही खत्म हो जाते हैं।

दलाल एक साथ हजारों फर्जी अकाउंट्स बनाते हैं, बॉट्स से टिकट बुक करवाते हैं और फिर प्लेटफॉर्म्स जैसे रेलवे एजेंट्स या ऑनलाइन मार्केट में ऊंचे दाम पर बेच देते हैं। अक्टूबर 2025 में ही 10.57 अरब (यानी 105 करोड़) फर्जी एक्सेस अटेम्प्ट्स रिकॉर्ड हुए, जो सिस्टम को धीमा करने और फायरवॉल तोड़ने की कोशिश थे। नतीजा? ईमानदार यात्री खाली हाथ रह जाते हैं, जबकि दलाल मोटा मुनाफा कमा लेते हैं।

#### रेलवे की ‘मल्टी-लेयर’ स्ट्रैटेजी: बॉट्स पर ब्रेक लगाने की कोशिश
भारतीय रेलवे ने 2025 में तत्काल सिस्टम को ‘फ्रॉड-प्रूफ’ बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। जुलाई से शुरू हुई नई पॉलिसी ने दलालों की कमर तोड़ दी है:

– **आधार अनिवार्य**: 1 जुलाई 2025 से तत्काल और प्रीमियम तत्काल टिकट बुकिंग के लिए आधार ऑथेंटिकेशन जरूरी। अब तक 2 करोड़ से ज्यादा यूजर्स ने आधार लिंक किया है—जून से दोगुना। 15 जुलाई से आधार-बेस्ड OTP वेरिफिकेशन भी जोड़ा गया, जिससे फर्जी अकाउंट्स पकड़े जा रहे हैं।
– **एजेंटों पर पाबंदी**: अधिकृत टिकटिंग एजेंट्स को पहले 30 मिनट (10:00-10:30 बजे एसी के लिए, 11:00-11:30 बजे नॉन-एसी के लिए) में तत्काल बुकिंग की मनाही। इससे सीधे यात्रियों को फायदा।
– **एंटी-बॉट टेक्नोलॉजी**: डायनामिक कैप्चा, IP एड्रेस को ‘रेपुटेशन स्कोर’ देना (संदिग्ध IP को ब्लॉक), बुकिंग स्टेप्स में सीक्वेंस चेक, और 35 सेकंड का टाइम गेट—ये सब बॉट्स को रोकते हैं। रेलवन वन ऐप को ‘ऐप शील्डिंग’ से मजबूत किया गया, ताकि रिवर्स इंजीनियरिंग न हो सके।
– **ब्लॉकिंग ड्राइव**: IRCTC की एंटी-फ्रॉड टीम ने फरवरी-अक्टूबर 2025 में 77 लाख यूजर आईडी सस्पेंड कीं, जिनमें 8.57 लाख बॉट अकाउंट्स शामिल। जून में ही 2.5 करोड़ संदिग्ध आईडी डीएक्टिवेट हुईं।

ये कदम 100 हाई-डिमांड ट्रेनों पर फोकस्ड हैं, जहां ज्यादातर फ्रॉड होता है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इनसे असली यात्रियों को 20-30% ज्यादा टिकट मिलने लगे हैं।

#### आगे क्या? यात्रियों के लिए राहत की उम्मीद
हालांकि अभी कोई नई योजना घोषित नहीं हुई, लेकिन रेलवे का फोकस एंटी-फ्रॉड सिस्टम को और मजबूत करने पर है। यात्रियों से अपील है: आधार लिंक करें, ऑफिशियल IRCTC ऐप यूज करें, और फर्जी वेबसाइट्स से बचें। अगर आपको भी तत्काल टिकट न मिले, तो हेल्पलाइन 139 पर शिकायत करें।

ये बदलाव न सिर्फ दलालों की जेब काटेंगे, बल्कि लाखों यात्रियों की उम्मीदें भी बचाएंगे। रेलवे की ये जंग जारी है—क्या दलाल हार मानेंगे? वक्त बताएगा।

*(रिपोर्ट: ग्रोक न्यूज डेस्क। स्रोत: IRCTC आधिकारिक अपडेट्स और हालिया सर्वे।)*