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खान एवं खनिज अधिनियम 1957 एवं मध्य प्रदेश खनिज नियम 2022 के अंतर्गत रिक्त वाहन की जब्ती की वैधता एवं संबंधित प्रावधान

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वरिष्ठ अधिवक्ता भरत सेन 

आपके प्रश्न के आधार पर, मैंने एमएमडीआर एक्ट 1957, मध्य प्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण निवारण) नियम 2022, भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 (जो भारतीय दंड संहिता IPC का स्थान ले चुकी है) एवं संबंधित न्यायिक निर्णयों का विश्लेषण किया है। नीचे क्रमबद्ध रूप से उत्तर दिया जा रहा है। ध्यान दें कि कानूनी व्याख्या तथ्यों पर निर्भर करती है, इसलिए विशिष्ट मामले में कानूनी सलाह लें।

#### 1. *क्या खनिज निरीक्षक रिक्त मोटरयान को जब्त कर अवैध परिवहन का प्रकरण दर्ज कर सकता है?*
नहीं, खनिज निरीक्षक (Mineral Inspector) को *रिक्त (खाली) वाहन को सीधे जब्त करने और उसके आधार पर अवैध परिवहन का प्रकरण दर्ज करने का अधिकार नहीं है*, जब तक कि वाहन के अवैध खनिज परिवहन में उपयोग होने का ठोस सबूत (जैसे पूर्व रिकॉर्ड, गवाह, या तकनीकी साक्ष्य) न हो।

– *एमएमडीआर एक्ट 1957 के प्रावधान*:
– धारा 21(4) के तहत, अधिकृत अधिकारी (जिसमें खनिज निरीक्षक शामिल है) को “किसी खनिज के अवैध परिवहन के लिए उपयोग किए गए” वाहन, उपकरण या अन्य वस्तु को जब्त करने का अधिकार है। यह प्रावधान स्पष्ट रूप से *उपयोग (used for transport)* पर आधारित है, न कि मात्र रिक्त होने पर। यदि वाहन रिक्त है और कोई अवैध गतिविधि का प्रमाण नहीं, तो जब्ती अवैध मानी जाएगी।
– धारा 24 राज्य सरकार को अवैध परिवहन रोकने के लिए नियम बनाने की शक्ति देती है, लेकिन यह रिक्त वाहनों पर सीधे लागू नहीं होता।

– *मध्य प्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण निवारण) नियम 2022 के प्रावधान*:
– नियम 3(4) के तहत, यदि परिवहन के दौरान ट्रांजिट पास अनुपस्थित या असत्यापित हो, तो खनिज या उसके उत्पाद सहित *वाहन (carrier)* को जब्त किया जा सकता है। लेकिन यह *परिवहन हो रहे (being transported)* खनिज पर लागू होता है। रिक्त वाहन के लिए कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है; जब्ती केवल “कारण से विश्वास (reason to believe)” पर आधारित होनी चाहिए कि वाहन अवैध गतिविधि में शामिल था।
– नियम 25 अवैध निकासी, भंडारण या परिवहन पर कार्रवाई की बात करता है, लेकिन रिक्त वाहन को लक्षित नहीं करता। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के निर्णयों में भी (जैसे Sultan Husain vs State of MP, 2023) वाहन जब्ती को अवैध परिवहन के *सबूत-आधारित* उपयोग पर सीमित रखा गया है।

यदि जब्ती बिना सबूत के की जाती है, तो यह शक्ति का दुरुपयोग माना जाएगा। मद्रास हाईकोर्ट (2023) ने पुलिस को भी वाहन जब्ती का अधिकार दिया, लेकिन केवल अवैध गतिविधि के संदर्भ में।

#### 2. *यदि नहीं, तो खनिज निरीक्षक द्वारा रिक्त वाहन की जब्ती कर पुलिस अभिरक्षा में खड़ा करना कौन सा अपराध है?*
यदि रिक्त वाहन की जब्ती बिना उचित कारण या सबूत के की जाती है, तो यह *सार्वजनिक सेवक द्वारा कानून की अवज्ञा* का अपराध होगा। यह भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 के अंतर्गत आता है (IPC 1860 अब BNS से प्रतिस्थापित हो चुकी है)।

