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Bhopal

क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पलमोनरी डिजीज (COPD) मृत्यु का चौथा सबसे बड़ा कारण

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ब्यूरो रिपोर्ट 

वर्ल्ड क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पलमोनरी डिजीज डे (COPD) आज आयोजित किया गया। इस अवसर पर स्वास्थ्य संस्थाओं में सीओपीडी के लक्षणों, बचाव, रोकथाम एवं उपचार के विषय पर जानकारी दी गई। स्वास्थ्य संस्थाओं में वृद्धजनों की मेडिकल हिस्ट्री, स्मोकिंग हैबिट्स, बायोफ्यूल के उपयोग, पर्यावरणीय स्थितियों की जानकारी लेकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्कूली बच्चों को इस समस्या की जानकारी देकर पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस वर्ष यह दिन Know your lung function की थीम पर मनाया गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार सीओपीडी वैश्विक स्तर पर मृत्यु के चार प्रमुख कारणों में से एक है। 2021 में दुनिया भर में लगभग 35 लाख लोगों की मौत सी ओपीडी से हुई थी। सीओपीडी गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) की रोकथाम और नियंत्रण के लिए डब्ल्यूएचओ वैश्विक कार्य योजना और सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल के लिए संयुक्त राष्ट्र 2030 एजेंडा में शामिल है। सीओपीडी से प्रभावित व्यक्ति वर्षों तक लगातार अस्वस्थ बना रहता है एवं रोग जनित जटिलताओं के कारण उसकी मृत्यु तक हो सकती है।

सीओपीडी सामान्यतः रोकथाम और उपचार योग्य बीमारी है। इस बीमारी में रोगी, वायु में उपलब्ध हानिकारक कणों की सतत आवृति से उत्पन्न अल्वेलर एब्नार्मल्टीज के कारण श्वसन तंत्र संबंधी परेशानियों से लगातार ग्रस्त रहता है। इससे प्रभावित व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई होती है। फेफड़ों में सूजन हृदय रोग एवं फेफड़े का कैंसर भी इस समस्या के कारण से हो सकता है। इन लोगों को फेफड़ों में संक्रमण, फ्लू, निमोनिया, लंग कैंसर, ह्रदय संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा भी अधिक होता है।

स्वास्थ्य संस्थाओं में आयोजित परामर्श एवं जागरूकता कार्यक्रमों में बताया गया कि सीओपीडी की समस्या मुख्यतः धूम्रपान और वायु प्रदूषण के कारण होती है। इस बीमारी को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन धूम्रपान और वायु प्रदूषण से बचाव , जीवनचर्चा में परिवर्तन और नियमित इलाज से मरीज की स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सकता है। सीओपीडी के सबसे आम लक्षण सांस लेने में कठिनाई होना, लंबी और पुरानी खांसी और थकान है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि समय से पहले जन्म, बचपन में बार-बार या गंभीर श्वसन संक्रमण, अस्थमा की स्थिति में सीओपीडी होने की संभावना बढ़ जाती है। अल्फा-1 एंटीट्रिप्सिन की कमी नामक एक दुर्लभ आनुवंशिक स्थिति होने पर सीओपीडी की स्थिति बनती है।

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