सेक्स रैकेट आरोपी से मिलते जुलते नाम से प्रकाशनिक चूक के चलते मानसिक और सामाजिक प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा विजय सोलंकी को
ब्यूरो रिपोर्ट
आमला – कभी कभी बैठे बिठाये मुसीबत कैसे आती है ये विजय सोलंकी से ज्यादा अच्छा कोई नहीं जान सकता। जिनका दो दिनों से जीना दुश्वार हो गया है। और मानसिक प्रताड़ना तथा सामाजिक प्रतिष्ठा की क्षति का भी बेवजह शिकार होना पड़ा।
दरअसल विगत 3 अक्टूबर को आमला पुलिस ने बस स्टेण्ड आमला स्थित जयभोले होटल मे अवैध सेक्स गतिविधियो के संबंध मे सूचना प्राप्त होने पर थाना प्रभारी आमला द्वारा पुलिस बल के साथ जयभोले होटल पर छापा मारा गया था। जिसमे होटल मालिक भीमराव पारधी , मनीषा पारधी एवं विजय सोलंकी पुलिस को देखकर भागने का प्रयास करने लगे , जिन्हे पकड लिया गया। पूछताछ के दौरान जानकारी मिली कि एक युवती भी कुछ समय पूर्व ही होटल मे थी जो भाग गयी ।
मालिक भीमराव पारधी, ऐसे अवैध गतिविधियो मे उसका साथ देने वाली महिला मनीषा पारधी तथा किसी महिला से मिलने हेतु उपस्थित व्यक्ति विजय सोलंकी को मौके पर धारा 170 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत गिरफ्तार किया गया एवं न्यायिक निरोध मे भिजवाया गया । जिसके बाद उक्त खबर की प्रेस विज्ञप्ति प्रकाशनार्थ पुलिस द्वारा जारी कर दी गई।
लेकिन गड़बड़ ये हुई की आरोपित विजय सोलंकी के नाम के साथ उसकी पहचान यानी पिता का नाम एवं निवास स्थान का उल्लेख नहीं किया गया। विज्ञप्ति के आधार पर समाचारो में भी उक्त खबर वैसी ही प्रकाशित हो गई।
समाचार प्रकाशन के बाद सेक्स रैकेट आरोपी से मिलते जुलते नाम से आमला के ही एक स्कूल संचालक विजय सोलंकी पिता श्री दुलीचंद सोलंकी आमला को फोन आने लगे। लोग सोशल मीडिया पर ट्रोल करते दिखाई दिए। व्हाट्सएप ग्रुपों में चर्चाये होने लगी। जिससे स्कूल संचालक विजय सोलंकी को मानसिक रूप से प्रताड़ित होना पड़ा तथा सामाजिक प्रतिष्ठा भी बेवजह धूमिल हुई।
जिसकी पीड़ा उनके द्वारा एससीएन न्यूज इंडिया से व्यक्त की। जिस पर मामले की गंभीरता को देखते हुए हमारी टीम सक्रीय हुई और बैतूल संवाददाता नीता वराठे द्वारा तत्काल पुलिस कंट्रोल रूम से संपर्क स्थापित कर घटना की जानकारी दी। एवं थाना आमला टीआई से संपर्क कर जानकारी जुटाई।
थाना प्रभारी आमला ने बताया की पकड़ा गया आरोपित युवक विजय सोलंकी पिता दसरू सोलंकी , निवासी कुसरी आठनेर का है। जो गिरफ्तार कर लिया गया है।
किन्तु प्रेस नोट में चूक की वजह से एक सभ्य व्यक्ति को मानसिक रूप से प्रताड़ित होना पड़ा। जिससे उनकी सामजिक छबि भी धूमिल हुई। इसके लिए कौन जिम्मेदार है।