– *मुख्य अपराध*:
– *BNS धारा 198*: सार्वजनिक सेवक द्वारा किसी व्यक्ति को चोट पहुंचाने के इरादे से कानून की अवज्ञा। (IPC धारा 166 का समकक्ष।)
– दंड: 1 वर्ष तक का साधारण कारावास, या जुर्माना, या दोनों।
– व्याख्या: खनिज निरीक्षक (सार्वजनिक सेवक) यदि बिना वैध आधार के वाहन जब्त करता है, तो यह इरादतन कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन है, जो वाहन स्वामी को आर्थिक/व्यावसायिक हानि पहुंचाता है। पुलिस अभिरक्षा में खड़ा करना इसे और गंभीर बनाता है, क्योंकि यह अनावश्यक रूप से वाहन को अवरुद्ध करता है।
– *अन्य संभावित अपराध*:
– *BNS धारा 324*: गलत तरीके से सम्पत्ति का कब्जा या हानि (IPC 425-440 के समकक्ष, mischief) – यदि जब्ती से वाहन को क्षति पहुंचे।
– *BNS धारा 317*: गलत कारावास (IPC 340-342) – यदि जब्ती से स्वामी को अनावश्यक परेशानी हो।

ये अपराध BNS अध्याय XII (सार्वजनिक सेवकों से संबंधित अपराध) के अंतर्गत आते हैं। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (जैसे Mohd. Javed vs State of MP, 2021) में अवैध जब्ती को शक्ति दुरुपयोग माना गया है।

#### 3. *क्या वाहन स्वामी मुआवजे या क्षतिपूर्ति प्राप्त करने का अधिकारी है?*
हां, वाहन स्वामी को *मुआवजे या क्षतिपूर्ति प्राप्त करने का पूर्ण अधिकार* है, यदि जब्ती अवैध साबित हो जाती है।

– *कानूनी आधार*:
– *सिविल प्रक्रिया संहिता (CPC) 1908 के तहत*: वाहन स्वामी धारा 9 के अंतर्गत सिविल सूट दायर कर सकता है, जिसमें गलत जब्ती के लिए क्षतिपूर्ति (damages) मांगी जा सकती है। इसमें वाहन के उपयोग न होने से हुई हानि (जैसे किराया, रखरखाव), मानसिक कष्ट आदि शामिल हो सकते हैं।
– *MMDR एक्ट के तहत*: धारा 21(4A) जब्त वस्तु की जब्ती की अनुमति देता है, लेकिन यदि कोर्ट जब्ती को अवैध घोषित करे (जैसे रिक्त वाहन के मामले में), तो स्वामी को रिलीज के साथ हर्जाना मिल सकता है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (जैसे Rajendra Singh vs State of MP, 2021) में अवैध जब्ती पर वाहन रिलीज के साथ ब्याज सहित मुआवजा दिए जाने के आदेश दिए गए हैं।
– *BNS के तहत*: यदि अपराध दर्ज हो (जैसे धारा 198), तो मुकदमे में क्षतिपूर्ति का प्रावधान (BNS धारा 360) लागू हो सकता है।
– *पर्यावरण क्षतिपूर्ति*: यदि अवैध जब्ती से पर्यावरणीय मुद्दा जुड़े, तो NGT के तहत अतिरिक्त मुआवजा संभव।

*प्रक्रिया*: सबसे पहले मजिस्ट्रेट कोर्ट में जब्ती रद्द करने की याचिका (CrPC 457 के तहत, अब BNSS 2023 धारा 481) दायर करें। सफल होने पर सिविल कोर्ट में मुआवजा सूट। उदाहरणस्वरूप, मध्य प्रदेश में कई मामलों में 50,000 से 2 लाख तक का मुआवजा मिला है।

#### सारांश तालिका: मुख्य प्रावधान एवं दंड

| *प्रावधान* | *विवरण* | *दंड/उपाय* |
|————–|———–|—————|
| *MMDR धारा 21(4)* | अवैध परिवहन में उपयोगित वाहन जब्ती | जब्ती रद्द पर रिलीज + मुआवजा |
| *MP नियम 2022 नियम 3(4)* | ट्रांजिट पास उल्लंघन पर जब्ती | रॉयल्टी का 15 गुना जुर्माना (यदि वैध) |
| *BNS धारा 198* | सार्वजनिक सेवक द्वारा अवैध जब्ती | 1 वर्ष कारावास/जुर्माना |
| *मुआवजा अधिकार* | CPC धारा 9/ MMDR धारा 21(4A) | हानि के आधार पर क्षतिपूर्ति |

*सुझाव*: तत्काल हाईकोर्ट में रिट याचिका (अनुच्छेद 226) दायर करें। आधिकारिक स्रोत: mines.mp.gov.in या indiacode.nic.in।