अगले 15 दिनों में उत्तर भारत में तीन शक्तिशाली WD आएंगे, पूरे भारत में मौसम की बड़ी हलचल
उत्तर और मध्य भारत को इस मौसम की पहली महत्वपूर्ण बारिश के लिए तैयार रहना चाहिए क्योंकि कई महीनों तक सूखे की स्थिति के बाद पश्चिमी विक्षोभ की एक श्रृंखला मौसम के मिजाज को बदलने के लिए तैयार है।
अगले 10-15 दिनों में, तीन अलग-अलग पश्चिमी विक्षोभों के कारण उत्तरी, मध्य और पूर्वी भारत में अलग-अलग स्तर की बारिश होने की उम्मीद है। पहाड़ी इलाकों में भारी बर्फबारी तय है, जबकि मैदानी इलाकों में व्यापक ओलावृष्टि हो सकती है। इस बदलाव से पहाड़ों में बर्फ का जमाव बढ़ेगा और मैदानी इलाकों में घना कोहरा और कड़ाके की ठंड आएगी।
आगामी पश्चिमी विक्षोभों का कार्यक्रम
1. पहला पश्चिमी विक्षोभ (22-25 दिसंबर):
एक मध्यम प्रणाली के कारण पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हल्की बारिश होने की उम्मीद है। कोहरा बढ़ेगा और इन क्षेत्रों में दिन के समय ठंड बढ़ेगी।
2. दूसरा पश्चिमी विक्षोभ (25-30 दिसंबर):
यह सबसे ज़्यादा असरदार सिस्टम होने की संभावना है। यह पूरे उत्तर भारत (पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान), मध्य भारत (गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र) और पूर्वी भारत (बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल) में हल्की से मध्यम बारिश लाएगा। कुछ इलाकों में भारी बारिश और ओलावृष्टि संभव है।
3. तीसरा पश्चिमी विक्षोभ (2-5 जनवरी):
नए साल की शुरुआत हल्की बारिश से हो सकती है, जिसका असर मुख्य रूप से उत्तरी मैदानी इलाकों पर पड़ेगा।
इसका क्या असर होगा?
पहाड़:
जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बर्फबारी की संभावना है, जिससे तापमान में भारी गिरावट आएगी। इन विक्षोभों के बाद मैदानी इलाकों में भीषण शीत लहरें चलेंगी।
मैदानी:
हालांकि चल रही ठंड कुछ समय के लिए कम हो सकती है, लेकिन बारिश के बाद कई दिनों तक घना कोहरा और धुंध छाए रहने की संभावना है।
मध्य और पश्चिमी भारत में बारिश-ठंड का दुर्लभ संयोग:
राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे क्षेत्रों में लंबे समय तक सूखे के बाद ठंड और बारिश का दुर्लभ मिश्रण देखने को मिलेगा।
तापमान में उतार-चढ़ाव
बारिश से पहले और उसके दौरान तापमान में थोड़ी वृद्धि हो सकती है, लेकिन आसमान साफ होने के बाद इसमें गिरावट आने की उम्मीद है। इन विक्षोभों के कारण दक्षिणी भारत में भी हल्की बारिश हो सकती है, जिसका असर तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल पर पड़ेगा।
उत्तर भारत के लिए जनवरी में बारिश:
जनवरी में उत्तर भारत में बारिश होने की संभावना है, क्योंकि इस क्षेत्र में कई पश्चिमी विक्षोभ संभावित रूप से प्रभाव डाल सकते हैं।