सरकारी जमीन के अतिक्रमण के खिलाफ जिला प्रशासन की बड़ी कार्रवाई
ब्यूरो रिपोर्ट
एसडीएम लश्कर के नेतृत्व में गई संयुक्त टीम ने बाउण्ड्रीवॉल सहित अन्य अतिक्रमण ध्वस्त कराए
शहर के बीचों बीच तारागंज कोटा लश्कर स्थित श्री रामजानकी मंदिर ट्रस्ट की लगभग पौने नौ बीघा सरकारी जमीन को शनिवार को जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण मुक्त कराया गया। कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान के निर्देश पर गई जिला प्रशासन, नगर निगम एवं पुलिस की संयुक्त टीम ने इस जमीन को घेरने के लिये बनाई गई बाउण्ड्रीवॉल व अन्य अतिक्रमण जेसीबी मशीन एवं नगर निगम के मदाखलत दस्ते की मदद से ध्वस्त कराए। जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने के लिए की गई इस बड़ी कार्रवाई में मुक्त कराई गई माफी औकाफ की सरकारी जमीन की कीमत लगभग 100 करोड़ रूपए आंकी गई है।
ज्ञात हो गत 18 नवम्बर को कलेक्टर श्रीमती चौहान ने श्री रामजानकी मंदिर ट्रस्ट की जमीन का निरीक्षण किया। इस मंदिर से जुड़ी माफी औकाफ की जमीन पर वाउंड्रीवॉल पाई जाने पर उन्होंने वाउंड्रीवॉल बनाने वाले के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने और अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे। इस परिपालन में यह कार्रवाई की गई है।
शनिवार को एसडीएम लश्कर श्री नरेन्द्र बाबू यादव के नेतृत्व में गई संयुक्त टीम ने श्री रामजानकी मंदिर ट्रस्ट की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया। उन्होंने बताया कि इस जमीन पर मनोहरलाल भल्ला द्वारा बाउण्ड्रीवॉल बनाकर प्लॉट बेचने की तैयारी की जा रही थी। जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई कर न केवल वेशकीमती सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया है, बल्कि बहुत से भोले भाले लोगों को प्लॉट की जालसाजी में फँसने से बचाया है।
क्षेत्रीय राजस्व निरीक्षक श्री प्रदीप महाकाली व पटवारी श्री इकबाल खान की रिपोर्ट पर नायब तहसीलदार डॉ. रमाशंकर सिंह के न्यायालय में मध्यप्रदेश भू-संहिता की धारा-248 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था। इस प्रकरण में विधिवत आदेश पारित कर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई है।
शनिवार को अतिक्रमण हटाने के लिये गई टीम में तहसीलदार ग्वालियर श्री शिवदत्त कटारे व नायब तहसीलदार डॉ. रमाशंकर सिंह, नगर निगम के मदाखलत अधिकारी श्री केशव सिंह चौहान व थाना प्रभारी श्री विपेन्द्र सिहं चौहान सहित क्षेत्रीय आरआई, पटवारी व नगर निगम के मदाखलत दस्ता के कर्मचारी शामिल थे।
कलेक्टर श्रीमती चौहान ने जिले के सभी एसडीएम को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र में मंदिरों से जुडी माफी-औकाफ की जमीन को सुरक्षित करें। यदि कहीं पर अतिक्रमण हो तो उसे अभियान बतौर हटाएं। उन्होने कहा है माफी-औकाफ की जमीन का बेहतर से बेहतर प्रबंधन कर मंदिरों में आवश्यक कार्य कराए जाएं।